Monday, June 30, 2025
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रिश्वतखोर लेखपाल गिरफ्तार

  • करीब छह माह से पीड़ित को पैमाइश के नाम पर कटवा रहा था तहसील के चक्कर

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: एंटी करप्शन की टीम ने तहसील सदर में एक लेखपाल को पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ दबोच लिया। लेखपाल सरकारी रास्ते और खेत की जांच पड़ताल व पैमाइश के नाम पर एक किसान को लंबे समय से परेशान कर रहा था। भ्रष्टाचारी लेखपाल अपनी यूनियन का भी अध्यक्ष हैं। भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।

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इंचौली थाना क्षेत्र गांव धनपुर निवासी संदीप यादव भावनपुर और औरंगशाहपुर डिग्गी क्षेत्र का लेखपाल है। संदीप यादव वर्तमान में मेरठ लेखपाल संघ का अध्यक्ष है। भावनपुर निवासी किसान रिंकू ने गांव के खसरा संख्या-163 सरकारी रास्ता निकलवाने व 430 नंबर खेत की पैमाइश करवाने के लिए एसडीएम के यहां गत 30 जून, 2023 को प्रार्थनापत्र दिया था। किसान रिंकू ने करीब डेढ़ माह पहले तहसील में भी शिकायत की थी। रिंकू का आरोप है कि कई बार धनपुर निवासी लेखपाल संदीप यादव से खेत व सरकारी रास्ते की पैमाइश करने व 432 खेत की शुद्धिकरण के लिए कहा था।

लेखपाल काफी समय से उसे टालता रहता था। कभी कहता है कि डोलबंदी का मुकदमा डाल दो। कभी कहता है कि धारा 24 में मुकदमा डाल दो। जब भी वह उसके पास जाता तो हर बार उसे परेशान किया जाता था। रिंकू ने बताया कि चार दिन पहले उसने लेखपाल संदीप यादव से फोन पर पैमाइश कराने की बात की। उसने जवाब दिया कि तहसील आकर मिल लेना। वह तहसील गया तो उसने कहा कि खर्चा पानी देना पड़ेगा।

लेखपाल ने उससे पैमाइश करने के नाम के 20 हजार रुपये मांगे और उसे दो-तीन बाद मिलने के लिए कहा। रिंकू ने बताया कि इस मामले में उसने एंटी करप्शन विभाग में संपर्क किया और लेखपाल द्वारा रिश्वत मांगे जाने की शिकायत की। गुरुवार सुबह 10 बजे उसने लेखपाल संदीप यादव को फोन किया और मिलने के लिए कहा। लेखपाल ने उसे तहसील में दो बजे आने का समय दिया।

जब वह लेखपाल से मिलने दो बजे तहसील में गया तो उसने फाइल निकलवाने के लिए कहा। इस पर लेखपाल ने कहा कि खर्चा पानी दे दो। इस पर रिंकू ने संदीप यादव को पांच हजार रुपये उसके हाथ में थमा दिए। बस फिर क्या था? एंटी करप्शन की टीम ने रंगेहाथ पांच हजार की रिश्वत लेते हुए लेखपाल संदीप यादव को दबोच लिया। एंटी करप्शन की टीम संदीप यादव को हिरासत में लेकर सदर थाने पहुंची और आरोपी को लॉकअप में बंद कर दिया।

लेखपाल को ट्रेप करने वाली थी टीम

तहसील सदर में लेखपाल संदीप यादव के ट्रेप के लिए एंटी करप्शन की टीम में ट्रेप प्रभारी दुर्गेश कुमार, प्रभारी रामसहाय यादव, इंस्पेक्टर अंजु, अमृतपाल सिंह, सिपाही संजीव चौहान, आकाश, अनंतपाल आदि शामिल रहे। सदर थाने में एंटी करप्शन की ओर से मुकदमा दर्ज कराया। सदर थाने में अपराध संख्या 141/23, 7 भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

भ्रष्टाचार में डूबा सरकारी विभाग, कौन लगाये अंकुश?

