Friday, July 5, 2024
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सीएम से की शिकायत, रोका निर्माण कार्य

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  • दो साल से नारकीय जिंदगी जी रहे पुराने वार्ड निवासी
  • टूटी पड़ी हैं नालियां और खडंÞजे, चोटिल हो रहे बुजुर्ग

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: यदि आप शिकायत करेंगे और फिर इस मुगालते में रहेंगे कि शासन का डंडा चलने पर काम हो जायेगा, तो आप मुगालते में हैं। यहां जिसकी लाठी उसकी भैंस की कहावत बिल्कुल सटीक बैठती हैं। नगर निगम के अफसरों और बाबुओं की जुगलबंदी की पोल खोलने का खामियाजा खुद पीड़ितों को भुगतना पड़ रहा है।

शिकायत करने के दो साल बाद भी न तो टूटे हुए खडंजे को बदला गया है और न ही टूटी पड़ी नाली को सही कराया गया है। नतीजतन सैकड़ों बुजुर्ग और बच्चे अब तक इस जीर्ण-शीर्ण मार्ग पर गिरकर चोटिल हो चुके हैं। रोज कोई न कोई गिरकर जख्मी हो रहा है। अब तो पीड़ितों ने इसे भाग्य समझकर चुप्पी ही साध ली है।

हम बात कर रहे हैं वार्ड-70 के अन्तर्गत आने वाले पूरे क्षेत्र की। गुजरी बाजार से जुड़े हुए इस वार्ड के अन्तर्गत आने वाले पूरे वार्ड की सभी गलियां व मार्ग टूटे पड़े हैं। लगभग 20 हजार से ज्यादा की आबादी वाले इस वार्ड में लंगरी मस्जिद के सामने छत्ते से होकर गुजरी बाजार को जाने वाली गली पूरी तरह से टूटी पड़ी है। ढलाव व गुजरी बाजार को जाने वाले हजारोें लोग इस मार्ग का उपयोग करते हैं। इस गली में दो धार्मिक स्थल भी हैं।

जिनमें पूजा पाठ के लिए दिन व रात्रि में लोग जाते हैं। गली में टूटी हुई नाली और खडंÞजे की वजह से रोज कोई न कोई बुजुर्ग व बच्चा गिरकर चोटिल हो रहा है। वर्ष-2022 के आखिरी महीने में पहले क्षेत्रवासी एकत्र होकर यहां के पार्षद इकराम चौधरी के पास पहुंचे। पार्षद ने हमेशा की तरह नागरिकों को समझाकर भेज दिया कि बस एक-दो दिन मेें काम कराता हूं। इसी बीच नगर निगम के चुनाव आने पर आचार संहिता लग गई तो पार्षद को बहानेबाजी करने का मौका मिल गया कि चुनाव निपटते ही काम करा दूंगा।

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दुर्भाग्य की बात तो यह है कि पार्षद के कई रिश्तेदार भी इसी गली में रहते हैं, लेकिन अपने रिश्तेदारों को भी नेताजी ने सिवाये कोरी लफ्फाजी के कुछ नहीं दिया। जब पार्षद ने इस गली का निर्माण कराने में असफलता दिखाई तो टूटी गली और नालियों से त्रस्त होकर सैकड़ों नागरिक एकत्र होकर इसकी शिकायत लेकर नगर निगम के अधिकारियों के पास पहुंचे। लेकिन पार्षद की ही भांति नगर निगम के अधिकारियों व बाबुओं ने भी नागरिकों की पीड़ा को दूर कराने का कोई प्रयास नहीं किया।

लगभग पांच बार लिखित शिकायत करने के बाद एक बार भी यहां के लोगों की समस्या का निदान कराने का प्रयास नहीं किया गया। पार्षद और निगम अधिकारियों के बीच एक साल तक लगातार मगजमारी करने के बावजूद जब कोई नतीजा हासिल नहीं हुआ तो इस वार्ड के सैकड़ों लोगों ने यहां की टूटी सड़क के फोटोग्राफ करके सीएम पोर्टल पर इस उम्मीद में शिकायत की कि सीएम के दरबार से जरूर इंसाफ मिलेगा, लेकिन वार्ड वासियों का यह भ्रम भी दूर हो गया। सीएम पोर्टल पर शिकायत करने के बाद नगर निगम में इस शिकायत के संदर्भ में सवाल पूछा गया तो टालने में घाघ हो चुके नगर निगम के अधिकारियों ने पहले आचार संहिता का हवाला देकर टाल दिया।

चुनाव परिणाम आने के दो महीने बाद नागरिकों ने फिर से शिकायत की तो अफसरों ने बजट न होने का बहाना करके शिकायत को निस्तारित कर दिया। सीएम पोर्टल के संदर्भ में जब कुछ क्षेत्रवासी एकत्र होकर निगम के अधिकारियों से मिले तो उन्होंने साफ कह दिया कि अब तो सीएम साहब के कार्यालय से ही बजट जारी होने के बाद यहां गली में नाली व खडंÞजे का निर्माण हो सकेगा।

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