जनवाणी ब्यूरो |
बिजनौर: किशोर न्याय (बालकों की देख-रेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के अंतगर्त नाबलिग बच्चों से बाल श्रम कराना विधि के उल्लंघन के साथ-साथ अपराध, नाबलिग बच्चों से संस्थान अथवा अपने घरों पर निजी घरेलू कार्य कराने वालों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही होगी।
डीएम रमाकान्त पाण्डेय ने जानकारी देते हुए बताया कि किशोर न्याय (बालकों की देख-रेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के अन्तर्गत नाबलिग बच्चों से बाल श्रम कराना विधि के उल्लंघन के साथ-साथ अपराध की श्रेणी में आता है।
उन्होंने संस्थान स्वामियों तथा जनसामान्य को निर्देशित किया कि किसी भी नाबालिग बच्चे से कोई भी व्यक्ति अपने संस्थान अथवा अपने घरों पर निजी घरेलू कार्य न करायें। उन्होंने सचेत करते हुए कहा कि निरीक्षण अथवा सूचना के आधार इस प्रकार का कोई प्रकरण संज्ञानित होता है तो सम्बन्धित व्यक्ति के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।