- कोरोना के बाद बर्तन व्यापारियों में धनतेरस पर अच्छा बाजार होने की जगी उम्मीद
- डिजाइनर बर्तनों के साथ मल्टी बर्नर वाले चूल्हों की हो रही अधिक डिमांड
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: गत वर्ष दीवाली पर कोरोना संक्रमण की मार की वजह से बाजार में कम रौनक देखने को मिली थी, लेकिन इस वर्ष बाजार में दीवाली का त्योहार आने से पहले ही ग्राहकों की रौनक देखने को मिल रही है। क्योंकि एक ओर तो त्योहार वहीं दूसरी ओर सहालग की वजह से भी लोग जमकर खरीदारी कर रहे है। जिसकी वजह से व्यापारियों के चेहरे पर भी रौनक लौटने लगी है।
बता दें कि दीवाली का पर्व चार नवंबर को मनाया जाएगा जिसको लेकर बाजार सजने शुरू हो गए है। धनतेरस को लेकर बर्तन बाजार में भी रौनक नजर आने लगी है और बर्तन बाजार सजकर तैयार हो चुका है। हर साल की तरह इस वर्ष भी लोगों की डिमांड को देखते हुए डिजाइनर बर्तन और क्राकरी के साथ मल्टी बर्नर वाले आकर्षक गैस चूल्हे बाजार में उतारे गए है। जिन्हें महिलाएं अधिक पसंद कर रही है।
धनतेरस पर बर्तनों की रौनक कुछ और ही होती है। इस दिन बर्तन आदि खरीदना शुभ माना जाता है। इस दिन हर कोई अपने बजट के अनुसार अपनी जरूरत का सामान खरीदने के लिए दुकानों पर जरूर जाता है। जिनकों बर्तनों की आवश्यकता नहीं होती वह भी धनतेरस पर शगुन करने के लिए बर्तन बाजार से कुछ न कुछ खरीदकर जरूर लाते है। परंपरागत त्योहार को देखते हुए बाजार में डिजाइनर बर्तन भी सज गए है।
नॉन स्टिक की भरमार
महिलाओं की पसंद को देखते हुए बाजार में एक से बढ़कर एक नॉन स्टिक बर्तनों की वैरायटी को उतारा गया है। धार्मिक परंपरा निभाने के लिए लोग सामान्य बर्तन खरीदते हैं, लेकिन साथ-साथ ही रोजमर्रा को देखते हुए नॉन स्टिक बर्तनों की अधिक डिमांड रहती है। वहीं धनतेरस पर स्टील, तांबा, पीतल के बर्तनों के साथ-साथ हर साल चांदी व सोने के बर्तनों की भी जमकर ब्रिकी होती है।
लालकुर्ती स्थित बालाजी बर्तन भंडार के संचालक दीपक अरोड़ा बताते है कि धनतेरस पर स्टील, पीतल और तांबे के बर्तनों की मांग भी रहती है। इसलिए उनकी पूरी रेंज बाजार में उपलब्ध है। धनतेरस को लेकर बाजारों में ग्राहकों की भीड़ बढ़ने लगी है। वहीं धनतेरस पर महिलाएं पूजा की थाली, देवी-देवताओं की मूर्ति, कुकर, डोंगा सेट, बर्तन स्टैंड, बाल्टी, लोटा, कटोरी, जग, तवा अधिक खरीदती है।