Saturday, April 26, 2025
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साइबर हैकर्स ने झटके चार करोड़

  • दुबई से चलता है नेटवर्क, हैकर्स ने बदला टेंÑड, पुलिस से पहले हैकर हुए हाईटेक
  • कस्टमर केयर अधिकारी नहीं सीबीआई आफिसर बनकर कर रहे हैकर्स डिजिटल अरेस्ट

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: पुलिस से पहले ही हैकर्स हाईटेक हो गए हैं। हैकर्स अब कस्टमर केयर अधिकारी नहीं, सीबीआई या आईपीएस आफिसर बनकर लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर रहे हैं। जिले में साइबर हैकर्स लोगों को जेल भेजने की धमकी दिखाते हुए डिजिटल अरेस्ट करके चार करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम झटक चुके हैं। साइबर थाने की पुलिस हैकर्स के मास्टर माइंड तक पहुंचने में नाकाम साबित हुई। साइबर थाने की पुलिस का कहना है कि हैकर्स दुबई से बैठकर लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर रहे हैं। इससे बचने का एक मात्र साधन जागरूकता है।

पिछले एक साल पहले हैकर्स बैंक अधिकारी, कस्टमर केयर आफिसर, रिश्तेदार, दोस्त बनकर वाट्सऐप पर फोटो लगाकर उनके साथ ठगी कर रहे थे, लेकिन अब हैकर्स ने नई टेक्नोलोजी का इस्तेमाल करके लोगों को सीबीआई आफिसर, महाराष्ट्र पुलिस कमिश्नर, इंटेलिजेंस आफिसर, आईपीएस आफिसर बनकर लोगों को डिजिटल अरेस्ट करना शुरू कर दिया है। डिजिटल अरेस्ट करते ही उनके एकाउंट से करोड़ों रुपये अपने एकाउंट में ट्रांसफर करवा रहे हैं। दहशत में लोग उनके एकाउंट में रुपये ट्रांसफर कर रहे हैं। ऐसे ही मेरठ में पिछले छह महीने में 10 से ज्यादा मामले साइबर थाने में देखने को मिले हैं। जिनमें पुलिस हैकर्स को अरेस्ट तो कर पाई है, लेकिन उनके एकाउंट से रुपये ट्रांसफर नहीं कर सकी है।

ऐसे बचे डिजिटल अरेस्ट से

एसपी क्राइम अवनीश कुमार का कहना है कि अरेस्ट से बचने का आसान रास्ता जानकारी है। इसकी शुरुआत ही आपके डर के साथ होती है। ऐसे में यदि आपके पास भी इस तरह की धमकी वाले फोन कॉल आते हैं तो आपको डरने की जरूरत नहीं है। ऐसे कॉल आने पर तुरंत पुलिस में शिकायत करें।

क्या है डिजिटल अरेस्ट?

डिजिटल अरेस्ट हैकर्स द्वारा ब्लैकमेल करने का एक एडवांस तरीका है। डिजिटल अरेस्ट का मतलब ऐसा है कि कोई आपको आॅनलाइन धमकी देकर वीडियो कॉलिंग के जरिए नजर रख रहा है। डिजिटल अरेस्ट स्कैम के शिकार अधिकतर पढ़े लिखे और होशियार लोग होते हैं। वह वीडियो कॉल पर लगातार बने रहने के लिए कहते हैं।

ऐसे होती है डिजिटल अरेस्ट की शुरुआत

डिजिटल अरेस्ट की शुरुआत एक मैसेज या फोन कॉल के साथ होती है। डिजिटल अरेस्ट करने वाले ठग लोगों को फोन करके कहते हैं कि वे आईपीएस या इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से काल कर रहे हैैं। उनकेपैन और आधार का इस्तेमाल करते हुए तमाम चीजें की खरीदी गई हैं या फिर मनी लॉन्ड्रिंग की गई है। इसके साथ वह कहते है कि पार्सल आया है। जिसमें ड्रग्स या प्रतिबंधित चीजे हैं। इसके बाद वे वीडियो कॉल करते हैं और सामने बैठे रहने के लिए कहते हैं। इस दौरान किसी से बात करने, मैसेज करने और मिलने की इजाजत नहीं होती। इस तरह लोग घर में आॅनलाइन कैद होकर रह जाते हैं।

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