Monday, July 8, 2024
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सीबीआई जांच में फंसी विवादित फर्म को फिर दिए ठेके

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  • बोर्ड अध्यक्ष ब्रिगेडियर की अध्यक्षता में हुई कैंट बोर्ड की बैठक, महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर की गई चर्चा

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: कैंट बोर्ड में बुधवार को हुई स्पेशल बोर्ड बैठक में बोर्ड अध्यक्ष ब्रिगेडियर राजीव कुमार की अध्यक्षता में बैठक में प्रस्तुत आउटसोर्सिंग के तीन ठेकों को कैंट बोर्ड के ही डोर-टू-डोर ठेके में सीबीआई जांच में फंसी एक विवादित फर्म को दे दिया।

कैंट बोर्ड से बर्खास्त सीईई अनुज के विषय मे हाईकोर्ट की डबल बैंच के कैंट बोर्ड के पक्ष में आये निर्णय व आउटसोर्सिंग ओर तहबाजारी के ठेकों समेत रजबन क्षेत्र के एक मंदिर को हटाए जाने के विषय मे चर्चा करके निर्णय लिए गए। इन महत्वपूर्ण बिन्दुओं को लेकर बोर्ड बैठक में चर्चा की गई।

अनुज सिंह पर हाई कोर्ट की डबल बैंच ने सिंगल बैंच के निर्णय को पलटा

कैंट बोर्ड से बर्खास्त चल रहे पूर्व सीईई अनुज सिंह के मामले में सीईओ ज्योति कुमार ने बोर्ड को अवगत कराया कि हाईकोर्ट की डबल बैंच द्वारा 17 जुलाई 2023 के आदेश में कैंट बोर्ड की अपील जो स्वीकार करते हुए उक्त मामले में पूर्व में दिए गए हाईकोर्ट की सिंगल बैंच के आदेश को खारिज कर दिया है।

विदित है कि हाईकोर्ट की सिंगल बैंच ने 28 अप्रैल 2023 के आदेश में कैंट बोर्ड द्वारा सीईई अनुज सिंह की बर्खास्तगी को गलत ठहराया था और उन्हें उनके पद पर वापस लेने और रुके हुए वेतन को देने के आदेश दिए गए थे। सिंगल बैंच के उक्त आदेश के खिलाफ कैंट बोर्ड द्वारा हाईकोर्ट की ही डबल बैंच में अपील की गई थी।

अनुज सिंह प्रकरण

अनुज सिंह कैंट बोर्ड के तेज तर्रार अधिकारी माने जाते थे ओर बोर्ड में सीईई यानी मुख्य अधिशासी अभियंता के पद पर थे। सन 2013 में तत्कालीन मुख्य अधिशासी अधिकारी डा. डीएन यादव द्वारा उनपर कुल सात मामलों में भ्रष्टाचार व अनियमितता के चार्ज लगाते हुए मध्य कमान को जांच के लिए लिखा गया था। जिस पर मध्य कमान द्वारा तत्कालीन सीईओ लखनऊ शोभा गुप्ता को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया।

शोभा गुप्ता जब जांच करने आई तब वो मध्य कमान में डायरेक्टर बन गईं थी। लगभग छह वर्ष की कागजी कार्रवाई ओर जांच के उपरांत शोभा गुप्ता ने कुल सात चार्ज जो अनुज सिंह पर थे, उनमें बहुचर्चित 210 बी, 22बी, टंचिंग ग्राउंड, हरे पेड़ काटने व बंगला संख्या 167 के नक्शे समेत अन्य आरोपो की जांच करके रिपोर्ट दी, जिसे 29 मार्च 2019 को बोर्ड बैठक में रखा गया

और उक्त रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन सीईई अनुज सिंह को बर्खास्त करते हुए उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गर्इं थी। उक्त निर्णय के विरुद्ध अनुज सिंह ने लखनऊ में जीओसी इन सी के यहां अपील की, जहां हुई सुनवाई में उनकी बर्खास्तगी को रिटायरमेंट में बदलते हुए पेंशन सुविधा देने का निर्णय दिया गया, लेकिन अनुज सिंह द्वारा अपनी बर्खास्तगी के निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी,

