Sunday, June 15, 2025
- Advertisement -

चीन ने फिर बढ़ाई चिंता

  • लापरवाही! मेरठ में नो मास्क, नो डिस्टेंसिंग

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: चीन में लगातार बढ़ रही कोरोना मरीजों की संख्या ने भारत में भी टेंशन बढ़ा दी है। हालांकि एक्सपर्ट का मानना है कि भारत में फिलहाल खतरा नहीं है लेकिन जिस प्रकार से स्थानीय लोग कोरोना गाइडलाइन को फॉलों करने में कोताही बरत रहे हैं उससे जरुर चिंता बनी हुई है। त्योहारी सीजन में शहर भर के बाजारों में खूब भीड़ है, विशेषकर बसंत पंचमी को लेकर भी कुछ पतंग मार्केट्स में खासी भीड़ है।

इस समय चीन में कोरोना से बुरा हाल है। चीन की आधी से ज्यादा आबादी पर कोराना का खतरा मंडरा रहा है। रोज हजारों जाने जा रही हैं। सरकार जहां लॉकडाउन लगा रही है वहां लोग विरोध कर रहे हैं। चीन के शमशान में सामुहिक अन्तिम संस्कार किए जा रहे हैं। अमेरिका में इंस्टीट्यूट आॅफ हेल्थ मेटरिक्स एंड इवेलुएशन के अनुसार चीन में अप्रैल में कोरोना का पीक आना बाकी है। एक्सपर्ट आशंका जता रहे हैं कि आगामी तीन महीनों के दौरान की चीन में 80 करोड़ लोग कोरोना संक्रमित हो जाएंगे।

भारत को लेकर वैसे तो विशेषज्ञ बेफिक्र हैं और कहते हैं कि यहां वैक्सीनेशन के तीन राउण्ड पूरे हो चुके हैं जिसके चलते भारत में लोगों की इम्यूनिटि डेवलप हो चुकी है। हांलाकि एक्सपटर््स का यह भी मानना है कि भारत के लोगों को एलर्ट रहने की जरुरत है तथा कोरोनाकाल के दौरान जो गाइडलाइन फॉलो करनी होती हैं उन्हे अभी भी फॉलों करने की जरुरत है। मेरठ में बेगमपुल स्थित लालकुर्ती पैठ एरिया हो या फिर हापुड़ स्टैण्ड स्थित भगत सिंह मार्केट।

20 17

खैर नगर व गोला कुंआ का पतंग मार्केट हो या फिर पान दरीबा का थोक दवा मार्केट। घंटाघर स्थित मीना बाजार हो या फिर वैली बाजार। इन सभी व्यवसायिक केन्द्रों पर भीड़ भी जुट रही है और कोरोना गाइड लाइन को अन फॉलो भी किया जा रहा है। इन सबके चलते चिंता बढ़ना वाजिब है।

मेरठ के कब्रिस्तानों में नहीं थी दफ नाने की जगह

पहले दोनों कोरोनाकाल के दौरान मेरठ में भी स्थिति भयावय थी। रोज लोग कोरोना का शिकार हो रहे थे। स्थिति यह थी कि शमशान हो या फिर कब्रिस्तान सभी जगह शवों के अन्तिम संस्कार के लिए भीड़ दिखाई देती थी। लोग सहमे हुए थे। बाले मियां कब्रिस्तान शहर के बड़े कब्रिस्तानों में से एक है। कब्रिस्तान के मुतवल्ली मुफ्ती अशरफ के अनुसार जहां आम दिनों में बाले मियां कब्रिस्तान में प्रतिदिन दो चार मुर्दे ही दफन होने के लिए आते थे वहीं कोरोना काल के दौरान के यहां प्रतिदिन मुर्दे दफनाने की बाढ़ आ गई थी।

21 15

मुफ्ती अशरफ कहते हैं कि आम दिनों में बाले मियां कब्रिस्तान में हर महीने जहां औसतन 70 से 90 जनाजे आते हैं वहीं कोरोनाकाल के दौरान (अकेले मई 2021 में) केवल इसी कब्रिस्तान में 1080 मुर्दों को दफन किया गया। वो बताते हैं कि कई कब्रिस्तानों में मिट्टी तक कम पड़ गई। अकेले बाले मियां कब्रिस्तान में प्रशासन द्वारा सात लाख रुपए की मिट्टी डलवाई गई जब इससे भी काम नहीं बना तो फिर कब्रिस्तान प्रबंध कमेटी ने खुद अपने स्तर से आठ लाख रुपए की मिट्टी डलवाई गई तब कहीं जाकर मुर्दों को दफनाया गया।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
2
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

Saharanpur News: 11 वर्षीय आलिमा की ई-रिक्शा से गिरकर मौत,अज्ञात वाहन की टक्कर लगने से उछलकर हुई मौत

जनवाणी संवाददाता ।नानौता/सहारनपुर: रिश्तेदारी में जाते समय अज्ञात वाहन...

NEET UG 2025 का जारी हुआ Result, लाखों छात्रों का इंतजार खत्म, इस link पर click कर देखें अपना परिणाम

नमस्कार,दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और...

Nail Care Tips: गर्मियों में ऐसे रखें नाखूनों का ख्याल, धूप और धूल से बचाने के आसान टिप्स

नमस्कार, दैनिक जनवाएणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत...

16 वर्षीय किशोर की करंट लगने से मौत, परिजनों ने अधीक्षण अभियंता, एसडीओ को बनाया बंधक

जनवाणी संवाददाता |सरसावा: थाना क्षेत्र के गांव कुंडी निवासी...
spot_imgspot_img