जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के निर्माण का विरोध बढ़ता जा रहा है। किसानों ने एनएचएआई के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। एक्सप्रेस-वे का विरोध जहां परतापुर में चल रहा है, वही मुरादाबाद (गाजियाबाद) गांव में भी जोर पकड़ गया है। दोनों ही स्थानों पर किसानों ने काम बंद करा दिया है।
हालांकि परतापुर में अंडरपास बनाने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया गया है, वही गाजियाबाद के मुरादाबाद गांव में मुआवजे को लेकर ‘रार’ है। परतापुर के किसानों का पिछले 4 दिन से परतापुर चौराहे पर धरना चल रहा है।
किसानों का कहना है कि परतापुर समेत दर्जनभर गांव का जहां से आवागमन एनएच-58 पर होता है, वहां राइट साइड में यदि चलेंगे तो वह रॉन्ग साइड हो जाएगा।
ऐसे में दुर्घटनाएं घटित होगी। पहले से ही इसको देखते हुए एनएचएआई ने प्लानिंग नहीं की। कहा गया है कि यहां अंडरपास दिया जाए, ताकि दर्जनभर गांव के लोगों को किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
किसानों ने हाईवे पर अंडरपास को लेकर चल रहे कामकाज को पिछले चार दिन से बंद करा रखा है। मिट्टी डालकर सड़क को ऊंचा किया जा रहा था। फिलहाल किसानों ने कामकाज बंद कर दिया है।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का निर्माण पीछे खिसकता जा रहा है। किसान यदि यहां आंदोलित रहे तो निर्धारित समय पर काम पूरा हो पाए यह संभव नहीं है। क्योंकि पहले ही एक्सप्रेस-वे के निर्माण पूरा होने की कई बार तिथि फिक्स की जा चुकी है। इस बार फिर मार्च में एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करने की तिथि घोषित की गई है। किसानों का कहना है कि अंडरपास बना तो ही काम चलने दिया जाएगा।
हालांकि एनएचएआई से किसानों की बातचीत हुई है, लेकिन फिलहाल एनएचएआई की तरफ से कोई आश्वासन नहीं दिया गया है, जिसमें अंडरपास बनाने की बात कही गई हो।
इसी तरह से गाजियाबाद के मुरादाबाद में भी एक्सप्रेस वे का काम बंद है, वहां समान मुआवजे की मांग किसान कर रहे हैं। दो स्थानों पर किसानों का धरना प्रशासन के लिए भी बड़ी चुनौती बन गया है, जो एक्सप्रेस-वे के निर्माण में बड़ी बाधा बन गया है।
किसान राजकुमार का कहना है कि अभी दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे का काम प्रारंभिक स्तर पर है तो इस दौरान अंडरपास बनाया जा सकता है, लेकिन काम पूरा होने के बाद अंडरपास का बनना बेहद मुश्किल है, इसीलिए किसान जब तक काम बंद रखेंगे तब तक अंडरपास का निर्माण कार्य चालू नहीं चलने दिया जाएगा। इस दौरान किसानों का धरना भी अनिश्चितकाल के लिए चलता रहेगा।
किसान नितेश चौधरी का कहना है कि यदि पुलिस प्रशासन ने किसानों पर बल प्रयोग किया तो एनएच-58 को चक्का जाम कर दिया जाएगा तथा पुलिस बल प्रयोग का परिणाम भुगतना पड़ेगा। किसान एकजुट है और रहेंगे, लेकिन किसान तभी यहां से उठेंगे जब अंडरपास का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा।
पार्षद विशाल चौधरी का कहना है कि जब तक अंडरपास का निर्माण शुरू नहीं होगा तब तक परतापुर से किसान धरना खत्म नहीं करेंगे। पार्षद इस बात को लेकर भी गुस्से में है कि बार-बार ज्ञापन देने के बाद भी परतापुर के लोगों की मांग पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया? इस मुद्दे को लेकर पूरा गांव एकजुट है तथा आंदोलित भी है। गांव के लोग आंदोलन से तब तक कदम पीछे नहीं खींचेंगे जब तक अंडरपास नहीं बन जाता।
किसान नरेंद्र चौधरी का कहना है कि परतापुर गांव के लोगों को परेशान किया जा रहा है। पहले से ही परतापुर के लोग अंडरपास की मांग कर रहे हैं, लेकिन एनएचएआई के अधिकारी किसानों का पक्ष सुन नहीं रहे हैं। किसानों ने काम बंद करा कर धरना शुरू कर दिया है तो अब दिक्कत आ रही है।