जनवाणी संवाददाता |
रामपुर मनिहारान: सकल दिगम्बर जैन समाज के तत्वावधान में दशलक्षण महापर्व का शुभारंभ उत्तम क्षमा धर्म के साथ धूमधाम से किया गया। बुधवार को प्रातः से ही नगर के तीनो जैन मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। नगर के सभी जैन मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया। नगर में चातुर्मास कर रहे जैन सन्त आचार्य श्री 108 भारत भूषण जी महाराज ससंघ के सानिध्य में मोहल्ला इकराम स्थित प्राचीन जैन मंदिर जी में प्रातः श्री 1008 पारसनाथ भगवान की प्रतिमा का अभिषेक कर शांतिधारा की गई उसके पश्चात पारसनाथ पूजा, सोलहकरण पूजा, पंचमेरू पूजा ओर दशलक्षण पूजा मुख्य रूप से की गई। इसके बाद श्री कल्याण मंदिर विधान किया गया ।
इस अवसर पर श्रद्धालुओ को प्रवचन देते हुए जैन मुनि आचार्य श्री 108 भारत भूषण जी महाराज ने कहा कि दशलक्षण धर्म का पहला दिन उत्तम क्षमा का दिन है। क्षमा मांगने से कोई भी व्यक्ति छोटा नही हो जाता। क्षमा करना कायरो नही वीरों का कार्य हैं। क्षमाशील व्यक्ति की प्रसंशा हर जगह हुआ करती हैं। जैन मुनि ने कहा कि नही जिन्दगी का भरोसा हैं।नही लक्ष्मी का भरोसा है।कल क्या होगा उसका किसी को नही पता तो किसलिए व्यर्थ की चिन्ता करते हो।
इसलिए आप सब साथ मिलके ऐसे पल बिताये जिसमें धर्म हो, मन्दिर हो गुरु भगवंत हो तीर्थ यात्रा हो ऐसी जिंदगी जीनी चाहिए जिसमें क्रोध और अभिमान का त्याग हो। यह सब तब ही संभव है जब आपके अंदर उत्तम क्षमा धर्म होगा।
इस कार्यक्रम को अक्षत भैया और अंश भैया के दिशा निर्देशन में भोपाल से आए संगीतकारों के द्वारा कराया गया।
इस दौरान जैन समाज के प्रधान मनोज जैन, निपुण जैन, भूपेंद्र जैन, अनुराग जैन, नवीन जैन, अतुल जैन, आर्जव जैन, शशांक जैन, पुनीत जैन, अभिषेक जैन सहित समाज के सैकड़ों महिला पुरुष मौजूद रहे।