Wednesday, October 9, 2024
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स्पोर्ट्स कमेंटेटर में कॅरियर

खेल के मैदान से हजारों किलोमीटर दूर अपने घरों में टेलीविजन और रेडियो के सामने बैठे लाखों खेल प्रेमियों के दिलों में विभिन्न खेलों के रोमांच और उसके लुत्फ को सजीव रूप में प्रस्तुत करनेवाला स्पोर्ट्स कमेंटेटर खेल की दुनिया का एक जाना पहचाना नाम है। वर्तमान में क्रिकेट, फुटबॉल और अन्य लोकप्रिय खेलों का रेडियो और टेलीविजन पर सीधा और लाइव प्रसारण स्पोर्ट्स इवेंट्स का एक अहम हिस्सा बन गया है। स्टेडियम में खेले जाने वाले विभिन्न खेलों के आंखों देखा हाल सुनाने वाले स्मार्ट पर्सनलिटी के ये कमेंटेटर शब्दों के जादूगर होते हैं, जो खेल के मैदान से बाहर अपने घरों में टेलीविजन सेट के सामने बैठे लाखों फैन्स के दिल जीत लेते हैं।

स्पोर्ट्स कमेंटेटर के लिए आप में क्या खास होना चाहिए  

यदि आप भी एक स्पोर्ट्स कमेंटेटर के रूप में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो आपमें निम्न विशेषताएं होनी चाहिए।
  • आपको एक कुशल और फ़्लूएंट वक्ता होना चाहिए।
  • अपने पसंद की भाषा में मास्टरी जरूरी है।
  • आशु भाषण में आपका एक्सपर्ट होना स्पोर्ट्स कमेंटेटर के रूप में आपकी सफलता को सुनिश्चित करता है।
  • आपके पास भाषा विशेष से संबंधित अच्छी वकबलरी होने चाहिए।
  • यदि आप लाखों लोगों के भीड़ को प्यार करते हैं तो इससे अच्छा आपके लिए कुछ भी नहीं हो सकता है।
  • आपकी आवाज मधुर, स्पष्ट और तल्ख होनी चाहिए।
  • जीत की खुशी के साथ पराजय के दर्द को झेलने की आप में क्षमता होनी चाहिए । इस लिहाज से आपको अपने इमोशन को कंट्रोल करना आना चाहिए। -आपका राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं और करंट अफेयर्स से अपडेट होना भी जरूरी होता है।

अनिवार्य योग्यताएं 

स्पोर्ट्स कमेंटेटर के रूप में करियर निर्माण के लिए कोई स्पेशल इंस्टीट्यूट या टिपिकल कोर्स नहीं होता है, लेकिन किसी खेल के बारे में पूर्ण ज्ञान और उसको खेलने का लंबा अनुभव इस डोमेन में सक्सेस के लिए काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एक प्रोफेशनल स्पोर्ट्स कमेंटेटर के लिए निम्नांकित योग्यताएं अनिवार्य होती हैं जो इस क्षेत्र में आवश्यक बेसिक ज्ञान प्रदान करता है।
  • -चार-वर्षीय ब्रॉडकास्टिंग या जर्नलिज्म में बैचलर डिग्री।
  • -धाराप्रवाह बोलना, शुद्ध लिखना और एकाग्रतापूर्वक सुनना इस करियर के लिए अनिवार्य माने जाते हैं। इसीलिए इन गुणों के निखारने के लिए संबंधित इंस्टीट्यूट से कोचिंग जरूरी होता है।
  • -ब्रॉडकास्टिंग इक्विपमेंट्स और टेलीकम्यूनिकेशन सिस्टम की संपूर्ण जानकारी जरूरी है।
  • -स्पोर्ट्स से संबंधित महत्वपूर्ण डाटा और उससे जुड़े प्लेयर्स के अचिवेमेंट्स और बायो-डाटा के बारे अच्छी मेमोरी भी अनिवार्य होता है।

