- मुख्यमंत्री के नाम भाकियू कार्यकर्ताओं ने दिया ज्ञापन
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: भाकियू अराजनीतिक की ओर से प्रदेश को सूखाग्रस्त घोषित करके किसानों को विभिन्न राहत देने की मांग को लेकर जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन दिया गया, जिसमें बिजली बिल माफ करने और 10 हजार रुपये प्रति एकड़ राहत राशि के साथ-साथ बीज निशुल्क उपलब्ध कराने की मांग की गई।
भाकियू अराजनीतिक के जिलाध्यक्ष नवाब सिंह अहलावत के नेतृत्व में किसान जिला मुख्यालय पहुंचे। जहां डीएम कार्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन शुरू किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन डीएम कार्यालय में दिया गया। जिसमें कहा गया कि उत्तर प्रदेश के अधिकतर जनपदों में इस बार वर्षा का औसत सामान्य से भी कम है। इस बार किसानों के उत्पादन में भारी गिरावट होने वाली है।
बारिश न होने कारण किसान अपनी फसल को लगा नहीं पाए और जिन किसानों ने फसल को लगाया, वह भी उन्हें बचा नहीं पाए। सूखे के कारण किसानों की फसलों में काफी बीमारियां लगने के कारण एक तिहाई फसल समाप्त हो चुकी है। फसल का उत्पादन मुख्य रूप से पानी बीज और निवेश पर निर्भर है। किसी कारण अगर प्रकृति साथ न दे तो किसान बर्बाद हो जाता है।
किसान कभी सरकार की नीतियों के कारण कभी प्रकृति की देखी और कभी किसान के पास निवेश की स्थिति होने में कारण पर कर्ज का भार बढ़ता जा रहा है। प्रदेश में इस बार किसानों के सामने भारी समस्या है। ज्ञापन में कहा गया कि बरसात के औसत और किसानों की समस्याओं को देखते हुए भारतीय किसान यूनियन उत्तर प्रदेश में जिला मुख्यालयों पर आयोजित धरना प्रदर्शन के माध्यम से सरकार के मांग करती है कि उत्तर प्रदेश को सूखाग्रस्त घोषित किया जाए।
किसानों की सभी तरह की वसूली पर तत्काल प्रभाव से एक वर्ष के लिए रोक लगाई जाए। वर्तमान सीजन के सभी तरह के कृषि ऋणों पर ब्याज माफ किया जाए। किसानों के बिजली बिल माफ किए जाएं। अगली फसल की बुवाई हेतु राहत के रूप में प्रत्येक किसान को 10 हजार रुपये प्रति एकड़ की राहत के साथ-साथ नि:शुल्क बीज उपलब्ध कराए जाएं।
इस अवसर पर विनोद जाटौली, डा. जुनैद अहमद, योगेन्द्र अहलावत, ओमपाल सिंह, अशोक कुमार, योगेश गुर्जर, विकास, अवनीश, संजय जंगेठी, सोनू जंगेठी, अमित, अमन, अरशद, नाजिम, सोनू जंगेठी आदि मौजूद रहे।