- सरधना सीट जीतने के लिए मंथन में लगे हैं भाजपाई, ऐसे चेहरे की तलाश
- जिसको मिल सकें सर्वसमाज की वोट
- भाजपा प्रत्याशी को लगातार हार का करना पड़ रहा सामना
जनवाणी संवाददाता |
सरधना: निकाय चुनाव में सरधना जिले की सबसे होट सीट में से एक है। क्योंकि कस्बा मुस्लिम बाहुल्य होने के कारण भाजपा के लिए अपना चेयरमैन बनाना बड़ी चुनौती रही है। इस बार भी यही चुनौती भाजपा के सामने मुंह फाड़े खड़ी है। वैसे तो मुस्लिम प्रत्याशी के रूप में कई चेहरे मैदान में उतर चुके हैं। मगर भाजपा ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। सरधना की सियासी जमीं पर भाजपाई कमल खिलाने की कोशिश में लगे हैं।
इसके लिए भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों में गहन मंथन चल रहा है। कहने को कई दावेदार मंत्रियों के चक्कर काट रहे हैं। मगर पार्टी कोई चूक करने के मूंड में नहीं है। बाकायदा दावेदारों का फीडबैक चेक कराया जा रहा है। भाजपा ऐसे चेहरे की तलाश में है, जिसको सर्वसमाज की वोट मिल सके। क्योंकि कई दशक में हुए अब तक के चुनावों से यह तो साफ हो गया है कि किसी एक वर्ग की वोट मात्र से चेयरमैनी का ताज सिर सजने वाला नहीं है। अब देखना यह है कि भाजपा किस चेहरे को मैदान में उतारता है।
निकाय चुनाव का बिगुल बजते ही दोवदार भी मैदान में उतर आए हैं। सरधना नगर पालिका की बात करें तो यह मुस्लिम बाहुल्य कस्बा होने के कारण लंबे समय से एक तरफा सीट आती रही है। गत चुनाव में खुद पूर्व विधायक संगीत सोम ने मैदान में उतरकर भाजपा प्रत्याशी के लिए वोट मांगे थे। बावजूद इसके भाजपा प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा था। अबकी बार सरधना सीट ओबीसी महिला घोषित हुई है। इस चुनाव में भाजपा मजबूत रणनीति बनाने में लगी है। क्योंकि इस बार मुस्लिम प्रत्याशियों के रूप में अभी तक पांच चेहरे जनता के बीच में है। ऐसे में यह तो साफ है कि मुस्लिम वोटों का बटवारा होने जा रहा है।
इसी का भाजपा लाभ लेने की रणनीति बना रही है। पार्टी द्वारा ऐसे चेहरे को तलाश किया जा रहा है, जिसको सर्वसमाज की वोट मिल सके। क्योंकि अब तक के चुनाव से यह स्पष्ट है कि किसी एक वर्ग की वोट से प्रत्याशी जीतने वाला नहीं है। वैसे तो टिकट के लिए कई दावेदार भाजपा पदाधिकारियों व मंत्रियों के चक्कर काट रहे हैं। आवेदन के हिसाब से पार्टी द्वारा उनका फीडबैक भी लिया जा रहा है। ताकि एक मजबूत प्रत्याशी मैदान में उतारा जा सके। फिलहाल सरधना की सियासी जमीं पर भाजपा नेता कमल खिलाने के लिए गहन मंथन करने में लगे हुए हैं। अब देखना यह है कि भाजपा किस चेहरे को मैदान में उतारती है। पार्टी व पदाधिकारियों की रणनीति कितनी कारगर होती है।
वोटों का बिखराव बदलेगा समीकरण
गत चुनावों के मुकाबले इस बार सरधना में मुस्लिम प्रत्याशियों की संख्या अधिक नजर आ रही है। जिनमें कई भावी प्रत्याशी तो पूरी मजबूती के साथ मैदान में उतरे हुए हैं। ऐसे में यह बात स्पष्ट है कि इस बार मुस्लिम वोट का बिखराव होना तय है। यदि ऐसा होता है तो भाजपा प्रत्याशी को इसका काफी लाभ मिलेगा। यही वो रास्ता है, जहां से भाजपा चेयरमैन पद की सीट तक पहुंचने में कामयाब हो सकती है। मगर उसके लिए वोट मांगने के दौरान सर्वसमाज को विश्वास में लेना होगा।
टिकट के लिए काट रहे चक्कर
भाजपा से टिकट के लिए कई दावेदार नेताओं के चक्कर काट रहे हैं। आवेदन करने के साथ ही टिकट पाने को मंत्रियों तक की सिफारिश कराई जा रही है। इससे उलट कई चेहरे ऐसे भी हैं, जिनको सामने से टिकट देने के लिए कहा गया है। मगर उन्होंने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है। दरअसल, पार्टी भी ऐसे चेहरे को टिकट देना चाहती है, जो चुनाव में कमल खिला सके।