जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: विपक्षी दलों के नेता तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन और बिल को लेकर अपनी चिंताओं से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अवगत कराएंगे। विपक्षी दलों के नेता इस मामले में राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की गुहार लगाएंगे। बुधवार को राष्ट्रपति से मुलाकात करने वालों में एनसीपी नेता शरद पवार, कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी के अलावा वामदलों के नेता शामिल होंगे।
सीपीआई नेता सीताराम येचुरी ने बताया कि कोवड-19 प्रोटोकॉल के चलते केवल 5 नेताओं को राष्ट्रपति से मुलाकात की अनुमति दी गई है। जबकि विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता राष्ट्रपति से मुलाकात से पहले कृषि कानूनों पर चर्चा कर सामूहिक रणनीति तैयार करेंगे।
पत्र पर पवार की सफाई, मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही भाजपा
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने यूपीए शासन के दौरान कृषिमंत्री रहते दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान को लिखे पत्र पर सफाई दी है।
पवार ने कहा, इसमें कोई संदेह नहीं कि मैंने पत्र लिखा था। मैंने कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) में मामूली संशोधन की मांग की थी, लेकिन भाजपा सरकार के कृषि कानूनों में एपीएमसी का जिक्र तक नहीं है। भाजपा इस पत्र के जरिये मुद्दे से ध्यान भटकाना चाहती है।
आप का दावा: केजरीवाल को नजरबंद किया
भारत बंद के दौरान आम आदमी पार्टी ने दिल्ली पुलिस पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नजरबंद करने का आरोप लगाया। पार्टी ने कहा, सोमवार को किसानों से मुलाकात कर लौटने के बाद पुलिस ने सीएम आवास के चारों तरफ बैरिकेड लगा दिए। गृहमंत्रालय के इशारे किसी को न तो अंदर जाने दिया जा रहा है और न ही सीएम को बाहर आने दिया जा रहा है।
वहीं, केजरीवाल ने कहा कि अगर उन्हें नहीं रोका गया होता तो वह किसानों का समर्थन करने जाते। वहीं, पुलिस ने कहा कि नजरबंद करने के आरोप बेबुनियाद है। सीएम आवास पर पहले की तरह ही पुलिस तैनात है। जिसे केजरीवाल अंदर आने की अनुमति दे रहे हैं, हम उन्हें नहीं रोक रहे।