- अयोध्या भूमि प्रकरण पर चर्चा कर लड़ाई तेज करने का निर्णय
जनवाणी संवाददाता |
सहारनपुर: भारतीय खटिक महासभा द्वारा आयोजित खटिक संगठनों की समन्वय बैठक में समाज के विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया। जिसमें आपसी तालमेल, सामाजिक कुरीतियों को दूर करना, पूरे देश में एक समान रूप से खटिक समाज को अनुसूचित जाति का दर्जा दिलाने एवं अयोध्या भूमि प्रकरण पर चर्चा की गई। इसके साथ ही अपनी आवाज को मजबूती से उठाने के लिए केंद्रीय संगठन पर भी विचार विमर्श किया गया।
राधा गोविंद वाटिका वसुंधरा गाज़ियाबाद में हुई बैठक की अध्यक्षता पूर्व सांसद मुंशीरामपाल एवं संचालन डॉ पवन सवई ने किया। कार्यक्रम संयोजक भारतीय खटिक महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश जौहरी खटिक ने कहा कि समाज हित में बहुत सारे संगठन अच्छा कार्य कर रहे हैं, लेकिन फिर भी हम संगठनों में आपसी समन्वय और तालमेल का होना आज समाज की आवश्यकता है।
समन्वय और तालमेल की यह भावना तभी प्रबल होगी जब हम सामूहिक रूप से साथ बैठकर विचारों का आदान प्रदान करें। पूरे देश में एक समान रूप से खटिक समाज को अनुसूचित जाति का दर्ज़ा दिलाना एवं अयोध्या भूमि प्रकरण आज सबसे जरूरी है। खटिक स्वराज संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंद्रेश सोनकर, राष्ट्रीय खटिक महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश प्रताप मोघा ने कहा कि यदि हम सब मिलकर कार्य करें तो अयोध्या प्रकरण क्या बड़े से बड़े मुद्दे पर जीत हासिल की जा सकती है।
भारतीय खटिक महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामस्वरूप मलवालिया, सूर्यवंशी चेतना पत्रिका के संपादक अध्यक्ष शिवचरण सूर्यवंशी ने कहा कि सांगठनिक समन्वय प्रयास आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होगा। बेरी धर्मशाला हरियाणा के प्रधान मक्खन सिंह बागड़ी ने अयोध्या की वास्तविक स्थिति की जानकारी के लिए कुछ लोगों को अयोध्या जाने की राय दी।
श्रीनिवासन बागड़ी व अयोध्या मुद्दे को ग्रुप के माध्यम से संचालित करने वाले अनिल सरवालिया ने बताया कि उक्त मुद्दा पिछले ढाई वर्षों से हमारी जानकारी में है, जो कि लाकडाउन की वजह से स्थगित था अब पिछले एक महीने से इस प्रकरण में काम कर रहे हैं।
पूर्व सांसद मुंशीरामपाल ने कहा कि ये बहुत अच्छी बात है कि आज काफी संगठनों के लोग आपस में बैठकर सामाजिक मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं। कहा कि एक शिष्टमंडल अयोध्या जाए एवं सभी मोर्चों पर लड़ाई तेज करें। बैठक में फलकुमार पंवार, ईश्वर सिंह बागड़ी, योगेश छलेरिया, श्रीनिवास बागड़ी आदि ने भी विचार रखे। कार्यक्रम स्थल स्वामी टेकचंद सूर्यवंशी, करन सिंह सूर्यवंशी, देवेंद्र सिंह, राजे तोमर, राजेश जौहरी, अनिल धारिया, अरुण सवाई, राजेंद्र खटिक ,विनोद बड़गुजर आदि मौजूद रहे।