जनवाणी ब्यूरो |
मुंबई/लखनऊ: मुंबई में आज से शुरू हुए पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में उत्तर प्रदेश विधानसभा के बारे में कहा गया कि देश की सबसे बड़ी विधानसभा में कई बदलाव देखने को मिले हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना नई तरह की कार्यशैली और बदलावों के साथ काम कर रहे हैं।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बगैर उत्तर प्रदेश का नाम लिए कहा कि एक दो राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं को सदन में बोलने के लिए विशेष अवसर दिए गए। साथ ही नई परंपराएं शुरू की।
यही नहीं, नए विधायको को भी आगे लाने का काम किया जा रहा है। दूसरी विधानसभाओं को ऐसे ही नवाचारों की आवश्यकता है। जिससे दूसरी उन्हे कुछ नया सीखने को मिले। उन्होंने कहा कि विधानसभाओं को बिना गतिरोध और स्थगन के अपना कार्य करना चाहिए। इस तरह धीरे धीरे परिवर्तन आएगा और लोगों में विधायिका के प्रति विश्वास और बढ़ेगा।
वहीं राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सिंह ने कहा कि मीडिया के माध्यम से उत्तर प्रदेश विधानसभा के बदलावों के बारे में जानकारी मिलती रहती है। इसके लिए उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना जी बधाई के पात्र हैं।
कार्यक्रम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली संबोधित करते हुए सदन और विधानमंडलों में हंगामे और राजनीतिक दलों द्वारा हंगामा करने वालों का समर्थन करने पर चिंता जाहिर की.
इससे पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को मुंबई में 84वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन (एआईपीओसी) का उद्घाटन किया।
कार्यक्रम के दौरान उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने “लोकतांत्रिक व्यवस्था में लोगों के विश्वास को मजबूत करने के लिए विधानमंडल में अनुशासन और मर्यादा” तथा विधानसभा समितियों को अधिक प्रभावी कैसे बनाया जाये” विषय पर आधारित चर्चा में राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश सिंह के साथ मंच साझा किया।
पीठासीन अधिकारियों के इस सम्मेलन में विधानसभाओं की विभिन्न प्रक्रियाओं से संबंधित विभिन्न विषयों पर सत्र आयोजित किए जाने हैं। सम्मेलन में विधायी विषयों पर परिचर्चा भी होगी। विधान सभा भवन, मुंबई में आयोजित देश भर के पीठासीन अधिकारियों (पीओ) का वार्षिक सम्मेलन 21 साल बाद 27 से 29 जनवरी तक महाराष्ट्र में आयोजित किया गया है।
सम्मेलन में स्टैंडिंग कमेटी की अहम बैठक होगी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला स्टैंडिंग कमेटी की बैठक लेंगे। जहां पेपर लेस विधानसभाएं,सदन में बैठकों की संख्या में बढ़ोतरी और विधायकों की उपस्थिति समेत कई मुद्दों पर चर्चा होनी है।
इस मौके पर मुम्बई में विधायी निकायों के सचिवों का भी 60 वां सम्मेलन भी आयोजित है। पीठासीन अधिकारियों के इस सम्मेलन में विधानसभाओं की विभिन्न प्रक्रियाओं से संबंधित विभिन्न विषयों पर सत्र आयोजित हो रहे हैं। सम्मेलन में विधायी विषयों पर परिचर्चा भी होगी।
इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सिंह , महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर, महाराष्ट्र विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोर्हे सहित विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के विधानमंडलों के पीठासीन अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी आए हुए हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे भी इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।