जिसमें उन्होंने अपनी बर्खास्तगी को गलत बताया और शोभा गुप्ता की जांच पर भी सवाल खड़े किए थे। अनुज सिंह का कहना था कि किसी भी अनियमितता के लिए वो अकेले कैसे दोषी ठहराए जा सकते हैं? अनुज सिंह अपील पर सुनवाई करते हुए 28 अप्रैल 2023 को सिंगल बैंच ने अपने आदेश में अनुज सिंह की अपील स्वीकार करते हुए उनकी बहाली के आदेश जारी किए थे।

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उक्त आदेश के खिलाफ कैंट बोर्ड ने डबल बैंच में अपील की थी जिस पर सुनवाई करते हुए डबल बैंच ने अपने फैंसले में पूर्व में दिए सिंगल बैंच के निर्णय को पलट दिया और कैंट बोर्ड की अपील स्वीकार करते हुए अनुज सिंह की बर्खास्तगी पर अदालती मुहर लगा दी।

विवादित फर्म को मिले आउटसोर्सिंग कर्मचारी ठेके

बोर्ड बैठक में आज आउट सोर्सिंग के कुल तीन ठेकों को मंजूरी दी गयी जिसमे लगभग 230 आॅफिस स्टाफ का प्रथम टेंडर व 230 सिविल एरिया के सफाई कर्मचारियों के दूसरे टेंडर ओर सब एरिया व आर्मी एरिया के लगभग 400 सफाई कर्मचारियों के तीसरे ठेके को मंजूरी दी गयी । तीनो ठेके योग्यता के आधार पर आगरा की एक ही फर्म मेसर्स अग्रवाल एंड कंपनी को दिए गए।

हालांकि कैंट बोर्ड के ही डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन ठेके में उक्त कंपनी विवादित है ओर तत्कालीन सीईओ नावेंद्र नाथ पर तय राशि से अधिक भुगतान उक्त कंपनी को करने के आरोप पूर्व उपाध्यक्ष विपिन सोढ़ी द्वारा लगाए गए थे। जिसकी जांच करने पूर्व में मध्य कमान से डायरेक्टर डा. डीएन यादव भी आये थे

और उक्त विषय की जांच वर्तमान में सीबीआई द्वारा भी की जा रही है, लेकिन कंपनी क्योंकि कैंट बोर्ड से ब्लेक लिस्टेड नही है इस कारण उसने टेंडर डाले और प्राप्त भी किये। हालांकि सीबीआई जांच अभी चल रही है ओर मध्य कमान के डायरेक्टर डी एन यादव की जांच के क्या परिणाम रहे उसका भी कुछ पता नहीं।

ये रहे बोर्ड बैठक में मौजूद

बैठक में मुख्य अधिशासी अधिकारी ज्योति कुमार, मनोनीत सदस्य डा. सतीश शर्मा व कार्यालय अधीक्षक जय पाल तोमर शामिल रहे।

ये थे अन्य मामले

  • बोर्ड बैठक में निर्णय लिया गया कि सीएबी स्कूल की पार्किंग को छात्रों के लिए फ्री किया जाएगा हालांकि छात्र अब अपने रिस्क पर साइकिल या स्कूटर खड़े कर सकेंगे।
  • नाला क्लीनिंग हेतु एक पॉर्कलेन मशीन जिसकी कीमत लगभग 66 लाख रुपये है खरीदने पर सहमति बनी और उक्त प्रस्ताव को कमान की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
  • कैंट क्षेत्र की तहबाजारी के ठेके को 64 लाख 50 हजार वार्षिक की बोली लगाने वाले ठेकेदार पवन कुमार को देने पर भी सहमति बनी।

रजबन में मिलिट्री अस्पताल की भूमि से अवैध बना मंदिर हटेगा

बोर्ड बैठक में बोर्ड अध्यक्ष ने रजबन क्षेत्र में बनने वाले मिलिट्री अस्पताल की भूमि पर बने एक मंदिर को हटाने के आदेश दिए हालांकि मनोनीत सदस्य डा. सतीश शर्मा ने कहा के मंदिर बहुत पुराना है। अत: उसे उसी स्थान पर रहने दिया जाय और चाहे तो आर्मी उसकी देखभाल करे, लेकिन बोर्ड अध्यक्ष ने कहा के उक्त जगह मिलिट्री अस्पताल का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट प्रस्तावित है तो मंदिर वहां कैसे रख सकते हैं।

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