कितनी आय कमा पाएंगे 

स्पोर्ट्स कमेंटेटर के रूप में सैलरी स्ट्रक्चर और पेमेंट पैकेज ब्रॉडकास्टिंग कंपनी के ब्रांड के साथ-साथ कैंडिडेट की प्रसिद्धि, सेलेब्रिटी स्टेटस और एक्सपीरियंस पर निर्भर करता है। भारत में एक स्पोर्ट्स कमेंटेटर का एंट्री लेवल पैकेज 25000 से  35000 रुपए प्रति दिन होता है, जबकि यही पारिश्रमिक किसी प्रसिद्ध स्पोर्ट्स कमेंटेटर के लिए 150,000 रुपए या इससे भी अधिक होता है। विदेशों में यह पैकेज और भी अधिक होता है।

कहां से और कैसे शुरुआत करें? 

इस विधा में करियर के इच्छुक उम्मीदवार को शुरुआत एक इंटर्न के रूप में करनी होती है। स्टडी में रहते हुए भी इंटरेस्टेड कैंडिडेट न्यूज चैनल, स्पोर्ट्स फ्रेंचाइजी, ब्रॉडकास्टिंग कंपनीज और स्पोर्ट्स आॅर्गेनाइजेशन के लिए काम करके इस फील्ड में प्रवेश की शुरुआत कर सकते हैं।
अपने स्कूल या कॉलेज में आयोजित स्पोर्ट्स इवेंट्स या कल्चरल प्रोग्राम्स की एंकरिंग या लाइव कमेंटरी करने से भी एक अच्छा प्लेटफार्म मिल सकता है। वैसे नामी खिलाड़ी, एथलिट्स और रिटायर्ड कोच भी अच्छे स्पोर्ट्स कमेंटेटर बनते हैं।
महत्वपूर्ण संस्थान 
स्पोर्ट्स कमेंटेटर के रूप में करियर की शुरुआत करने के लिए कोई भी टेलर-मेड संस्थान नहीं होता है। इसीलिए कैंडिडेट को धाराप्रवाह और शुद्ध एक्सेंट के साथ लैंग्वेज बोलने के साथ-साथ पर्सनलिटी डेवलपमेंट और कम्युनिकेशन स्किल सुधारने के लिए आवश्यक कोर्स ज्वाइन करने की जरूरत होती है। स्पोर्ट्स जर्नलिज्म में डिग्री, एंकरिंग और रेडियो जॉकी के रूप में कार्य अनुभव, एक स्पोर्ट्स कमेंटेटर बनने में काफी हेल्पफुल हो सकते हैं।

स्पोर्ट्स कमेंटेटर्स के प्रकार 

  • -कमेंटेटर का पहला प्रकार ‘प्ले-बाइ-प्ले अकाउंट कमेंटेटर’ का होता है जो प्राय: एनाउंसर के नाम से भी जाना जाता है। यह कमेंटेटर फील्ड में हो रही सारी घटनाओं का वर्णन करता है।
  • -दूसरे प्रकार के कमेंटेटर को ‘कलर कमेंटेटर’ कहा जाता है। यह कमेंटेटर प्लेग्राउंड पर रिपोर्टिंग के अतिरिक्त स्पोर्टिंग इवेंट्स का एनालिसिस करता है। उसे उस गेम के बारे में विविध प्रकार के स्टेटिस्टिक्स, हिस्ट्री और अन्य इनफार्मेशन का ज्ञान होना चाहिए जो वह दर्शकों को बताता है। इसलिए उसे गेम के बारे में इनसाइक्लोपीडिया जैसा ज्ञान होना चाहिए।

