जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: स्टांप विभाग व एडीएम फाइनेंस के कार्यालय में सर्किल रेट बढ़ाने की अंतिम दिन 42 से ज्यादा आपत्तियां पहुंची। सबसे ज्यादा आपत्ति रजिस्ट्री कार्यालय सर्किल दो की पहुंची। इसके बाद सरधना व रजिस्ट्री कार्यालय तृतीय में पहुंची। माना जा रहा है कि इस बार शहर की पॉश कॉलोनी से लेकर देहात तक की जमीनों के 20 से 30 प्रतिशत रेट बढ़ेंगे। इसके लिए स्टांप विभाग ने भी पूरी तैयारी कर ली है। इसके साथ मेरठ के रजिस्ट्री आफिस में भी एकाएक भीड़ बढ़ने लगी है। डीएम डॉ. वीके सिंह का कहना है कि आपत्तियां दाखिल करने की सोमवार को आखिरी डेट थी। अब आपत्तियों का निस्तारण होगा। इसके बाद आपत्ति दाखिल करने वालों के साथ मीटिंग होगी। सर्किल रेट जारी कर दिया जाएगा।
जिले में जमीनों के सर्किल रेट बीस से तीस प्रतिशत बढ़ाने की तैयारी शुरू हो चुकी है। पाश कालोनी साकेत, सदर, आबूलेन, शास्त्री नगर,जागृति विहार, मंगलपांडे नगर, शारदा रोड की जमीनों के रेटों पर काफी बदलाव आएगा। माधवपुरम, सेंट्रल मार्किट, साकेत, शारदा रोड, सदर बाजार,आबूलेन, बेगमपुल, खूनी पुल, बच्चा पार्क आदि कालोनियों के रेट तो एक लाख से सवा लाख प्रति वर्ग मीटर तक पहुंच चुके है। कागजों में वह पचास हजार पर वर्ग मीटर पर ही दिखाई दे रहे है। इसके साथ शहर की कई कॉलोनियों में दाम दिन पर दिन बढ़ रहे है। रेपिड रेल व अन्य विकास कार्य होने से जमीनों के रेट काफी महंगे हो गए है, लेकिन मकानों व फ्लेटों की रजिस्ट्री पुराने रेटों पर ही हो रही है। जिससे स्टांप विभाग इस साल अपना टारगेट भी पूरा नहीं कर पाया। सबसे ज्यादा आपत्ति खरखौदा व हापुड़ रोड की जमीनों के लिए आई। चूंकि वहां पर सबसे ज्यादा जमीनों का अधिग्रहण होना है। वहां पर गंगा एक्सप्रेस-वे के पास औद्यौगिक गलियारा, मोहिउद्दीनपुर पर नई टाउनशिप व आवास विकास की नई टाउनशिप के लिए किसानों से जमीनों का अधिग्रहण होना है।
आज खुलेगा ध्वस्तीरण के लिए ई-टेंडर
शास्त्री नगर की सेंट्रल मार्केट को ध्वस्त करने के लिए आज पौने दो करोड़ का ई-टेंडर खुलेगा। इसके बाद तीन मंजिला कांप्लेक्स समेत 32 दुकानों का ध्वस्तीकरण शुरू हो जाएगा। 17 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने व्यापारी की टाइम एक्सटेंशन मांग वाली याचिका स्वीकार करते हुए आवास विकास को जवाब दाखिल करने के लिए 21 दिन का समय देते हुए तब तक कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया। इससे पहले 17 दिसंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में सेंट्रल मार्केट स्थित तीन मंजिला काप्ंलेक्स को ध्वस्त करने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने तीन महीने का समय दिया। 4 मार्च को व्यापारियों ने परिसर खाली करने के लिए और समय दिया जाने जाने की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की। 29 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने व्यापारियों की समय सीमा बढ़ाने वाली याचिका को खारिज कर दिया। आवास विकास परिषद ने 2 मई को सेंट्रल मार्केट में बनी 22 दुकानों को खाली करने का नोटिस चस्पा किया। जिसके विरोध में 20 मई को सेंट्रल मार्केट व जागृति विहार के व्यापारियों ने बाजार बंद रखा गया। 22 मई को सर्किट हाउस में राज्यमंत्री ने प्रशासनिक, मेडा व व्यापारी नेताओं के साथ वार्ता की। इससे बचाने के उपाय निकालने के लिए कहा, लेकिन कोई हल नहीं निकला। 4 जून को आवास विकास ने 80 से ज्यादा आंवटियों का आवंटन रदद कर दिया। वहीं, आवास विकास इंजीनियर का कहना है कि मंगलवार को 32 दुकानों के ध्वस्तीकरण के लिए ई-टेंडर खोला जाएगा। अगर ठेकेदार मिल जाता है कि एक हफ्ते के भीतर ही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
खाली होना शुरू हो चुकी दुकानें
शास्त्री नगर व सेंट्रल मार्केट के व्यापारियों में दहशत का माहौल बना हुआ है। कई दुकानदारों ने अपनी किराए पर दी दुकानों को खाली करवाना शुरू कर दिया है। इसके साथ उन्होंने स्वंय ही दुकानों का शटर हटाकर दरवाजा लगा दिया है। जिससे उनकी दुकानों का ध्वस्तीकरण न हो सकें। इसके साथ कई दुकानें खाली भी हो चुकी है। व्यापारियों के चेहरों पर साफ उदासी देखी जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आवास विकास परिषद ने पुराने आवास विकास अधिकारियों कि लिस्ट निकलवाई। जिसमें 132 तत्कालीन इंजीनियर दागी पाए गए, लेकिन आवास विकास ने 51 तत्कालीन इंजीनियरों के खिलाफ ही रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए तहरीर दी है। जिससे तत्कालीन इंजीनियरों पर भी दहशत का माहौल हे।