नीतू गुप्ता
शरीर को चुस्त दुरूस्त रखने के लिए उचित भोजन का महत्वपूर्ण हाथ है। इंसान आहार लेना तब से शुरू कर देता है जब वह मां के गर्भ में होता है। आहार (भोजन) वह खाद्य पदार्थ है जो हम खाते हैं। भोजन के अलावा हमें जल, वायु, अग्नि आदि की भी आवश्यकता होती है। इस प्रकार उचित आहार के लिए प्रोटीन, वसा, काबोर्हाइड्रेट, विटामिन और खनिज की आवश्यकता होती है। इनमें से शरीर को जो भी कम मात्रा में मिलता है उसका दुष्परिणाम सामने आने लगता है। इसलिए शरीर को स्वस्थ रखने हेतु उचित आहार की आवश्यकता पड़ती है।
प्रोटीन: प्रोटीन हमारे शरीर में नए ऊतकों (सैल्स) का निर्माण करते हैं। प्रोटीन हमें दूध, दूध से बने खाद्य पदार्थ, दालें, मेवे, अनाज, मूंगफली, सोयाबीन आदि से प्राप्त होता है।
विटामिन: उचित आहार में विटामिन का सेवन बहुत आवश्यक है। विटामिन अधिकतर हमें फलों के सेवन से प्राप्त होते हैं जैसे – सन्तरा, आंवला, टमाटर, अंगूर, नींबू, अमरूद आदि। विटामिन की कमी से शरीर में कई रोग जैसे त्वचा संबंधी, पाचन क्रिया का सही न रहना, दिमाग संबंधी आदि लग जाते हैं। विटामिन से दांत, मसूड़े स्वस्थ बने रहते हैं।
कुछ विटामिन हमें हरी पत्तेदार सब्जियों, टमाटर, मूली आदि से भी प्राप्त होते हैं, इसलिए इन सब्जियों का सेवन भी हमें करते रहना चाहिए।
वसा : वसा हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करती है। वसा हमारे शरीर के कोमल अंगों की रक्षा करती है। वसा की अधिकता और कमी, दोनों चीजें शरीर के लिए उचित नहीं हैं। अधिक वसा से शरीर का वजन अधिक हो जाता है जिससे शरीर की कार्यंक्षमता कम हो जाती है जिसका असर हृदय पर सबसे अधिक पड़ता है। वसा की कमी से शरीर का वजन कम हो जाता है जिससे शरीर हमेशा थका थका रहता है। किसी काम में मन नहीं लगता। जबरदस्ती काम करने पर बुखार होने लगता है।
कार्बोहाइड्रेट : कार्बोहाड्रेट हमें मीठी वस्तुओं से मिलते हैं। कार्बोबाइड्रेट ऊर्जा प्राप्त करने का सबसे सस्ता और आसानी से पच जाने वाला साधन है। कार्बोहाइड्रेट हमें चावल, केले, अंगूर, आम, आलू, चीनी, शहद से प्राप्त होते हैं।
खनिज लवण : हड्डियों और दांतों की मजबूती के लिए हमें खनिज लवण लेने की आवश्यकता पड़ती है। खनिज लवण हमें अनाजों, गुड़, हरी पत्तेदार सब्जियों, दालों से मिलते हैं।
–शरीर की वृद्धि हेतु हमें दही, पनीर, दालें, मेवे और जल लेते रहना चाहिए। शारीरिक शक्ति हेतु अनाज, चावल, आलू, शकरकन्दी, मंूगफली, तेल, घी आदि का सेवन करना चाहिए। शरीर की बीमारियों से लड़ने के लिए फल, आंवला, हरी पत्तेदार सब्जियां, गाजर आदि का मौसम के अनुसार सेवन करना चाहिए।
–भोजन हमें रात्रि में अधिक देरी से नहीं लेना चाहिए। दिन में चार बार भूख लगने पर भोजन लेना उचित माना जाता है। सुबह का नाश्ता भर पेट खाना चाहिए। रात्रि को हल्का भोजन लेना हितकर माना जाता है। कोई भी नई वस्तु केवल स्वाद के लिए थोड़ी सी लेनी चाहिए।
–भोजन शान्त मन से करना चाहिए। भोजन बनाने वाले को भी भोजन बनाते और परोसते समय शान्त रहना चाहिए। भोजन को चबा कर खाना चाहिए। अधिक भोजन का सेवन शरीर को हानि पहुंचाता है। भोजन से पहले जल ग्रहण करें। कोशिश करें भोजन के बाद आधे घन्टे तक जल न पिएं।
–बच्चों व बड़ों को बाहरी भोजन कम से कम करना चाहिए। रेशेदार भोजन लेना अति आवश्यक है जिससे कब्ज की शिकायत नहीं होती। मैदायुक्त भोजन शरीर को नुकसान पहुंचाता है। भूख लगने पर भोजन ग्रहण करें।
–कभी-कभी उपवास शरीर के लिए अच्छे होता है अत: कभी कभी उपवास रखें। उस दिन आपके शरीर की सफाई हो जाएगी। मौसमी फल और सब्जियों का सेवन शरीर को लाभ पहुंचाता है। फलों का सेवन अलग से करें। एक समय में अधिक चीजों का मिश्रण न लें। इन नियमों पर चलकर अपने शरीर को बीमारियों से दूर रख सकते हैं।