जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा द्वारा विभाग को हर रोज निर्देश दिए जाते है कि उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराते हुए सभी समस्याओ का तत्काल निवारण किया जाएं। उसके पश्चात भी जमीनी स्तर पर उस तरह से कार्य नहीं हो पा रहा है। जिस प्रकार होना चाहिए। उपभोक्ता र्स्माट मीटर के बढेÞ बिल से परेशान रहते है।
हालात यह है कि जिन लोगों के यहा पर बिजली के ज्यादा उपकरण भी नहीं होते उन उपभोक्ताओं का बिल हजारों रुपए का आता है। अब तो यह लाखों में आने लगा है। इसी तरह का नजारा लिसाड़ी गेट में देखने को मिला। जहां पर एक महिला का दो माह बिल विभाग द्वारा तीन लाख रुपए से ज्यादा का बना दिया। महिला की माने तो उसके घर में ऐसे उपकरण भी नहीं है, जो लाखों रुपए का बिल आएं। फिर भी बिल अधिक आ गया है।
इस तरह का यह कोई पहला मामला नहीं है, विद्युत विभाग द्वारा आयोजित शिविर में भी सबसे ज्यादा शिकायतें बढ़े बिल को लेकर ही आती है। क्योंकि बिल को सही कराने के लिए संबंधित उपभोक्ता विभाग की चक्कर काटते रहते है, लेकिन जांच के नाम पर उनका जल्द समाधान नहीं किया जाता।
जबकि ऊर्जा मंत्री के निर्देश के पश्चात ऊर्जा एमडी की भी सख्त हिदायत है कि उपभोक्ताओं को समय पर एवं सहीं बिल मिले। जिससे वह बिना देरी किए बिल को जमा करा दें। उसके पश्चात भी इस तरह की शिकायते हर रोज कही ना कही देखने को मिलती हैं।
बता दें कि जिन उपभोक्ताओं का स्मार्ट मीटर के माध्यम से बढ़ा बिल आता है। अगर वह उपभोक्ता विभाग में जाकर शिकायत करे एवं बार-बार विभाग के चक्कर काटे तो उसके यहां पर विभाग द्वारा पहले चेक मीटर लगाया जाता है। उसके पश्चात ही आंकलन कर विभाग द्वारा बढे हुए बिल को कम किया जाता हैं।