Friday, July 5, 2024
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क्या आपका पढ़ने में दिल नहीं लगता?

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पढ़ने में किसी का भी मन आसानी से नहीं लगता। पढ़ाई पर एकाग्रचित होना भी एक बड़ी समस्या होती है। यह एक मुश्किल काम है क्योंकि जैसे ही आप पढ़ने के लिए बैठते हैं तो आपके दिमाग में एक साथ कई चीजें चलने लगती हैं। मन मस्तिष्क के भटकने की बड़ी वजह हमारे आसपास का माहौल भी होता है। यहां हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बता रहे हैं, जिससे आप न केवल अपनी पढ़ाई एकाग्रचित होकर कर सकते हैं बल्कि तनाव से भी खुद को दूर रख सकते हैं।

’अगर आप पढ़ाई करने के लिए बैठे हैं तो आपको यह पता होना चाहिए कि आपको पढ़ना क्या है? इसके लिए पहले से ही आपको अपना टाइम टेबल तैयार करना होगा, ताकि आपको किसी भी तरह की शंका मन में न रहे और आपका मन पढ़ाई में लगा रहेगा।

’पढ़ने के दौरान एकाग्रता भंग होने का बड़ा कारण दिल और दिमाग में चलने वाले विचार होते हैं। विचारों की अधिकता के कारण मन भटकता है, इसलिए अपना ध्यान पढ़ाई पर लगाने के लिए दिमाग में आने वाली दूसरी चीजों पर दिमाग लगाने की बजाय पढ़ाई पर दिमाग लगाएं।

’पढ़ाई में मन तब नहीं लगता जब आप पढ़ने के स्थान को बार बार बदलते रहते हैं। इसलिए एकाग्र मन से पढ़ने के लिए बैठने के लिए एक जगह पहले से सुनिश्चित कर लेनी चाहिए। बिस्तर पर लेटकर पढ़ने की बजाय पढ़ने के लिए टेबल और चेयर का इस्तेमाल करें।

’अपने पढ़ने के कमरे में टेबल के आसपास ताजा फूलों वाला फ्लावर पॉट रखें। यदि पहले से रखे हुए फूल सूख गए हैं या मुरझाए हुए हैं तो पढ़ने से पहले उन्हें टेबल से हटा दें।

’आप जहां बैठे वहां साफ सफाई होनी चाहिए। क्योंकि अगर वहां बिखराव होता है तो पढ़ाई में मन लगाना मुश्किल होता है।

’पढ़ने के कमरे के भीतर रूम फै्रशनर, धूप अगरबत्ती या सुगंधित मोमबत्ती का इस्तेमाल करें। इससे कमरे का वातावरण सुगंधमय होता है।

’पढ़ने के कमरे के बाहर बालकनी या गैलरी में कुछ ऐसे पौधे लगाएं जो वातावरण को सजीव बनाएं। आपके इर्दगिर्द का पर्यावरण अगर साफ और स्वच्छ होगा तो पढ़ाई में मन लगाने में आसानी होगी।

’अपनी बुक शेल्फ में पुरानी बेकार रद्दी किताबें, पुराने अखबार, न चलने वाली पेन, वास्तुशास्त्र के नजरिए से नकारात्मक साबित होते हैं। इसलिए पढ़ने से पहले अपनी टेबल और बुक शेल्फ को अच्छी तरह साफ कर लें।

’परीक्षा के दिनों में जब आपको कई घंटों तक लगातार पढ़ना पड़ता है ऐसे में अंतराल देने के लिए बरामदे, बालकनी या छत पर कुछ देर टहलने से भी पढ़ाई से पैदा होने वाली ऊब और थकान को दूर किया जा सकता है।

’परीक्षा के दिनों में भी जब पढ़ाई के लिए आपको कई घंटे तक लगातार लगे रहना होता है तो ऐसे में अपनी नींद पर पूरा ध्यान देना चाहिए।

’अपने काम को करने के लिए अगर आप समय निर्धारित करते हैं तो दो तीन घंटे पढ़ने के बाद थोड़ा तरोताजा होने के लिए नींद की झपकी ली जा सकती है। नींद से थकान तो उतरती ही है। इसके अलावा नींद लेने के बाद अपने काम पर भी आसानी से ध्यान लगाया जा सकता है।

’पढ़ने के दौरान टैबलेट और अपने स्मार्टफोन को दूर रखें क्योंकि यह आपके मन को भटका सकते हैं। इसमें आपका समय व्यर्थ हो सकता है।

’लबे समय तक पढ़ाई पर ध्यान लगाने का मतलब है अपने आपको अनुशासित कैसे रखना है। मन में आने वाले इधर उधर के विचारों को दिल दिमाग से दूर रखें।

’अपनी पढ़ाई की तकनीकी ऐसी अपनाएं जिससे आपको पढ़ाई बोरियत भरा काम न लगे। आपने जितना पढ़ा है उसके लिए अपने आपसे सवाल पूछें। तेज स्वर में पढ़ें और अपने आपसे ही पढ़े गए विषय से संबंधित सूचनाओं को जांचें कि आपने कितना समझा है।


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