- शहीद धनसिंह कोतवाल की मूर्ति पर किया माल्यार्पण
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शहीद धनसिंह कोतवाल की मूर्ति पर माल्यार्पण करके सीएम योगी गुर्जरों को भी साध गए। पश्चिमी यूपी में गुर्जरों को साधने का भी काम किया गया। 1857 की क्रांति में धन सिंह कोतवाल की अहम भूमिका रही, लेकिन वर्तमान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुर्जर वोटों को साधने का भी काम किया। पश्चिमी यूपी में जाटों की नाराजगी के चलते भाजपा को गुर्जरों का ही सहारा था। गुर्जर वोट पश्चिमी यूपी में भाजपा को मिले भी।
यही वजह है कि गुर्जर वोटों को साधने के लिए ऊर्जा राज्यमंत्री डा. सोमेन्द्र तोमर को लगाया गया था। डा. सोमेन्द्र तोमर ने ही मुख्यमंत्री का कार्यक्रम शहीद धन सिंह कोतवाल की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने का लिया गया था। हालांकि एमएलसी वीरेन्द्र गुर्जर भी सीएम के कार्यक्रम में साथ-साथ रहे। इससे यह भी संदेश देने का प्रयास किया गया कि गुर्जर नेताओं को विशेष महत्व दिया जा रहा हैं।
विस चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शहीद स्मारक पहुंचे थे, जो पश्चिम उप्र में भाजपा की सियासत के लिए आक्सीजन का ताजा झोंका बना। पार्टी आजादी का अमृत महोत्सव के बहाने राष्ट्रवादी तीरों को नए सिरे से धार देने में भाजपा जुट गई है। राष्टÑवादी माहौल को फिर से गरमाया जा रहा हैं। क्रांतिधरा पर क्रांति दिवस पर बड़ा कार्यक्रम हुआ, सीएम इस कार्यक्रम में पहुंचे। पूरा समय भी दिया गया।
आज भाजपा पदाधिकारियों को काम सौंपेंगे सुनील
पश्चिमी यूपी में क्रांति दिवस पर पहली बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कार्यक्रम हुआ। इतिहास गवाह है, पहले कभी क्रांति दिवस पर कोई सीएम नहीं आया। योगी आदित्यनाथ पहले ऐसे सीएम है, जो क्रांति दिवस पर आये और वीर शहीदों को नमन किया।
सीएम का कार्यक्रम हो गया, साथ ही 11 मई को प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल क्षेत्रीय एवं जिला इकाइयों को नया होमवर्क देने के लिए मेरठ में मंथन करेंगे। पश्चिमी यूपी का पूरे संगठन की मीटिंग संस्कृति रिजार्ट में बुलायी गयी है। दोपहर 12 बजे यह मीटिंग होगी। इसमें पार्टी पदाधिकारियों को सुनील बंसल नया होमवर्क थमा कर जाएंगे, जिस पर पार्टी पदाधिकारी काम करेंगे। क्योंकि नगर निकाय चुनाव है, फिर इसके बाद लोकसभा चुनाव की तैयारियों में भी भाजपा के शीर्ष नेता जुट गए हैं।
कौन थे धन सिंह कोतवाल?
मेरठ: शहीद धन सिंह कोतवाल पांचली (मेरठ) के रहने वाले थे। ब्रिटिश हुकूमत में धन सिंह शहर कोतवाली के कोतवाल थे। तब शहर कोतवाली सदर थाने में संचालित होती थी। ब्रिटिश हुकूमत के अत्याचारों से धन सिंह कोतवाल भी त्रस्त थे। 10 मई 1857 को ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ मेरठ की विक्टोरिया पार्क की जेल तोड़कर 85 सैनिकों और 836 कैदियों को रिहा कराया था, जिसके बाद अग्रेजों के खिलाफ बगावत का झंडा उठा लिया था। अंग्रेजों ने 10 मई 1857 की घटना के बाद पूरा फोकस बगावत करने वाले धन सिंह कोतवाल व उनके समर्थकों को निशाने पर ले लिया था।
धन सिंह कोतवाल को फांसी पर चढ़ाया गया तथा उनके साथ कदम से कदम मिलाकर अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ झंडा उठाने वाले पांचली गांव के करीब 80 लोगों को फांसी व गोली से उड़ा दिया था। पांचली के इतिहास में यह विभत्स घटना थी, जो अंग्रेजों के रिकॉर्ड में दर्ज हैं, लेकिन फांसी पर इससे ज्यादा लोगों को तब चढ़ाया गया था। देश को आजादी दिलाने की दिशा में पांचली गांव के लोगों की अहम् भूमिका रही थी।