Saturday, January 25, 2025
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मुरादाबाद विकास प्राधिकरण की खोज में खुलासा

जनवाणी ब्यूरो |

मुरादाबाद: शहर में मुरादाबाद विकास प्राधिकरण (एमडीए) और आवास विकास परिषद की बसाई कॉलोनियों को छोड़ लगभग आधा शहर अवैध बसावट है। एमडीए ने प्राधिकरण के विकास क्षेत्र सीमा में आने वाली 194 ऐसी कॉलोनियों को चिह्नित कर लोगों को यहां खरीद-फरोख्त करने से पूर्व एमडीए से पुष्टि कराने को कहा है।  सूची में गजरौला में बसाई जा रहीं 11 कॉलोनियां भी शामिल हैं।

प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि सूची में शामिल कॉलोनियों में रहने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। उनका मकसद केवल ऐसे बिचौलियों का पर्दाफाश करना है जो गलत तरीके से खरीद और बिकवाली कर रहे हैं।

प्राधिकरण की ओर से शहर की जिन अवैध कॉलोनियों की सूची जारी की है उनमें 1625 से बसे भदौरा गांव से लेकर हाल में में बस रहे न्यू सम्राट अशोक नगर तक तमाम इलाके हैं। इतना ही नहीं शहर के सबसे व्यस्ततम और सालों पुराने मुख्य बाजार बुध बाजार, ताड़ीखाना, गुरहट्टी, पीलीकोठी का नाम भी इन अवैध कॉलोनियों में शामिल है। सूची में ऐसे इलाके भी हैं जहां शहर के तमाम रसूखदार लोगों की करोड़ों की कोठियां हैं और ऐसे इलाके भी हैं जहां लोग चहारदीवारी पर तिरपाल डालकर रह रहे हैं।

प्राधिकरण के उपाध्यक्ष मधुसूदन हुल्गी ने कहा कि मुरादाबाद में महायोजना 2021 प्रभावी है। इसके आधार पर करीब दो वर्ष पूर्व इन कॉलोनियों की सूची बनवानी शुरू की गई थी। इन इलाकों पर उत्तर प्रदेश नगर योजना एवं विकास अधिनियम 1973 के अंतर्गत वाद भी योजित है।

उन्होंने कहा कि हमारा मकसद ऐसे प्रॉपर्टी डीलरों और बिचौलियों को बेनकाब करना है जो लोगों को बहकाकर जमीनों और मकानों की खरीद-फरोख्त कर रहे हैं। प्राधिकरण इन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं करने जा रहा है। इसलिए उन्हें डरने की जरूरत नहीं है। लेकिन भविष्य में इन इलाकों में खरीद-फरोख्त से पहले एमडीए से पुष्टि कराना लाभदायक है।

सचिव बोले, मानक के अनुसार होगा नक्शा पास

अवैध कॉलोनियों में जिन लोगों का पहले से प्लॉट है उनको निर्माण में किस तरह की बाधा आएगी इस सवाल पर एमडीए सचिव ने साफ किया कि उनके नक्शे नियमानुसार पास होंगे। एमडीए का नियम है कि आवासीय भवन निर्माण के समय सड़क की चौड़ाई मानक के अनुसार हो। वहां ग्रीन बेल्ट के लिए जगह छूटी हो। भूमि स्वामी निर्माण के समय भवन में आगे-पीछे कुछ इलाका खाली छोड़ंे जो हवादार हो।

अन्य कई और मानक हैं। इन सभी बिंदुओं का पालन करते हुए यदि कोई इन कॉलोनियों में भी निर्माण करना चाहता है तो नियमानुसार उसका नक्शा पास कर निर्माण की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि कोई काश्तकार अगर खुद से एमडीए के नियमानुसार कॉलोनी का नक्शा पास कराकर उसे बेचता है तो उसे भी अनुमति दी जाएगी।

एमडीए की ओर से विज्ञप्ति में कहा गया है 

मुरादाबाद विकास प्राधिकरण की सीमा के अंतर्गत महायोजना-2021 प्रभावी है। एमडीए की सीमा में बनी कुछ कॉलोनियां अवैध हैं। इन कॉलोनियों में निर्मित भवन/भूखंड पूर्णतया अवैध हैंै। एमडीए ने मुरादाबाद और गजरौला की ऐसी 194 कॉलोनियों को चिह्नित किया है।

प्राधिकरण में इन कॉलोनियों के विरुद्ध उप्र नगर योजना एवं विकास अधिनियम-1973 के सुसंगत धाराओं के अंतर्गत वाद योजित है, जिन्हें गुण दोष के आधार पर कभी भी ध्वस्त किया जा सकता है। एमडीए ने इन 194 कॉलोनियों की सूची जारी की है। साथ ही लोगों से अपील की है, इन अवैध कॉलोनियों में भवन या भूखंड की खरीद फरोख्त न करें।

भाषा में न फंस जाएं लोग

प्राधिकरण ने अपनी ओर से जारी विज्ञप्ति में जो भाषा प्रयोग की है और अधिकारियों के वादे और दावे कई संशय पैदा कर रहे हैं। कानून के जानकारों का मानना है कि प्राधिकरण को इस भाषा को और स्पष्ट करना चाहिए। प्राधिकरण के सचिव का इस संबंध में कहना है कि लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। सूची में शामिल कॉलोनियों में ध्वस्तीकरण जैसी कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। ये कदम केवल भविष्य में आगाह करने के लिए उठाए गए हैं ताकि लोग अब अवैध खरीद-फरोख्त न करें।

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