Tuesday, February 11, 2025
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बेफिक्री! डोलती धरती में सुरक्षित हैं ‘रैपिड टनल’

भूकम्प के लिहाज से मेरठ ‘लो रिक्टर जोन’ में

यहां आते रहते हैं छोटे मोटे भूकम्प, लोग अंजान

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: भारत के विभिन्न हिस्सों में भूकम्प से आए दिन ढोल रही धरती के कारण मेरठ के लोगों में रैपिड की सुरंगों को लेकर उठ रहे सवालों पर विशेषज्ञों के जवाब सुकून भरे हैं। दरअसल पिछले कुछ समय से मेरठ के पुराने इलाके (जहां से रैपिड की सुरंगे गुजर रही हैं) के लोग इस बात को लेकर आशंकित चल रहे हैं कि यदि खुदा न खास्ता मेरठ में बड़ा भूकम्प आता है तो कहीं रैपिड की सुरंगों के चलते जानी और माली नुकसान की नौबत न आ जाए।

हालांकि रैपिड प्रशासन पहले ही साफ कर चुका है कि रैपिड की सुरंगे पूरी तरह से सुरक्षित हैं। अब विशेषज्ञों ने भी साफ कर दिया है मेरठ के लोगों को लो कैटेगरी के ही नहीं बल्कि सात रिक्टर स्केल की तीव्रता वाले भूकम्पों से भी घबराने की जरूरत नहीं है। मेरठ कॉलेज की ज्योगरफी (भूगोल) की एसोसिएट प्रोफेसर अनिता मलिक के अनुसार भी मेरठ ‘लो रिक्टर जोन’ में है। इसलिए यह क्षेत्र (मेरठ) उन क्षेत्रों की अपेक्षाकृत ज्यादा सुरक्षित जोन में है जहां अधिक तीव्रता वाले भूकम्प आते हैं।

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मेरठ में रैपिड सुरंगों की खुदाई के दौरान इमारतें चटकने और जमीने धंसने की घटनाओं को याद करते हुए लोग इस बात को लेकर आशंकित हैं कि आए दिन आ रहे भूकम्प कहीं रैपिड सुरंगों की वजह से कमजोर हो चुकीं इमारतों को और अधिक नुकसान न पहुंचा दें। प्रो. अनिता मलिक व रैपिड प्रशासन के अनुसार रैपिड की सुरंगे पूरी तरह से सुरक्षित हैं। इन लोगों का कहना है कि यह सुरंगे बेहद स्ट्रांग टेक्नोलॉजी के आधार पर बनाई गई हैं। रैपिड प्रशासन के अनुसार यहां किसी भी दुश्वारी की आशंका ‘शून्य’ है।

लोगों को यह चिंता खाए जा रही थी कि यदि अधिक तीव्रता वाला भूकम्प आता है तब क्या होगा। इस पर प्रो. अनिता मलिक का कहना है कि मेरठ चूंकि लो रिक्टर जोन में है इसलिए यहां शून्य से लेकर सात रिक्टर तीव्रता वाले भूकम्प भी आते हैं तो भी हम सेफ जोन में होंगे।

वो कहती हैं कि भूकम्प की वेव (लहर) इस क्षेत्र में अमूमन कम इफेक्टेड है। प्रो. मलिक के अनुसार जहां बड़े बड़े डैम हैं वहां भी भूकम्प आते हैं, लेकिन स्ट्रांग टेक्नोलॉजी की वजह से वो पूरी तरह से सुरक्षित हैं। रैपिड प्रशासन ने भी सुरंगों की खुदाई के लिए बेहद स्ट्रांग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है जिस कारण रैपिड की सुरंगों को हम पूरी तरह से सुरक्षित मान सकते हैं।

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