नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। कुणाल कामरा हाल ही में फिर से सुर्खियों में हैं। उन्होंने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर कथित रूप से ‘गद्दार’ कहने के मामले में मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। यह विवाद उनके एक कॉमेडी शो के दौरान की गई एक टिप्पणी से जुड़ा है।
बॉम्बे हाई कोर्ट का खटखटाया दरवाजा
बता दें कि, कुणाल ने 5 अप्रैल को हाई कोर्ट में याचिका दायर की। उनकी ओर से वकील मीनाज काकालिया ने दलील दी कि उनके खिलाफ दर्ज शिकायतें उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती हैं। इसमें बोलने और अभिव्यक्ति की आजादी, पेशा चुनने का अधिकार और जीवन व स्वतंत्रता का अधिकार शामिल हैं, जो भारत के संविधान में दिए गए हैं। इस मामले की सुनवाई 21 अप्रैल को जस्टिस सरंग कोटवाल की बेंच के सामने होने की संभावना
पूरा मामला क्या है?
दरअसल, कुणाल कामरा ने अपने एक शो में एकनाथ शिंदे का नाम लिए बिना उन पर तंज कसा था। उन्होंने फिल्म दिल तो पागल है के एक गाने को बदलकर संशोधित संस्करण में ‘गद्दार’ शब्द का उपयोग किया था। साथ ही, उन्होंने शिंदे के उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत करने पर भी मजाक उड़ाया। इस टिप्पणी से नाराज शिवसेना विधायक मुरजी पटेल ने कॉमेडियन के खिलाफ शिकायत दर्ज कर दी थी। इसके बाद मुंबई पुलिस ने कुणाल के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 353(1)(बी) और 356(2) के तहत एफआईआर दर्ज कल ली थी।
तीन बार भेजे समन, नही दिया कोई जवाब
मुंबई पुलिस ने कुणाल को पूछताछ के लिए अब तक तीन बार समन भेजे हैं, लेकिन वह अब तक अपना बयान दर्ज कराने के लिए पेश नहीं हुए हैं। कुणाल तमिलनाडु के स्थायी निवासी हैं और पिछले महीने उन्होंने इस मामले में मद्रास हाई कोर्ट से अंतरिम ट्रांजिट अग्रिम जमानत हासिल की थी। अब वह बॉम्बे हाई कोर्ट से इस एफआईआर को पूरी तरह खत्म करने की मांग कर रहे हैं।