- ग्रामीणों का आरोप विभाग के कुछ कर्मचारियों की साठ गाठ के चलते हो रहा कटान
- बेखौफ वन माफिया वन संरक्षित क्षेत्र से कर रहे हरे पेडों का कटान
जनवाणी संवाददाता |
हस्तिनापुर: सरकार पर्यावरण को संरक्षण प्रदान करने के लिए हर जतन कर रही है। ताकि पर्यावरण संतुलन बना रहे। जिसको लेकर सरकार पानी की तरह रुपए बहाकर लगातार वृक्षारोपण एवं जागरूकता अभियान चला रही है। ग्रीन यूपी, क्लीन यूपी बनाने के लिए सरकार सभी से वृक्षारोपण करने की अपील कर रही है। वहीं दूसरी ओर वन विभाग की उदासीनता के चलते बेखौफ वन माफिया वन संरक्षित क्षेत्र में हरियाली पर आरा चला रहे हैं। लेकिन विभाग अवैध कटाई पर कार्यवाही करने में दिलचस्पी नही दिखाती है।
वन विभाग के कुछ कर्मचारियों की साठ-गांठ से वन माफिया बेखौफ होकर प्रतिबंधित हरे पेड़ों पर आरा चला रहे हैं। जिसका जीता जागता उदाहरण वन आरक्षित क्षेत्र के गाव लतीफपुर में देखा जा सकता है जहां सोमवार को वन माफियाओं ने लतीफपुर झडाका मार्ग पर फलदार जमोऐं और बेशकीमती शीशम के पडों पर धड़ल्ले से आरा चलाया।
ग्रामीणों ने मामले की शिकायत विभागिय अधिकारियों से की लेकिन मौके पर कोई नहीं पहुंचा। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग के कुछ कर्मचारियों की मिली भगत के चलते विभाग जान कर भी अंजान बना हुआ है। इससे पूर्व में भी वन माफियाओं ने लतीफपुर झडाका मार्ग पर ही लगभग आधा दर्जन शीशम के हरे पेंडों का कटान किया लेकिन विभाग को कानों कान खबर तक नही हुई।
वन माफियाओं को ना तो वन विभाग का खौफ है और ना ही पुलिस का डर। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि वन रक्षकों की संलिप्तता के चलते धड़ल्ले से आये दिन हरे पेड़ों का कटान किया जा रहा है।
कोविड-19 संकटकाल में पड़े ऑक्सीजन के आकाल के बाद भी हो रही पेड़ों की कटान चिंता का विषय बनी हुई है। वहीं मामले मे वन रेंजर रवि राणा का कहना है कि मामला संज्ञान में नही है जल्द ही जानकारी कर हरे पेडों का कटान करने वालों के खिलाफ कार्यवाई की जायेगी।