जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: संसद के उच्च सदन यानी राज्यसभा के लिए चुनाव होने जा रहे हैं। इसके लिए तमाम राजनीतिक दलों की ओर से उम्मीदवार घोषित किए जा रहे हैं और ज़्यादा सीटें हासिल करने के लिए समीकरण भी बैठाए जा रहे हैं। बीजेपी राज्य सभा उम्मीदवारों की सूची आज जारी कर सकती है। उत्तर प्रदेश से आठ उम्मीदवारों की सूची, बिहार से दो उम्मीदवारों की सूची जारी होगी। जबकि महाराष्ट्र से भी दो उम्मीदवारों की सूची जारी की जाएगी।
एनडीए की झोली में गिरेंगीं यूपी की सबसे ज्यादा सीटें
राज्यों में सबसे पहले बात सबसे बड़े राज्य यूपी की कर लेते हैं, क्योंकि उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने एक बार फिर प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाई है, तो ऐसे में ये साफ हो चुका है कि फिर एक बार यूपी की सबसे ज्यादा सीटें एनडीए की झोली में गिरेंगीं। इस बार एनडीए 11 सीटों में से 8 सीटों पर आसानी से जीत दर्ज करता दिखाई दे रहा है। यूपी से बीजेपी के राज्यसभा उम्मीदवारों के पैनल में जफर इस्लाम, शिव प्रताप शुक्ला, संजय सेठ, सुरेंद्र नागर, जयप्रकाश निषाद, लक्ष्मीकान्त वाजपेई और पूर्व उपमुख्यमंत्री डाक्टर दिनेश शर्मा जैसे नाम शामिल हैं। सपा गठबंधन भी तीन सीटों पर जीत दर्ज कर सकता है, लेकिन बसपा और कांग्रेस के खाते में इस बार कोई भी सीट जाती नहीं दिख रही है। सपा ने कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल, सपा के पूर्व राज्य सभा सदस्य जावेद अली और राष्ट्रीय लोक दल प्रमुख जयंत चौधरी को अपना राज्यसभा उम्मीदवार घोषित किया है।
बिहार की स्थिति
बिहार से राज्यसभा की पांच सीटों के लिए चुनाव होने जा रहे हैं। पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों का ऐलान करना भी शुरू कर दिया है। बीजेपी यहां से एक ब्राह्मण और एक पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवार को सीट देने के मूड में हैं। ब्राह्मण चेहरा सतीश दुबे और एक अन्य पिछड़ा वर्ग से उम्मीदवार होगा। बिहार में सीटों की संख्या में कम होने के चलते नीतीश कुमार की जेडीयू के इस बार सिर्फ एक सीट के साथ समझौता करने की संभावना है। जेडीयू से टिकट के मुख्य दावेदार केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह हैं, जिनका कार्यकाल खत्म होने वाला है। किसे जेडीयू उम्मीदवार बनाएगी, इसको लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है।
महाराष्ट्र की स्थिति
महाराष्ट्र में बीजेपी के पास दो सीटों पर जीत के लिए पर्याप्त संख्या बल है। एक नाम पीयूष गोयल का लगभग तय है। ऐसा भी हो सकता है कि पीयूष गोयल को किसी दूसरे राज्य से राज्य सभा भेजा जाए। सत्ता रूढ़ शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस अगल-अलग अपने एक-एक प्रत्याशी को जीत दिला सकते हैं, लेकिन तीनों के गठबंधन के चलते एक और उम्मीदवार को वो राज्यसभा भेज सकते हैं। इस संख्या बल के चलते शिवसेना ने दो सीटों के लिए अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है, जिसे एनसीपी की तरफ से भी हरी झंडी है।