नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉट कॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक अभिनंदन स्वागत है। राजस्थान में कांग्रेस पार्टी का अंदरूनी संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सत्ता की सियासी जंग राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में हाथ मिलने के बाद भी नहीं थमी। राजस्थान का सीएम बनने के लिए सचिन का सब्र अब जवाब दे रहा है।
सूत्रों का दावा है कि मुख्यमंत्री बनने की चाहत में सचिन पायलट ने राहुल गांधी से दो टूक कह दिया है कि अगर गहलोत बजट पेश कर देते हैं तो उसके बाद नेतृत्व परिवर्तन का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। भारत जोड़ने निकले राहुल गांधी के सामने अब राजस्थान में पार्टी जोड़ने की चुनौती खड़ी है।
गौरतलब है कि इसी साल राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं। सचिन पायलट जल्दी नेतृत्व परिवर्तन चाहते हैं। इधर सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बजट पेश करने की तैयारी कर रहे हैं। 23 जनवरी से बजट सत्र शुरू होगा। ये उनका आखिरी बजट होगा, उसके बाद सूबे में चुनाव की रणभेरी बज जायेगी। इसी साल के अंत में चुनाव होने हैं। सचिन पायलट चाहते हैं कि अगर उनको मुख्यमंत्री बनाना है तो अब और देर नहीं होनी चाहिए।
सूत्रों के अनुसार बीते 11 जनवरी को पंजाब के भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी से मिलकर उन्होंने अपनी यही बात रखी है। प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन संबंधी सवाल के जवाब में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश कहते हैं कि जल्द कोई न कोई हल निकलेगा। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रदेश प्रभारी कोशिश कर रहे हैं। जयराम रमेश कहते हैं कि पार्टी के लिए दोनों नेता महत्वपूर्ण हैं, इसीलिए राहुल गांधी ने कहा था कि दोनों नेता हमारे एसेट हैं।
महीनों पहले सोनिया गांधी से बात के बाद संगठन महासचिव वेणुगोपाल ने कहा था कि एक दो दिन में नेतृत्व पर फैसला कर लिया जाएगा। उसके बाद महीनों गुजर गए फैसला नहीं हुआ और यही वजह है कि सचिन पायलट अब आलाकमान पर दबाव बना रहे हैं। पायलट गुट जल्दी फैसला लेने की वकालत कर रहा है। दर्जनों बार नेतृत्व से मिल चुके सचिन अब सड़क पर उतरने की तैयारी में हैं।
16 जनवरी से सचिन किसानों से मुलाकात का कार्यक्रम शुरू करने जा रहे हैं, जिसके अंतर्गत वो विभिन्न जिलों में किसानों से वार्तालाप करेंगे। इसे गहलोत और आलाकमान पर दबाव डालने की रणनीति माना जा रहा है। नेतृत्व की तरफ से उनको संकेत मिल चुके थे कि नेतृत्व परिवर्तन होगा, लेकिन अभी तक गहलोत ही कुर्सी पर काबिज हैं। इधर आलाकमान से तारीख पर तारीख मिल रही है और पायलट अब आर पार के मूड में आ गए हैं।