जॉब प्रौस्पेक्टस और करियर आॅप्शन्स 

रेडियो स्टेशन और टेलीविजन ब्राडकास्टिंग कंपनीज में स्पोर्ट्स कमेंटेटर के लिए अवसरों की कोई कमी नहीं है। हाई टीआरपी वाले देशी और विदेशी सैटेलाइट चैनल्स स्पोर्ट्स कमेंटेटर के रूप में करियर के लिए गोल्डन पासपोर्ट माने जाते हैं।
स्पोर्ट्स जर्नलिज्म: एक स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट का मुख्य काम नेशनल और इंटरनेशनल पत्र-पत्रिकाओं में स्पोर्ट्स कॉलम लिखना होता है। इस रूप में अपॉइंटमेंट फुलटाइम और पार्टटाइम एम्प्लोयीज के रूप में होती है।
एनाउंसर: विभिन्न स्पोर्ट्स क्लब्स देश और विदेश में गेम्स और स्पोर्ट्स के आंखों देखा हाल के डिस्क्रिप्शन के लिए स्पोर्ट्स कमेंटेटर को नियुक्त करते हैं। अपने ही देश में बोर्ड आॅफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया (बीसीसीआई) के द्वारा स्पोर्ट्स कमेंटेटर के रूप में हर वर्ष कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर स्पोर्ट्स कमेंटेटर की नियुक्ति की जाती है।
रपोर्टर और स्पोर्ट्स कोरेस्पोंडेंट्स: सभी न्यूजपेपर्स और मैगजीन्स देश और विदेश में खेले जाने वाले गेम्स और स्पोर्ट्स के कवरेज के लिए स्पोर्ट्स रिपोर्टर्स और संवाददाताओं का अपॉइंटमेंट करते हैं। ये रिपोर्टर्स स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट होते हैं जो रेगुलर बेसिस या फिर फ्रीलांसर के रूप में कार्य करते हैं और इन्हें अच्छी सैलरी दी जाती है।
न्यूज एनालिस्ट:  न्यूज एनालिस्ट का मुख्य कार्य विभिन्न स्पोर्टिंग इवेंट्स से रिलेटेड डाटा का कलेक्शन और प्रेजेंटेशन होता है और फिर उन्हें सुन्दर ढंग से डायग्राम और ग्राफ्स के माध्यम से न्यूजपेपर्स और मैगजीन्स में प्रेजेंट करना होता है। ये न्यूज एनालिस्ट्स स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट ही होते हैं जिनके लिए जॉब अपोर्च्युनिटीज का बाजार काफी विस्तृत है।
 स्पोर्ट्स रिक्रूटर: स्पोर्ट्स कमेंटेटर स्पोर्ट्स रेक्रुइटर के रूप में भी कार्य करते हैं। इस रोल में वे अपने क्लाइंट्स के लिए स्पोर्ट्स पर्सन्स के साथ निगोशिएट करते हैं और टर्म्स और कंडीशन के आधार पर कॉन्ट्रैक्ट तैयार करते हैं।
अन्य विकल्प: विभिन्न रेडियो स्टेशंस, न्यूजपेपर्स और सॅटॅलाइट टेलीविजन चैनल्स के द्वारा सभी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं की कमेंटरी के लिए भी स्पोर्ट्स कमेंटेटर की नियुक्ति की जाती है।

संस्थान 

  • -एशियन अकादमी आॅफ फिल्म एंड टेलीविजन स्कूल आॅफ मास कम्युनिकेशन, नोएडा।
  • -मारवाह स्टूडियो नोएडा।
  • -इंडियन स्कूल आॅफ कम्युनिकेशन, पुणे।
  • -आरके फिल्म्स एंड मीडिया अकादमी, नई दिल्ली।
  • -सिम्बायोसिस इंस्टिट्यूट आॅफ मास कम्युनिकेशन, पुणे।
  • -जेवियर इंस्टिट्यूट आॅफ कम्युनिकेशन, मुंबई।
  • -इंडियन इंस्टिट्यूट आॅफ मास कम्युनिकेशन, नई दिल्ली। फेसबुक पर
-एसपी शर्मा
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