Thursday, August 14, 2025
- Advertisement -

पीएम यात्रा के दौरान बनी थी टकराव की स्थिति

  • शहीद स्मारक की रोड को साफ कराने में धींगामुश्ती
  • प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर सरकारी विभागों की लापरवाही

जनवाणी संवाददाता  |

मेरठ: पंजाब में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के काफिले में हुई सुरक्षा चूक को लेकर पूरे देश में हायतौबा मची हुई है। प्रधानमंत्री मोदी के दो जनवरी को मेरठ दौरे को लेकर भले ही सुरक्षा में कोई चूक न हुई हो, लेकिन सरकारी विभागों में आपसी तालमेल की कमी साफ नजर आई।

दरअसल, शहीद स्मारक के सामने की ईट पत्थरों से भरी सड़क को साफ कराने के लिये एमडीए और पुलिस विभाग एक-दूसरे पर बला टालने में लगे रहे। बाद में जब पुलिस सख्त हुई तब जाकर एमडीए ने रातों रात में सड़क साफ कराई।

प्रधानमंत्री की सुरक्षा का प्रोटोकॉल कहता है कि जिस जगह पर वीवीआईपी जा रहे हो वहां के एक निश्चित दायरे के अंदर ईट पत्थर नहीं पड़े होने चाहिये। इसके पीछे तर्क यह दिया जाता है कि असामाजिक तत्व या विरोधी पथराव न कर दें। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को औघड़नाथ मंदिर से शहीद स्मारक में आना था।

एक जनवरी की शाम को प्रशासन को यह सूचना मिली थी। शहीद स्मारक के सामने मछेरान से लेकर जलीकोठी चौराहे तक सड़क पर ईट पत्थरों और कंक्रीट के जगह-जगह ढेर लगे हुए थे। एसपीजी ने इसे हटवाने के लिये स्थानीय पुलिस को निर्देश दिये थे। एसपी सिटी विनीत भटनागर ने इस सड़क की सफाई के लिये एमडीए और नगर निगम को पत्र लिखा था।

एमडीए की तरफ से कहा गया कि बिना पुलिस के इस सड़क की सफाई संभव नहीं है। यह कहकर एमडीए ने अनदेखी कर दी। वहीं मौके पर मौजूद सरकारी एजेंसी सिडको के एक इंजीनियर को इसकी जिम्मेदारी दी गई तो उन्होंने भी बहाना बना दिया। इन विभागों में ने रात में जेसीबी मशीन की व्यवस्था कर पाने में असमर्थता जािहर कर दी।

इस बीच एसपी सिटी ने सदर थाने के एक दारोगा को जेसीबी मशीन लाने के निर्देश दिये गए। एमडीए के नानुकुर के बाद एसपी सिटी ने जब लिखित में दोनो विभागों को सख्त पत्र लिखा तब रात दो बजे के बाद एमडीए ने सड़क की सफाई करानी शुरू की। शहीद स्मारक के अंदर रखे ईटो के ढेर को चादर डालकर छुपाया गया।

 

अगले दिन जब प्रधानमंत्री जब आए उस वक्त सड़क पर नगर निगम ने कई बार अपनी गाड़ी भेज कर सैनिटाइज करने वाली मशीन भेज दी थी। अधिकारियों का कहना है कि अगर सडक पर ईट पत्थर आदि दिखते तो एसपीजी नाराजगी जाहिर करते हुए हंगामा कर देती।

spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

करियर में न करें ये दस गलतियां

पढ़ाई खत्म करते ही नौकरी की टेंशन शुरू हो...

सीबीएसई और आईसीएसई बोर्डों की पढ़ाई का पैटर्न

दोनों बोर्डों का उद्देश्य छात्रों को अपने तरीके से...

अंधविश्वास

एक पर्वतीय प्रदेश का स्थान का राजा एक बार...

न्यू इंडिया में पुरानी चप्पलें

न्यू इंडिया अब सिर चढ़कर बोल रहा है। हर...

विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन जरूरी

उत्तराखंड मानवीय हस्तक्षेप और विकास की अंधी दौड़ के...
spot_imgspot_img