सोनी मल्होत्रा
कोलेस्ट्रोल के स्तर को चेक करते रहना चाहिए। इसका कम स्तर स्वास्थ्य के लिए अच्छा है पर क्या आप जानते हैं कि कोलेस्ट्रोल है क्या और इसका कम स्तर क्यों सुरक्षित है? कोलेस्ट्रोल एक फैटी पदार्थ होता है जिसका निर्माण मनुष्य के जिगर में होता है। यह डेयरी प्रोडक्टस और मीट आदि में भी पाया जाता है। कोलेस्ट्रोल की कुछ मात्रा की शरीर को बहुत अधिक आवश्यकता होती है। सेल्स के कार्यकलाप व मरम्मत के लिए इसकी आवश्यकता होती है। शरीर में विटामिन डी के निर्माण के लिए व कई महत्त्वपूर्ण हार्मोन जैसे एस्ट्रोजन, टेस्टोस्टीरोन आदि के निर्माण के लिए भी इसकी आवश्यकता होती है। हमारा शरीर अपनी आवश्यकता के अनुरूप इसका निर्माण कर लेता है। चाहे आप शाकाहारी हों तो भी आपको इस तरफ ध्यान देने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
कोलेस्ट्रोल एक लिपिड है जो प्रोटीन के साथ मिश्रित होकर लिपोप्रोटीन बन जाता है। लो डेन्स्टिी लिपोप्रोटीन या एल डी एल कोलेस्ट्रोल को बुरा कोलेस्ट्रोल माना जाता है क्योंकि यह रक्त वाहिनियों की दीवारों से एक प्लास्टर के रूप में चिपक जाता है। इससे रक्त-प्रवाह में रूकावट आती है और हृदय रोग व पक्षाघात की संभावना बढ़ जाती है। हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन या एच डी एल कोलेस्ट्रोल अच्छा होता है क्योंकि यह उस प्लास्टर को उतार कर वापिस जिगर तक पहुंचाता है और रक्तवाहिनियों को साफ रखने में मदद करता है। कोलेस्ट्रोल के स्तर की जांच रक्त परीक्षण के द्वारा की जाती है पर कोलेस्ट्रोल की कुल जांच सब कुछ पूरी तरह नहीं बता पाती क्योंकि अगर एल डी एल का स्तर अधिक हो और एच डी एल कम तो प्लास्टर तो रक्तवाहिनियों में अपनी जगह बना ही रहा होता है। अगर एल डी एल का स्तर रक्त की प्रति डेसिलीटर मात्रा में 130 मिलीग्राम से अधिक हो तो हृदय रोग व मधुमेह की संभावना बढ़ती है। जिन लोगों को हृदय रोग और मधुमेह हैं, उनमें यह स्तर 70 या इससे कम होना चाहिए।
महिलाओं में एच डी एल का स्तर 50 या इससे अधिक होना चाहिए और पुरुषों में 40 या इससे अधिक बच्चों को सामान्यत: कोलेस्ट्रोल की जांच की आवश्यकता नहीं होती। हां अगर वंशानुगत गंभीर समस्या हो तो जांच करायी जा सकती है पर अगर आप 20 वर्ष की उम्र में हैं और टीवी या कम्प्यूटर से चिपके बैठे रहते हैं, शारीरिक श्रम नहीं करते तो आपको भी इस पर ध्यान देने की जरूरत पड़ सकती है। हर 5 वर्ष पश्चात कोलेस्ट्रोल की जांच कराएं और 40 वर्ष की आयु के पश्चात वर्ष में एक बार अवश्य जांच कराएं। कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करने की दवाइयां हैं पर विशेषज्ञ की राय के बिना इनका सेवन न करें। दवाइयों के अतिरिक्त भी आप इन तरीकों को भी आजमा सकते हैं:-
-फाइबर का सेवन अधिक करें। फलों व सब्जियों से युक्त रेशों की मात्रा आपके शरीर से हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालने में सहायता करती है।
-स्किम्ड मिल्क व कम वसा वाले डेयरी प्रोडक्टस का सेवन करें।
-मोनोसेच्युरेटिड वसा का सेवन करें जैसे आलिव, केनोला आयल।
-मछली जैसे टयूना, सालमन, मेकरेल का सेवन करें क्योंकि इनमें ओमेगा 3 फैटी एसिड की मात्रा अधिक होती है और इसका प्रभाव सुरक्षात्मक होता है।
-व्यायाम शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य, दोनों के लिए फायदेमंद हैं। व्यायाम से एल डी एल का स्तर कम होता है व एच डी एल का स्तर बढ़ता है। साथ ही हृदय व फेफड़ों के कार्यकलाप में सुधार आता है।