- मेडिकल की पुरानी बिल्डिंग में अंधेरा होते ही पसर जाता है सन्नाटा
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज में दिन में तो काफी चहल-पहल रहती है, लेकिन रात होते ही पुरानी बिल्डिंग में सन्नाटा पसर जाता है। इस वजह से ग्राउंड फ्लोर से लेकर तीसरी मंजिल पर बने वार्डों में ड्यूटी करने वाला महिला नर्सिंग स्टॉफ दहशत में रहता है। इनकी सुरक्षा के लिए नर्सिंग स्टॉफ आफिसर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाते हैं।
गुरुवार देर रात मेडिकल की पुरानी बिल्डिंग की पड़ताल करने पर चौंकाने वाला सच सामने आया। ग्राउंड फ्लोर पर ज्यादातर विभागों की ओपीडी चलती है।
जिनमें मरीजों की उनके मर्ज के हिसाब से जांच होती है। जबकि यहां हड्डी, गायनिक व आयुष्मान वार्डों में मरीज भी भर्ती रहते हैं। वैसे तो ग्राउंड फ्लोर पर सीसीटीवी कैमरें लगे हैं। जिनके द्वारा मरीजों व मेडिकल स्टॉफ और तीमारदारों की निगरानी होती है, लेकिन रात होते ही यहां लोगों की आवाजाही काफी कम हो जाती है। इसी तरह पहली मंजिल पर स्थित फीमेल सर्जरी वार्ड, आईसीयू व एनबीसी वार्ड है। जहां मरीज भर्ती रहते हैं। इन मरीजों की देखभाल के लिए तैनात नर्सिंग स्टॉफ रहता है, लेकिन यहां सीसीटीवी कैमरे नहीं है, रात नौ बजे के बाद पूरे गलियारे में सन्नाटा पसर जाता है।
जबकि दूसरी मंजिल पर गायनिक ओटी, फीमेल मेडिसिन वार्ड, बच्चा वार्ड व आर्थोपेडिक वार्ड है। जिनमें 24 घंटे मरीज भर्ती रहते हैं। यहां भी सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। जिनसे निगरानी की जाती है। जबकि तीसरी मंजिल पर टीबी, स्किन, ईएनटी, एमडीआर, आई वार्ड व लावारिस वार्ड है। इन वार्डों में भी हर समय मरीजों का इलाज जारी रहता है, लेकिन यहां सीसीटीवी कैमरों की निगरानी नहीं है। आमतौर पर सभी वार्डों में भर्ती मरीजों की जांच करने के लिए डाक्टर्स का समय शाम छह बजे से रात आठ बजे के बीच है,
लेकिन नर्सिंग स्टॉफ की अलग-अलग शिफ्टों में 24 घंटे ड्यूटी रहती है। मेडिकल में 200 मीटर लंबे चार गलियारे हैं, लेकिन रात के समय सभी सूने पड़े रहते है। गुरुवार रात को तीसरी मंजिल पर ड्यूटी करने वाले महिला नर्सिंग स्टॉफ की सुरक्षा के लिए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई। पहचान छिपाने की शर्त पर नर्सिंग स्टॉफ ने बताया उन्हें रात को डर लगता है।
23 दिन बीतने के बाद भी नहीं हुई लोटस हॉस्पिटल पर कार्रवाई
मेरठ: जिले में इलाज के नाम पर आम जनता की जान से खिलवाड़ करने वाले अवैध हॉस्पिटलों का लंबे समय से संचालन हो रहा है। सीएमओ कार्यालय से इन अस्पतालों के संचालकों को नोटिस तो जारी कर दिया जाता है, लेकिन नियत समय पर स्पष्टीकरण देने का समय निकल जाने के बाद भी कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं होता। इसी तरह के अवैध हॉस्पिटल का संचालन लंबे समय से गढ़ रोड पर हो रहा है। जिसको लेकर कई बार विभाग से कार्रवाई की मांग की गई लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात है।
गौरतलब है कि सामाजिक कार्यकर्ता राहुल ठाकुर पिछले कई माह से प्रशासन से शिकायत कर जिले में कुकुरमुत्तों की तरह फैले अवैध अस्पतालों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। इसी क्रम में कुछ दिन पहले ही केयर हॉस्पिटल के खिलाफ मेडा द्वारा सीलिंग की कार्रवाई हो चुकी है। यह हॉस्पिटल भी टेÑन नर्सिंग स्टॉफ के बिना मरीजों का इलाज कर रहा था। जबकि इसमें बना बेसमेंट हादसों को न्योता दे रहा था।
वहीं, गढ़ रोड स्थित नोबल पब्लिक स्कूल के सामने स्थित लोटस हॉस्पिटल के खिलाफ भी 31 जुलाई को शिकायत की गई थी। जिसके बाद सीएमओ कार्यालय से नोटिस जारी कर हॉस्पिटल संचालकों से स्पष्टीकरण मांगा गया था, लेकिन आज 23 दिन बीतने के बाद भी न तो स्पष्टीकरण दिया गया है न ही सीएमओ कार्यालय की ओर से कोई कार्रवाई की गई। अब शिकायतकर्ता ने प्रकरण को लेकर उच्चाधिकारियों से शिकायत करने की तैयारी कर ली है।