- बैठी जांच, नगर निगम के विभिन्न टेंडरों की फाइल में अनुबंध के विपरीत कार्य
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सामुदायिक भवन के ठेकों की फाइल में गड़बड़ी की जा रही है। जिसमें बडे भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए इस तरह की फाइलों की जांच कराने को कुछ पार्षदों ने अपर नगरायुक्त से शिकायत की है। अपर नगरायुक्त ने मामले में जांच बैठाते हुए संबंधित दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई का भी आश्वासन दिया है। जिनकी मिलीभगत से ठेकेदारों को गलत तरीके लाभ पहुंचाकर भ्रष्टाचार को बढ़वा देने का आरोप लगाया जा रहा है। पार्षदों का आरोप है कि यह सामुदायिक भवन के टेंडर की फाइल में अनुबंध से अलग हटकर कार्य कराया जा रहा हो या फिर होर्डिंग आदि के टेंडर का मामला हो।
नगर निगम के पार्षद एवं कार्यकारिणी सदस्य पवन चौधरी, संजय सैनी, उत्तम सैनी समेत कई पार्षदों ने पांड़व नगर कंकरखेड़ा, साकेत समेत कई सामुदायिक भवनों के टेंडर के अनुबंध को ताक पर रखकर कार्य किए जाने का आरोप लगाया। जिसमें पार्षदों का आरोप है कि जिन ठेकेदारों ने पांच वर्षों के लिए सामुदायिक भवनों का टेंडर लिया है। जिसमें किस समारोह/कार्यक्रम पर कितना रुपया मानक के अनुसार लिया जा सकता है। इसी में गरीब परिवारों में होने वाले शादी समारोह व अन्य आयोजन के लिए कितने रुपये में भवन को बुक किया जायेगा।
नियमानुसार कार्यक्रम एवं अनुबंध के अनुसार निगम के खाते में धन जमा कराया जा रहा है या नहीं। इन्हीं सबको लेकर पार्षदों के द्वारा किराया संबंधी निगम कर्मचारी/लिपिक हरबीर सिंह से जानकारी मांगी गई तो वह टर्काता रहा। इसी में पार्षदों ने अपर नगरायुक्त शरद पाल से संपर्क किया तो फाइल की तलाश की गई। हरवीर द्वारा सामुदायिक भवन की फाइल लेखा विभाग में होने की बात कही तो पार्षदों ने लेखा विभाग में संपर्क साधा, फाइल वहां पर भी नहीं मिली। पार्षद अपर नगरायुक्त का घेराव कर बैठ गये,
इसी बीच हरवीर को बुलाया गया तो वह फाइल को लेकर गोलमोल जवाब देने लगा। जिस पर अपर नगरायुक्त ने हरवीर से फाइल लेकर आने को कहा कि फाइल है तो नगर निगम में ही आखिर वह कोई विदेश में तो नहीं। जिसके बाद वह फाइल लेकर कार्यालय पहुंचा। फाइल को पार्षदों ने देखा तो उसमें काफी गड़बडी होने की बात सामने आई। इस मामले में पार्षदों ने हरवीर को किराया लिपिक से हटाकर दूसरे लिपिक की तैनाती करने की बात कही। जिस पर अपर नगरायुक्त शरद पाल ने मामले में दोषी पर कार्यवाई ओर जांच के बाद लिपिक का पटल बदलने का आश्वासन पार्षदों को दिया।