Monday, April 14, 2025
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रोक के बावजूद धड़ल्ले से चल रहे कोल्हू, हवा में घोल रहे जहर

  • बंद करना है तो इन्हें करो, स्कूल बंद करने से क्या हासिल होगा?
  • कोल्हुओं में टायर और पॉलीथिन का दहन बना रहे हवा को और भी जहरीली
  • प्रदूषण के मामले में घर से ज्यादा सुरक्षित हैं स्कूल परिसर, वहां न कक्षा में धुआं है और न ही धूल के कण

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद टायर व पॉलीथिन जलाने वाले कोल्हू हवा को जहरीली बनाने पर तुले हैं। इन पर कार्रवाई या इन्हें बंद करने के बजाए अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण के नाम पर स्कूलों को बंद कराने पर तुले हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि इन दिनों हवा बुरी तरह जहरीली बनी हुई है, लेकिन जिन कृत्यों से हवा जहरीली हो रही है, उस ओर ध्यान जाता दिखाई नहीं दे रहा है। मेरठ और आसपास के जनपदों के तमाम कोल्हू की भट्ठी दिन-रात दहकती है। ज्यादातर में इसको दहकाने के लिए टायर व पॉलीथिन जलायी जा रही है।

इससे आसपास के वायुमंडल में घुटन हो गई है। साथ ही इनसे निकलने वाला धुआं हवा को जहरीला बना रहा है, लेकिन ऐसे कोल्हुओं पर ध्यान देने के बजाए यहां के अफसर स्कूलों को बंद कराने पर तुले हुए हैं। अनेक अभिभावकों ने नाम न छापे जाने की शर्त पर सवाल किया कि स्कूलों में कौन-सा प्रदूषण फैल रहा है। वहां न तो कक्षा में धूल उड़ती है और न ही स्कूल परिसर में कहीं धुआं नजर आता है। वहां तो साफ-सफाई व हाइजिन का पूरा ध्यान रखा जाता है। अनेक स्थानों पर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बिना अनुमति लिए ही दर्जनों कोल्हू का संचालन शुरू हो गया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की गाइड लाइन के बाद भी इन कोल्हू में मानकों का उल्लंघन किया जा रहा है। यहां गुड़ बनाने के लिए खोई की जगह धड़ल्ले से पॉलीथिन और रबड़ जलाई जा रही हैं। क्षेत्र में अलग अलग स्थानों पर खोले गए कोल्हू की चिमनी से निकल रहा धुआं वायु को प्रदूषित कर रहा है। प्रदूषित वायु से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अफसर जानकर भी अंजान बने हुए हैं। एनजीटी के आदेश के बाद गाजियाबाद, दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण को कम करने के लिए कवायद की जा रही है,

लेकिन क्षेत्र में बड़ी संख्या में संचालित कोल्हू वायु प्रदूषण फैला रहे हैं। क्षेत्र में इस वक्त 100 से अधिक गन्ना कोल्हू चल रहे हैं। इनकी चिमनियों से निकलने वाले धुएं से क्षेत्र में दिन प्रतिदिन प्रदूषण बढ़ रहा है। शामली के मुल्हैड़ा के समीप ग्रामीण मनोज, ओमवीर सिंह, सोनू, दीपक, बबलू आदि ने बताया कि क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। एनजीटी को क्षेत्र में वायु प्रदूषण फैला रहे कोल्हू पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। कोल्हू में ईंधन के लिए खोई या सूखी पत्तियां जलाई जाती हैं, लेकिन ईंधन की खपत अधिक होने के कारण कोल्हू में पुराने टायर भी डाल दिए जाते हैं। इससे अधिक वायु प्रदूषण फैलता है।

प्रतिबंध के हैं आदेश

केंद्र सरकार ने पॉलीथिन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा है, लेकिन मेरठ से शामली तक की बात करें तो हाइवे के दोनों ओर तमाम कोल्हुओं पर टायर व पॉलीथिन जलती नजर आयीं। इनके आसपास सांस लेना भी दुश्वर हो रहा था। आसमान काले धुएं से भरा हुआ नजर आया। यहां करीब सभी कोल्हू पर पॉलीथिन का प्रयोग हो रहा है। इसके अलावा जलालपुर, इंचौली, नंगली ईसा, बहसूमा बाइपास, खरखौदा के पांची, भावनपुर के मोरना, कस्तला मार्ग आदि पर पॉलीथिन प्रयोग की जा रही है।

ये है कोल्हू की स्थिति

जनपद की बात करें तो यहां करीब 8-9 हजार छोटे-बडेÞ कोल्हू चल रहे हैं। मेरठ मंडल में यह संख्या 24 से 26 हजार के बीच है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 65 से 70 हजार है। सबसे ज्यादा कोल्हू मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर, शामली, बिजनौर, हापुड़ जनपदों में चल रहे हैं।

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हवा चलने से थोड़ा कम हुआ प्रदूषण

मोदीपुरम: तीन दिन से 300 से ऊपर चल रहा प्रदूषण बुधवार को थोड़ा कम हुआ है। दिन में हवा चली और धूप भी खिली तो प्रदूषण कम हुआ, हालांकि अभी इसे अच्छी श्रेणी में नहीं कहा जा सकता है। नवंबर माह में प्रदूषण का लेवल लगातार बढ़ता जा रहा है। 15 नवंबर के बाद तेजी से ग्राफ बढ़ा है, जिस कारण से शहरवासियों को भी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

