जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: दिल्ली से वाराणसी के बीच प्रस्तावित बुलेट ट्रेन का सबसे अधिक फायदा गौतमबुद्ध नगर जिले को मिलेगा। यहां बुलेट ट्रेन के दो स्टेशन होंगे। पहला स्टेशन नोएडा सेक्टर-148 और दूसरा नोएडा एयरपोर्ट के पास बनाने की योजना है।
दिल्ली से वाराणसी के बीच 865 किमी लंबे रूट पर नेशनल हाईस्पीड रेल कॉरपोरेशन बुलेट ट्रेन चलाने की योजना पर काम कर रहा है। वैसे तो इस ट्रेन से उत्तर प्रदेश के कई शहरों के लोगों को लाभ मिलेगा, लेकिन सबसे ज्यादा फायदा जिले को होगा। यह पहला जिला है जहां दो स्टेशन प्रस्तावित हैं।
नोएडा एयरपोर्ट के टर्मिनल-वन के नजदीक स्टेशन बनेगा। इससे एयरपोर्ट के यात्रियों को फायदा मिलेगा। बुलेट ट्रेन से चार घंटे में दिल्ली से वाराणसी का सफर तय होगा। सराय काले खां से चलने के बाद सबसे पहले बुलेट ट्रेन नोएडा के सेक्टर-148 में रुकेगी।
नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नियाल) से इस बाबत रिपोर्ट मांगी है। हाईस्पीड रेल कॉरिडोर की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कराने के लिए नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन पहले ही टेंडर निकाल चुका है।
अब स्टेशन व कॉरिडोर को तय किया जा रहा है। नोएडा एयरपोर्ट से दिल्ली की कनेक्टिविटी को देखते हुए जिले में दो स्टेशन प्रस्तावित किए गए हैं। नियाल के अधिकारियों ने बताया कि डीपीआर तैयार होने के बाद ही सही स्थिति का पता चल सकेगा।
दिल्ली से नोएडा एयरपोर्ट की इससे बेहतर कनेक्टिविटी नहीं हो सकती। नोएडा में स्टेशन बनने से नोएडा-ग्रेटर नोएडा के अलावा गाजियाबाद व आसपास के लोग बुलेट ट्रेन से सफर कर सकेंगे, जबकि नोएडा एयरपोर्ट के पास बनने से जेवर के साथ ही अलीगढ़, बुलंदशहर व आसपास के लोग आसानी से पहुंच सकेंगे। इन दोनों स्टेशनों के बनने से यहां की आबादी को फायदा होगा।
बुलेट ट्रेन के प्रस्तावित स्टेशन
- सराय काले खां दिल्ली
- नोएडा सेक्टर-148
- नोएडा एयरपोर्ट
- आगरा
- इटावा
- कन्नौज
- प्रयागराज
- लखनऊ
- वाराणसी
परियोजना पर एक नजर
- लंबाई: 865 किमी
- गति: 320 किमी प्रति घंटा
- लागत: 1.21 लाख करोड़ रुपये
दिल्ली से छूटने के बाद नोएडा का सेक्टर-148 पहला पड़ाव होगा और फिर यहां से ट्रेन नोएडा एयरपोर्ट रुकेगी। करीब 50 किलोमीटर की यह दूरी करीब 20 मिनट में ही तय हो जाएगी। इसका फायदा यह मिलेगा कि एयरपोर्ट से हवाई सफर करने वाले दिल्ली के यात्री आसानी से यहां पहुंच सकेंगे।
फिलहाल, एयरपोर्ट से 2023-24 में हवाई सफर शुरू करने की योजना है। इसके लिए ज्यूरिख इंटरनेशनल से सात अक्तूबर को करार हो चुका है। कंपनी को दो माह के भीतर एयरपोर्ट का नक्शा जमा करना है।