- अवैध निर्माणों पर लगेगी रोक, गूगल मैपिंग से लिए जा रहे बिल्डिंग के फोटोे, नजदीक से नहीं हो पा रहे साफ
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कैंट बोर्ड छावनी क्षेत्र में ड्रोन से सर्वे कराएगा। इसके लिए सेना के अधिकारियों से अनुमति मांगी जा रही है। कहा जा रहा है कि गूगल मैपिंग से जो फोटो छावनी क्षेत्र की बिल्डिंग के लिए जा रहे हैं, वह नजदीक से नहीं हो पा रहे हैं। उन तस्वीरों से क्लीयर नहीं हो पाता हैं। ड्रोन कैमरे से फोटो या फिर वीडियो बनाई जाएगी। इसमें स्पष्ट हो जाएगा कि कौन सी बिल्डिंग में कितना अवैध निर्माण हुआ है ? क्योंकि पहले की स्थिति और वर्तमान की स्थिति को ड्रोन के माध्यम से सार्वनिक किया जा सकता हैं।
दरअसल, 2011 में गूगल मैपिंग से छावनी क्षेत्र की पुरानी बिल्डिंग की रख-रखाव और उनकी वर्तमान दशा के चित्र लिए गए थे, लेकिन वर्तमान में अधिकारियों ने ड्रोन से फोटो और वीडियो बनाने की मांग रखी है। अब मामला सैन्य क्षेत्र से जुड़ा है। इस वजह से ड्रोन को चलाने की अनुमति इतनी आसानी से नहीं मिलने वाली है। इस बात को कैंट बोर्ड के अधिकारी भी जानते हैं, लेकिन फिर भी सेना के अफसरों से एनओसी मांगी जा रही हैं। क्योंकि ड्रोन को संचालित छावनी क्षेत्र में ऐसा करने से सैन्य क्षेत्र की गोपनीयता भंग होगी।
यही वजह है कि सेना के अधिकारी ड्रोन से फोटो लेने और वीडियो बनाने की अनुमति नहीं दे रहे हैं, जिसके चलते ड्रोन से निगरानी का मामला खटाई में पड़ता जा रहा है। हालांकि कैंट बोर्ड के इंजीनियरों का यही तर्क है कि छावनी क्षेत्र में पुरानी बिल्डिंग की वस्तुस्थिति वर्तमान में क्या हैं? इससे पहले क्या थी? इसकी तस्वीर भी सुरिक्षत रखी जाएगी। ड्रोन को सैन्य क्षेत्र में चलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं। इसके बावजूद ड्रोन से सर्वे कराने की कैसे अनुमति मिलेगी, यह कहना अभी मुश्किल होगा।
बंद पड़े हैं पानी के एटीएम
कैंट बोर्ड के अधिकारियों ने लाखों रुपए खर्च कर छावनी क्षेत्र में पानी के एटीएम स्थापित कराए थे। ये एटीएम छावनी क्षेत्र के लिए नई पहल थी। यह खासी चर्चा में रहे थे। क्योंकि दूध के एटीएम तो लगे थे, लेकिन पानी के एटीएम पहली बार छावनी क्षेत्र में लगाएं गए। यह सभी एटीएम प्रयोग में जनता ने लाए थे, लेकिन वर्तमान में ये एटीएम खराब पड़े हैं। इनकी देख-रेख तक नहीं की जा रही है।
जनता अपने हिसाब से एटीएम से आरो का पानी ले कर चली जाती थी, लेकिन यहां तो एकदम पानी के एटीएम ठप पड़े हैं, जिसके चलते आम जनता को परेशानी हो रही है। जब लाखों रुपए खर्च कर पानी के एटीएम कैंट बोर्ड ने स्थापित कराए थे, इसको लेकर बड़ी सराहना हुई थी, लेकिन वर्तमान में पानी के एटीएम को कैंट बोर्ड ठीक तक नहीं करा पा रहा है, जिसके चलते कैंट बोर्ड की बड़ी किरकिरी वर्तमान में हो रही है। लाखों रुपये सरकारी खजाने से खर्च करने के बाद भी पानी के एटीएम खराब पड़े हैं। पानी के एटीएम से जनता तृप्त नहीं हो पा रही हैं।
कैंट क्षेत्र का हो सकता है निगम में विलय
कैंट बोर्ड का चुनाव अभी नहीं होगा। कैंट क्षेत्र का एक हिस्सा नगर निगम में शामिल किया जा सकता है। इसकी पूरी तैयारी चल रही है। देशभर के अट्ठारह कैंट बोर्ड आॅफिस को खत्म किया जा सकता है। ऐसी चर्चाएं चल रही हैं। हालांकि इसकी अधिकृत पुष्टि कोई नहीं कर रहा हैं। यही वजह है कि कैंट बोर्ड का चुनाव नहीं कराया जा रहा है। कहा जा रहा है कि लोकसभा सत्र के बाद इस पर फाइनल मुहर लग सकती है। देश के अट्ठारह कैंट बोर्ड में मेरठ को भी नगर निगम में शामिल किया जा रहा है या फिर नहीं? अभी यह फाइनल नहीं, लेकिन चर्चाएं खूब चल रही हैं।