- शहर में जगह-जगह खुलेआम सड़कों किनारे लग रही साप्ताहिक पैंठ
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: रोहटा रोड स्थित सड़क का साप्ताहिक पैंठ लगने से बुरा हाल हो रहा है। जिस कारण वहां, से गुजरने वालों लोगों को घंटों तक लाइन में लगकर धीरे-धीरे पार करना पड़ता है। इस ओर प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लोगों की सुविधा तथा सुरक्षा के लिए एक से बढ़कर एक कदम उठा रहे हैं। वहीं, मेरठ प्रशासन ने सारे नियम ताक पर रखकर, आंखें बंद कर रखी है। जहां, एक तरफ पूरे प्रदेश में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जा रहा है।
वहीं, नगर निगम कुंभकर्णी नींद में नजर आ रहा है। हाईकोर्ट के आदेश भी है कि सड़क पर पैंठ नहीं लगेगी। प्रशासन ने एक बारगी तो अमल किया, लेकिन फिर से सड़क पर पैंठ बाजार लगने लगा। एक तरह से हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया जा रहा हैं। प्रशासन और नगर निगम ने इस तरह से आंखें मूंद ली हैं। यहां से वाहनों का निकलना भी दुश्वार हो गया है। रोहटा रोड पर सर्वाधिक परेशानी होती हैं। सड़क पर हर समय पैंठ बाजार लगने वाले दिन जाम की समस्या बनी रहती हैं।
रोहटा रोड पर मंगलवार को साप्ताहिक बाजार लगाया जाता है। बाजार में सामान बेचने वाले सड़क किनारों के साथ-साथ पूरी सड़क पर अपना कब्जा जमा लेते हैं। जिसके कारण वहां से गुजरने वाले वाहनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं, कभी-कभी लंबे जाम की स्थिति भी बन जाती है। जिसमें एंबुलेंस फंस जाती हैं। जिसमें मरीज की हालत गंभीर होने से कारण उसकी जिंदगी भी जा सकती है, लेकिन प्रशासन इस साप्ताहिक बाजार को लेकर सक्रिय नहीं है।
जहां नगर निगम द्वारा पूरे प्रदेश के साथ-साथ मेरठ में अनेक स्थलों पर अतिक्रमण हटाओ हटाने अभियान चलाए जा रहे हैं। वहीं, बुलडोजर अवैध निर्माण पर चलाकर उन्हें जमींदोज किया जा रहा है। वहीं, रोहटा रोड पर साप्ताहिक पैंठ को नगर निगम की निगाहें क्यों नहीं देख पा रही है? नगर निगम के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन कहां सोया है? जहां एक तरफ कोरोना का कहर पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है।
वहीं, साप्ताहिक बाजार में इतनी बड़ी लापरवाही देखने को मिलती रही है। जहां, युवाओं, महिलाओं बच्चों तथा बुजुर्गों सहित हजारों की संख्या में लोग खरीदारी करने तथा सामान बेचने के लिए बाजार में आते हैं। वहां न तो कोई मस्क लगाता है और न ही कोई कोरोना की गाइडलाइन का पालन करता है। ऐसा ही नहीं की स्थानीय लोगों को कोई परेशानी नहीं है। स्थानीय लोगों को ड्यूटी समाप्त कर शाम के समय अपने घर जाने के लिए उसी रास्ते से गुजरने के कारण घंटों लंबी लाइन में लगकर जाम का सामना कर जाना पड़ता है।
इतनी भीड़ में अलग-अलग जगह के लोग सामान बेचने तथा खरीदने आते हैं यदि उसमें कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति भी शामिल हो गया तो आप सोच सकते हैं कि इस एक लापरवाही की वजह से मेरठ का क्या हाल हो सकता है। वहीं, रोहटा रोड पर कई जगहों पर इसी तरह के साप्ताहिक बाजार लगाए जाते हैं। जिनका सप्ताह में अलग-अलग दिन चुना हुआ है। शनिवार को खड़ौली रोड पर साप्ताहिक बाजार लगाया जाता है। वहीं, फाजलपुर स्थित रोड़ पर बुधवार व शनिवार को लगाया जाता है, लेकिन लोगों की बड़ी संख्या में रोहटा रोड पर ही बाजार लगता है।