- सरधना-बिनौली रोड स्थित करनावल के पास सड़क हादसे में दो भतीजी और चाचा की मौत
- आक्रोशित परिजनों ने मुआवजे की मांग को लेकर लगाया घंटों जाम
जनवाणी संवाददाता |
सरूरपुर: शादी की शहनाइयों में चाचा व उनकी दो भतीजी की हादसे में मौत के बाद मौत को कोहराम मच गया। एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत ने जश्न के रंग में भंग डाल दिया। सरधना-बिनौली रोड पर रविवार देर शाम करनाल गेट के पास एक भयानक सड़क हादसे बाइक सवार दो भतीजी व चाचा की मौत हो गई। मृतक सरधना थाना क्षेत्र के गांव दबथुवा-रतनगढ़ी के हैं, जो रविवार देर शाम बागपत के गांव दादरी से एक शादी समारोह से वापस लौट रहे थे। हादसा सड़क पर खराब खड़ी गन्ने की ट्रॉली में बाइक टकराने के बाद दूसरे वाहन के कुचलने से हुआ।
सरधना के गांव दबथुवा-रतनगढ़ी निवासी सुनील (40) पुत्र रामस्वरूप अपनी दो भतीजी मनीषा (22) पुत्री देवेंद्र, उपासना (19) पुत्री गजेंद्र को बाइक पर साथ लेकर बागपत बिनौली थाने के गांव दादरी से शादी समारोह से वापस गांव लौट रहे थे। ये जब सरधना-बिनौली रोड पर करनावल गेट के पास पहुंचे तो सड़क पर खड़ी गन्नों से भरी ट्रॉली से उनकी बाइक टकरा गई। टक्कर लगने के बाद बाइक सवार तीनों लोग सड़क पर जा गिरे। इस दौरान सामने से तेज गति से आ रहे अज्ञात वाहन ने तीनों को कुचल दिया। जिससे तीनों की मौके पर ही मौत हो गई।
हादसे के बाद अज्ञात चालक वाहन लेकर मौके से फरार हो गया। हादसे की सूचना से पुलिस और बाद में परिवार भी पहुंच गए। हादसे को लेकर परिजनों में कोहराम मच गया। ग्रामीणों ने हंगामा करते हुए पुलिस की लापरवाही से हुए हादसे का आरोप लगाकर जाम लगा दिया। सरूरपुर पुलिस मौके पर मौजूद थी। पीड़ित परिजनों की मांग थी कि हादसा करने वाले वाहन का पता लगाकर उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर परिजनों को मुआवजा दिया जाए। जाम से सड़क पर दोनों ओर वाहनों की लंबी लाइन भी लग गई थी।
लौट रहे थे शादी समारोह से
उपासना के भाई गौरव ने बताया कि बागपत जिले के बिनौली थाने के गांव दादरी में मनीषा के मामा की लड़की की शादी थी। सभी वहां गए हुए थे। जहां से शादी समारोह से एक ही बाइक पर गांव लौट रहे थे। जबकि उनके साथ अन्य लोग पीछे दूसरे वाहनों से आ रहे थे। मनीषा मेरठ कॉलेज में बीए की छात्रा थी। जबकि उपासना दबथुवा के गांधी स्मारक इंटर कॉलेज में कक्षा 12वीं की छात्रा बताई गई है। सुनील कंकरखेड़ा के किसी प्राइवेट कंपनी में जॉब करते थे।
एक वर्ष पूर्व मनीषा के भाई की भी दुर्घटना में हुई थी मौत
गौरव ने बताया कि मनीषा के भाई राहुल की एक वर्ष पूर्व दबथुवा के पास एक सड़क हादसे में भी मौत हो गई थी। परिवार वाले अभी उसका गम नहीं भूले थे कि अब मनीषा की सड़क हादसे में मौत हो गई। इसे लेकर परिवारों में काफी कोहराम मचा हुआ है।
दो घंटे बाद घटनास्थल पर पहुंचे एसडीएम, सीओ
हादसे के दो घंटे बाद एसडीएम सरधना महेश प्रसाद दीक्षित और सीओ संजय जायसवाल मौके पर पहुंचे और परिवार वालों से बातचीत की। एसडीएम और सीओ को विरोध झेलना पड़ा। परिवार वालों ने पुलिस-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
साढ़े तीन घंटे बाद खुला जाम, मिला आश्वासन
सड़क हादसे के साढ़े तीन घंटे बाद आलाधिकारियों ने परिजनों को समझाते हुए जाम खुलवाया गया। इस दौरान एसडीएम सरधना महेश प्रसाद दीक्षित व सीओ सरधना की मौजूदगी में परिजनों को हर संभव मदद दिलाने और मुआवजे की मांग का आश्वासन दिया। इसके बाद पुलिस ने तीनों शवों को कब्जे में लेकर पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
मनीषा, उपासना ने संजोये थे कॅरिअर के सपने
परिजनों ने बताया कि मनीषा और उपासना पढ़ने में काफी होनहार थी और दोनों ही कॅरिअर को लेकर सचेत थी और नौकरी को लेकर सपने संजोए हुए थी। दोनों ही कॅरिअर को लेकर खुश थी, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।
ड्यूटी के बजाए शादी में चला गया था सुनील
सरधना: सुनील शादी में जाने को लेकर असमंजस में था। क्योंकि उसकी रात की ड्यूटी चल रही थी। नौकरी की छुट्टी न हो, इसलिए परिजन भी ड्यूटी पर जाने को बोल रहे थे। मगर फिर भी सुनील भाई-भतीजियों के साथ शादी में शामिल होने चला गया। मगर किसी को नहीं पता था कि रास्ते में मौत उनका इंतजार कर रही है। दरअसल, सुनील कंकरखेड़ा स्थित एक निजी कंपनी में नौकरी करता था। हाल में उसकी रात की ड्यूटी चल रही थी। रविवार को रिश्तेदारी में शादी में जाने को लेकर परिवार में बात हुई।
सुनील असमंजस में था कि शादी में गया तो काम से एक दिन की छुट्टी हो जाएगी। परिजनों ने भी इसको लेकर काम पर जाने की ही सहमति जताई थी। मगर भाई-भतीजियों को जाते देख वह भी शादी में शामिल होने चला गया। मगर किसी को नहीं पता था कि लौटते समय मौत उन पर शिकंजा कस देगी। जैसे ही हादसे की सूचना घर पहुंची, सुनील की पत्नी बेहोश हो गई। वहीं, उपासना का भाई भी लगातार बेहोश हुए जा रहा था। ग्रामीणों का यही कहना था कि यदि सुनील ड्यूटी पर चला जाता तो शायद जान बच जाती।
तीन घरों के चिराग बुझने से रतनगढ़ी में शोक
रतनगढ़ी में एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत होने से पूरे परिवार में शोक की लहर दौड़ गई। शोक के चलते देर रात तक अधिकांश लोग घर से बाहर नजर आए। वहीं, मृतकों केपरिवार में कोहराम मचा रहा। गांव के लोगों ने किसी तरह परिजनों को संभाला। परिजनों का हाल देखकर ग्रामीणों की आंखे भी नम हो गई।
परिवार का पालन पोषण करता था सुनील
सुनील के परिवार में पत्नी बबीता के अलावा पुत्र विनीत, गुरमीत तथा पुत्री ज्योति है। परिवार का पालन पोषण करने वाला सुनील ही था। सुनील के घर हादसे की सूचना पहुंची, बबीता बेहोश हो गई। वहीं बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल था। वहीं उपासना के परिवार में भी तीन भाई बहन है। हादसे के बाद से दोनों भाई बहन भी बेहोश थे।