Saturday, May 3, 2025
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Yoga Tips: सर्वाइकल की समस्या से बचने के लिए करें ये योगासन

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। आज कल दर्द की समस्याएं बढती जा रही है और सबसे ज्यादा उन लोगों के लिए जो दिनभर बैठने का काम करते हैं। एक ही पोजिशन में बैठे रहने की वजह से सर्वाइकल की समस्याएं बढ़ने लगी है। लगातार घंटों तक डेस्क वर्क करनेे या कंप्यूटर पर काम करने से गर्दन और बैक में दर्द होने लगता है। वहीं जीवनशैली से जुड़ी कुछ आदतों के कारण सर्वाइकल की समस्या से कम उम्र के लोग भी ग्रसित होने लगे हैं। सर्वाइकल की समस्या में गर्दन के पिछले हिस्से में दर्द होता है। सर्वाइकल की समस्या से राहत पाने के लिए योगासन एक लाभकारी उपाय है। कुछ योगासन के नियमित अभ्यास से सर्वाइकल से समस्या कम हो सकती है। जानिए सर्वाइकल में होने वाले दर्द से राहत पाने वाले योगासन के बारे में

सूर्य नमस्कार

सूर्य नमस्कार का अर्थ ऐसे आसन से है, जिसमें सूर्य को नमस्कार करना हो। सूर्य नमस्कार में 12 अलग अलग योगासनों का अभ्यास किया जाता है। जितने अधिक सूर्य नमस्कार के आसन बिना रुके कर सकते हैं, उतना शरीर को लाभ मिलता है। योग विशेषज्ञों के मुताबिक, सूर्य नमस्कार का नियमित अभ्यास गर्दन की अकड़न और रीढ़ के दर्द की समस्या को कम कर सकता है। सूर्य नमस्कार से वजन नियंत्रित रहता है और शरीर को स्वस्थ रहने में मदद मिलती है।

भुजंगासन योग

भुजंगासन का अभ्य़ास गर्दन और रीढ़ के लिए फायदेमंद होता है। हार्मोनल असंतुलन की समस्या होने पर भी नियमित रूप से भुजंगासन योग या कोबरा पोज का अभ्यास करना चाहिए है। पीठ और कमर दर्द की समस्याओं के साथ फ्रोजन शोल्डर और छाती की मांसपेशियों को स्वस्थ रखने के लिए भी भुजंगासन फायदेमंद है। इस योगासन को करने के लिए पेट के बल लेटकर हथेली को कंधों के नीचे रखते हुए सांस लें। फिर शरीर के अगले हिस्सों को ऊपर की ओर उठाते हुए 10-20 सेकंड्स तक इसी स्थिति में रहें। बाद में सामान्य अवस्था में आ जाएं।

मत्स्यासन योग

सर्वाइकल की समस्या में मत्स्यासन योगाभ्यास काफी असरदार होता है। मत्स्यासन का अभ्यास गर्दन और रीढ़ की हड्डी के लिए फायदेमंद माना जाता है। थायराइड होने पर भी मत्स्यासन लाभदायक है। मत्स्यासन योगाभ्यास करने के लिए पीठ के बल लेटकर बाहों को शरीर के नीचे मोड़ें। फिर सिर और छाती को ऊपर उठाते हुए सांस लें। अब पीठ को झुकाते हुए सिर को जमीन पर रखें और कोहनियों से पूरे शरीर का संतुलन बनाएं। सांस अंदर बाहर छोड़ें। बाद में उसी स्थिति में आ जाएं।

धनुरासन

गर्दन और शरीर दर्द की समस्या से राहत पाने के लिए धनुरासन लाभकारी है। खासकर महिलाओं को धनुरासन का अभ्यास करना चाहिए। महिलाओं के मासिक धर्म संबंधी विकृतियों को भी धनुरासन दूर करता है। इस योगासन से मांसपेशियों का अच्छा खिंचाव होता है, जिससे पेट की चर्बी भी कम होती है। धनुरासन करने के लिए पेट के बल लेट कर अपने घुटनों को मोड़े। टखनों को हथेलियों से पकड़ते हुए अपने पैरों और बाह को अपनी क्षमता के अनुसार ऊपर उठाएं। ऊपर देखते हुए कुछ देर इसी अवस्था में रहें। बाद में सामान्य अवस्था में आ जाएं।

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