प्रदूषण सुबह और रात में ज्यादा दिखाई दे रहा है। रात में 10 बजे के बाद फिर 300 से ऊपर पहुंच जाता है एक्यूआई का लेवल। बुधवार को मेरठ का एक्यूआई 249, बागपत में 280, मुजफ्फरनगर में 301, गाजियाबाद में 317, गंगानगर में 219, जयभीमनगर में 280, पल्लवपुरम में 241 दर्ज किया गया। हवा चलने से थोड़ा प्रदूषण कम हुआ है, लेकिन आसपास के जिलो में अब भी हालत खराब बनी हुई है।

रात फिर से हो रही सर्द, सबसे कम रहा तापमान

नवंबर माह में दूसरी बार रात का तापमान सबसे कम दर्ज किया गया है। दो दिन लगातार रात का पारा कम होने से सर्दी का अहसास बढ़ता जा रहा है। मौसम बदल रहा और दिन में भी इसका असर दिख रहा है। मौसम कार्यालय पर दिन का अधिकतम तापमान 26.8 व न्यूनतम तापमान 10.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। अधिकतम आर्द्रता 93 व न्यूनतम 35 प्रतिशत दर्ज की गई। बुधवार को भी सुबह के समय कोहरा छाया हुआ था।

वहीं, इस संबंध में मौसम वैज्ञानिक डा. यूपी शाही का कहना है कि पहाड़ों पर जो पश्चिमी विक्षोभ बन रहा है, इसका असर मैदानी क्षेत्रों में दिखाई दे रहा है। जिस कारण से रात में ओस ज्यादा पड़ रही है और तापमान भी गिर रहा है। अभी ठंड में इजाफा होगा और स्मॉग और कोहरे का असर भी बना रहेगा। ठंड का पड़ना फसलों के लिए काफी अनुकूल है।

10 साल से अधिक वाले वाहनों को किया सीज

सरधना: सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सख्ती दिखाई है। उच्चतम न्यायालय ने 10 साल से अधिक वाहन डीजल वाहनों को रोड से हटाने केआदेश दिए हैं। यानी 10 साल की मियाद पूरी कर चुके डीजल वाहन सड़कों पर नहीं चलेंगे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। बुधवार को एआरटीओ प्रीति पांडेय और नायब तहसीलदार भुपेंद्र सिंह टीम के साथ मेरठ-करनाल हाइवे पर रहे। जहां टीम ने डीजल वाहनों की चेकिंग की। इस दौरान टीम ने ऐसे 10 वाहनों को सीज करने की कार्रवाई की, जिनकी मियाद पूरी हो चुकी है। प्रशसान की इस कार्रवाई से वाहन चालकों में हड़कंप मचा रहा। कई वाहन तो टीम को देकर पहले ही वापस लौट गए।

पॉलीथिन जलाने वाले छह कोल्हू को प्रदूषण विभाग ने किया सील

मोदीपुरम: शहर में पढ़ते प्रदूषण स्थल को रोकने के लिए प्रदूषण विभाग ने कार्रवाई तेज कर दी है। बुधवार को गन्ना पेराई के लिए कोल्हू में पॉलीथिन का प्रयोग करने वाले 6 कोल्हू को विभाग ने सदर तहसील की टीम के साथ सील कर दिया। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी भुवन प्रकाश यादव ने बताया कि खरदौनी गांव में विभाग की टीम ने हनीफ, शादाब, महताब, शर्मा और इरशाद के कोल्हू पर कार्रवाई करते हुए उसे सील कर दिया वही मसूरी गांव में सुंदर के कोल्हू को भी सील किया गया है। यह सभी गैर अनुमन्य ईंधन पॉलीथिन जला रहे थे। आज भी अभियान चलाया जाएगा।

चाणक्यपुरी में कूड़े में लगाई आग, लोगों का बुरा हाल

मेरठ: सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश के बाद भी अत्याधिक प्रदूषण पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा। प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए दिल्ली एनसीआर में यानी मेरठ में भी ग्रैप फोर की पाबंदियां लागू की गई। इसके तहत कूड़े में आग भी नहीं लगाई जा सकती, लेकिन असामाजिक तत्व अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे। बुधवार को चाणक्यपुरी कालोनी में असामाजिक तत्वों ने कूड़े के ढेर में आग लगा दी, जिसे मिनटों में वहां धुंए का बहुत ऊंचा गुबार उठा। धुंआ चाणक्यपुरी के साथ- साथ अंसल कालोनी और मयूर विहार के घरों में घुस गया, जिससे लोगों का बुरा हाल हो गया।

कुछ बुजुर्गों को सांस लेने में दिक्कत होने नहीं। कुछ लोगों की आंखों में जलन और पानी आने लगा। लोगों ने नगर निगम को सूचना दी। नगर निगम से आग बुझाने के लिए दो टैंकर भेजे गए। उसके बाद कई टैंकर और मंगाए गए। वाटर स्पार्किलर से बौछार कराई गई। घंटों की मशक्कत के बाद भी जब आग पर काबू नहीं पाया गया तो फायर ब्रिगेड को बुलाया गया। फायर ब्रिगेड की टीम ने देर शाम आग पर काबू पाया। इसके अलावा शहर के अन्य क्षेत्रों में भी कूड़े में आग लगाई गई।

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