- कोर्ट के आदेश के बाद भी पुलिस ने जर्जर इमारत को ध्वस्त कराया
जनवाणी संवाददाता |
बड़ौत : नगर के घट्टा बाजार स्थित जर्जर इमारत को गिरने से कुछ क्षण पहले आधा दर्जन बंदर हनुमान बनकर आए और इमारत के बाहर टिनशेड पर ऐसी उछल कूद मचाई कि टिनशेड के नीचे बैठकर ड्यूटी दे रहे तीन पुलिसकर्मियों को भगा दिया।
पुलिसकर्मियों के टिनशेड से बाहर निकलते ही इमारत ताश के पत्तों की तरह धराशाही हो गई। जिसके चलते पुलिसकर्मियों की जिंदगी बच गई। अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। इमारत को कोर्ट के आदेश के बाद भी पुलिस ने इमारत को ध्वस्त नहीं कराया गया।
नगर के घट्टा बाजार स्थित अमित बुक डिपो वाली की इमारत है। जिनका दूसरे पक्ष के साथ जगह पर कब्जा को लेकर एसडीएम कोर्ट में गत पांच साल से मुकदमा चल रहा था।
गत दिसंबर माह में एसडीएम कोर्ट से जर्जर इमारत को गिराने के आदेश पुलिस को दिए गए थे। बीच में एसडीएम की ओर से दो बार बड़ौत पुलिस को रिमाइंडर भी भेजा गया, लेकिन कोइ ध्यान नहीं दिया गया।
बिल्डिंग मालिक की ओर से भी कई बार तहसील दिवस में हादसे की आशंका जताते हुए बिल्डिंग को ध्वस्त कराने का प्रार्थना पत्र दिया गया, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। गत रात्रि जर्जर इमारत खुद ही धराशाही हो गई।
यदि बिल्डिंग रात्रि के बजाए दिन में गिर जाती तो बड़ा हादसा हो सकता था। क्योंकि इमारत के आसपास आधा दर्जन दुकानें है और पूरी तरह से भीड़- भाड़ वाली व्यस्त जगह है।
मलबे के नीचे दबने से रात्रि में ड्यूटी दे रहे तीन पुलिसकर्मियों की जान बच गई। पुलिसकर्मियों ने उन बंदरों को शुक्रिया अदा किया जिन्हों ने इमारत के बाहर टिनशेड पर चढ़कर उत्पाद मचाया था।
बंदरों के उत्पाद मचाने पर तीनों पुलिसकर्मी टिनशेड से निकलकर दूर सड़क पर जाकर खड़े हो गए थे। पुलिसकर्मियों के टिनशेड से बाहर निकलते ही देखते ही देखते पलभर में इमारत ढह गई और एक बड़ा हादसा होने से बच गया। यह हादसा होता तो इसकी पूर्ण जिम्मेदारी कोतवाली पुलिस की होती। क्योंकि कोर्ट का आदेश आने के बाद भी लापरवाही दिखाई गई।