भ्रष्टाचार पर सरकारी विभागों में अंकुश नहीं लग पा रहा हैं। पहले आरटीओ में क्लर्क भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार हुआ। फिर नगर निगम में रिश्वत लेते हुए इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी खासी चर्चा में रही। फिर से नगर निगम में दो कर्मियों को भ्रष्टाचार में संलिप्त पाया, जिसमें एक मौके से गिरफ्तार हो गया, जबकि दूसरा भाग निकला। यही नहीं, मेरठ विकास प्राधिकरण की महिला क्लर्क भी भ्रष्टाचार के मामले में एंटी करप्शन की टीम ने गिरफ्तारी की थी।

अब तहसील में लेखपाल को एंटी करप्शन की टीम ने गिरफ्तार किया हैं। इस तरह से एंटी करप्शन ताबड़तोड़ भ्रष्टाचार के खिलाफ काम कर रही हैं, लेकिन सरकारी विभागों में फिर भी भ्रष्टाचार खत्म नहीं हो रहा हैं। मुख्यमंत्री योगी जीरो टोलरेंस की नीति पर काम करने की बात करते हैं, लेकिन सरकारी सिस्टम भ्रष्टाचार में डूबा हुआ हैं। जनपद के विभिन्न विभागों में एंटी कप्शन टीम के द्वारा लगातार की जा रही बड़ी कार्रवाई के बाद भी सरकारी महकमों में भ्रष्टाचार कम होने का नाम नहीं ले रहा। एंटी करप्शन टीम के द्वारा भ्रष्टाचार के मामलों में अब तक चार सरकारी कर्मचारियों को जेल भेजा जा चुका है, जबकि निगम के गृहकर विभाग का इंस्पेक्टर फरार चल रहा है,

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लेकिन उसके बाद भी निडर होकर सरकारी कर्मचारियों के द्वारा रिश्वत लेने के मामले सामने आ रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सभी विभागों में अधिकारियों को जीरो टोलरेंस (भ्रष्टाचार मुक्त) नीति के तहत कार्य करने के लिए आदेशित किया गया है। बावजूद उसके अधिकतर विभागों में अधिकारी एवं कर्मचारियों को बिना रिश्वत दिए काम नहीं होता। उधर, जब पीड़ित अधिकारी एवं कर्मचारी के चक्कर काटकर थक जाता है तो वह फिर एंटी करप्शन टीम का सहारा लेता है। जिसके बाद पीड़ित व्यक्ति को संपर्क में लेकर एंटी करप्शन टीम के द्वारा जाल बिछाकर रिश्वत लेने वाले अधिकारी एवं कर्मचारी को धर दबोचा जाता है।

जिसमें तमाम सिफारिशों के बाद भी एंटी करप्शन टीम के द्वारा उक्त आरोपी को नहीं छोड़ा जाता और उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत लिखापढ़ी कर संबंधित थाने में रिपोर्ट दर्ज कराकर जेल भेज दिया जाता है। गुरुवार को भी सदर तहसील में लेखपाल संघ के अध्यक्ष संदीप यादव को पांच हजार रुपये की रिश्वत लेने के मामले में पकड़ा और सदर थाने में उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत लिखापढ़ी कराकर मुकदमा पंजीकृत कराया गया। पूर्व में नगर निगम के हाउस टैक्स विभाग में कार्यरत लिपिक नवल सिंह पांच हजार रुपये की रिश्वत लेने के मामले में पकड़ा गया था, जिसमें वह हाल ही में जेल से जमानत पर छूटकर आया है।

जिस दिन वह जेल से जमानत पर छूटकर आया। उसके अगले ही दिन हाउस टैक्स विभाग में ही रिश्वत मांगने के मामले में गृहकर विभाग के इंस्पेक्टर जितेंद्र अग्रवाल व उसके सहयोगी कर्मचारी मुन्नवर के खिलाफ थाना देहली गेट में एंटी करप्शन टीम के द्वारा मुकदमा पंजीकृत कराया गया। इंस्पेक्टर जितेंद्र अग्रवाल मौके से फरार होने में कामयाब रहा ओर मुन्नवर को टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा ओर लिखापढ़ी के बाद जेल भेज दिया, जबकि जितेंद्र अग्रवाल अभी तक हत्थे नहीं चढ़ सका। सरकारी सिस्टम भ्रष्टाचार में डूबा हुआ हैं। एक के बाद एक भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन अंकुश किसी विभाग में नहीं लग रहा हैं।

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