- निरीक्षक सस्पेंड, सेन्ट्री अधीक्षक, एई व जेई पर लगाया अर्थ दण्ड, इन्क्रीमेंट रोका गया
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: पिछले कुछ दिनों से भ्रष्टाचार के मामलों में मेरठ कैंट बोर्ड सुर्खियों में बना हुआ हैं। दस्तावेजों में जो 22-बी बिल्डिंग सील हैं, उसको ट्रेड लाइसेंस देकर कैंट बोर्ड के अधिकारी फंस गए थे। भ्रष्टाचार के इस दाग को बुधवार को हुई कैंट बोर्ड की बैठक में धोने का प्रयास किया गया। खुद कैंटोमेंट बोर्ड के अध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि ट्रेड लाइसेंस जारी करने के मामले में बहुत किरकिरी हो रही हैं।
इसमें अधिकारियों तथा कर्मचारियों की मिलीभगत से विवादित बिल्डिंग को टेÑड लाइसेंस जारी किया। इसमें कैंट बोर्ड सीईओ ज्योति कुमार की नई तैनाती होने के कारण उन्हें भी भ्रमित किया गया, जो अक्षमीय अपराध हैं। इस मामले में कैंड बोर्ड ने सेन्ट्री निरीक्षक अभिषेक को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया हैं, जबकि सेंट्री अधीक्षक का तीन वर्ष के लिए इंक्रीमेंट रोक दिया गया। ट्रेड लाइसेंस देने की संस्तुति करने वाले एई पीयूष गौतम व जेई अवधेश यादव का एक माह बेसिक वेतन कटौती करने के आदेश दिये हैं।
इन पर अर्थ दण्ड सीईओ तय करेंगे, इसका अधिकारी बोर्ड ने उनको दिया हैं। यही नहीं, 22-बी बिल्डिंग पर वर्तमान में सील की कार्रवाई की जाएगी, इसके लिए आईजी से फोर्स मांग कर विधिवत कार्रवाई के आदेश दिये हैं। यही नहीं, दूसरा भ्रष्टाचार का मामला था डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का। इसमें भी भ्रष्टाचार को लेकर बवाल मचा हुआ हैं। भ्रष्टाचार में तत्कालीन सीईओ नावेन्द्र नाथ घिरे हुए हैं। लखनऊ से निदेशक डीएन यादव इसकी जांच करने के लिए आये थे। तीन दिन मेरठ में रुके और जांच पड़ताल कर लौट गए।
इस कूड़ा कलेक्शन के मुद्दों को भी कैंट बोर्ड में बुधवार को गंभीरता से लेते हुए टेंडर निरस्त करने का निर्णय लिया गया। ठेकेदार तमाम डयू क्लीयर करेंगे, जिसके बाद ही ठेकेदार का बाकी का भुगतान कैंट बोर्ड करेगा। कैंटोमेंट बोर्ड के अध्यक्ष राजीव कुमार की अध्यक्षता में चली मीटिंग में सीईओ ज्योति कुमार और मनोनित सदस्य डा. सतीश शर्मा मौजूद रहे।