- नहीं हुआ डिस्पोज, लाल बिल्डिंग के पीछे खड़ी खटारा एंबुलेंस के पास जमा है कोविड का वेस्ट
- दो साल तक रहा था कोविड का प्रकोप, पूरे जिले में मचा था हाहाकार
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कोरोना काल के वो तीन साल भला कौन भूल सकता है। जब पूरे जिले ही नहीं बल्कि प्रदेश व देश में हाहाकार मचा हुआ था। कोरोना की तीन लहरों ने इंसानों को यह एहसास दिला दिया था कि जिंदगी के अंतिम समय में कौन अपना और कौन पराया है। जबकि दूसरी लहर में सबसे ज्यादा जान गई थी और हर तरफ एंबुलेंस का सायरन ही गूंजता रहता था। इन्हीं एंबुलेंसों के जरिए मरीजों को मेडिकल के कोविड वार्ड में भर्ती कराया जाता था। वहीं, वार्ड की रोजाना कई बार साफ-सफाई होती थी। जिससे कोरोना का वायरस नष्ट हो जाए और किसी दूसरे को निशाना न बना सके, लेकिन विडंबना देखिए कि कोरोना काल का कुछ वेस्ट आज भी मेडिकल में मौजूद है
जिसे तीन साल बीतने के बाद भी नष्ट नहीं किया गया है। मेडिकल कॉलेज की पीएमआरवाई बिल्डिंग के पीछे स्थित पानी की टंकी के पास आज भी वही पुरानी दो एंबुलेंस जिनमें कोरोना के मरीजों को लाया-ले जाया जाता था खड़ी है। जबकि इनके पास ही आज भी कुछ मेडिकल वेस्ट पड़ा है। जिसे कोरोना काल का बताया जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोरोना के दौरान जब हर तरफ अफरा-तफरी का माहौल था। उस समय सफाइ कर्मियों के पास मेडिकल वेस्ट नष्ट करने की जगह तक नहीं बची थी। इस वजह से उन्होंने यहां वेस्ट मेटीरियल फेंक दिया, लेकिन यह आजतक भी उठाया नहीं गया है। अब इसे मेडिकल प्रशासन की लापरवाही कहें या भूल इसका जवाब देने के लिए कोई तैयार नहीं है।