- राशन डीलरों के यहां उपभोक्ताओं की लगी लंबी लाइन
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: नए सर्वर में आई समस्या के चलते इस बार खाद्यान्न वितरण का काम ठप पड़ा हुआ है। जिसके चलते राशन डीलरों के यहां उपभोक्ताओं की लंबी-लंबी लाइन लगी हुई है। विभाग की ओर से जून माह में राशन वितरण के लिए आठ से 25 जून तक की तिथि निर्धारित की गई है। इस बीच कंकरखेड़ा क्षेत्र समेत कई स्थानों पर खाद्यान्न भी उपलब्ध न करा पाने की स्थिति बनी हुई है। जिसके बारे में डिप्टी आरएमओ अखिलेश कुमार का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र में माह के पहले और शहरी क्षेत्र में दूसरे सप्ताह में खाद्यान्न उपलब्ध कराने की व्यवस्था लागू की गई है।
इस बीच प्रदेश स्तर से जो तिथि घोषित की गई है, उसके अनुसार तीन दिन बीत चुके हैं, और कार्डधारक दुकानदारों पर संदेह जताने लगे हैं। इसी बीच एक स्थिति यह बनी हुई है कि आठ जून से ही राशन वितरण का सर्वर अकसर ठप पड़ा हुआ है। दुकानदारों का कहना है कि दिन भर में चार-पांच कार्डधारकों को भी राशन नहीं मिल पा रहा है। आॅल इंडिया फेयर प्राइज शॉप डीलर्स फेडरेशन के प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील गुप्ता ने बताया कि उनके नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने संयुक्त आयुक्त खाद्य को एक ज्ञापन देकर अपनी मांगों को उठाया है।
जिनमें सर्वर ठप होने के साथ-साथ नई राशन वितरण व्यवस्था से होने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए कुछ सुझाव भी दिए गए हैं। राशन डीलरों का कहना है कि आम तौर पर राशन वितरण का काम एक सप्ताह के दौरान पूर्ण कर लिया जाता था। लेकिन नई व्यवस्था में दो सप्ताह तक का समय लगने लगा है। वितरण में विलंब के कारण दुकानों पर लाइनें भी लगने की स्थिति बन रही है।
गौरतलब है कि पहले से ही राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लागू की गई ई-पॉस मशीन को कांटे से कनेक्ट करने की नीति उपभोक्ताओं और राशन विक्रेताओं के लिए मुसीबत का सबब बन गई है। प्रदेश भर में लागू की गई नई व्यवस्था के कारण राशन वितरण के काम में काफी समय लगने लगा है। जनपद में 885 कोटेदारों के माध्यम से करीब पांच लाख 52 हजार राशन कार्ड धारकों में प्रतिमाह एक लाख कुंतल खाद्यान्न का वितरण किया जाता है। राशन कार्ड धारकों को मिलने वाले खाद्यान्न में घटतौली को रोकने के लिए शासन ने नई व्यवस्था शुरू अप्रैल माह से लागू की गई है।
जिसके अंतर्गत कोटेदार के कांटे को ई-पॉस मशीन से लिंक कर दिया गया है। इससे जितने यूनिट का बॉयोमीट्रिक सत्यापन होता है, उतने ही राशन की तौल की जाती है। इस व्यवस्था में दिक्कत यह सामने आई है कि पूरा राशन तौले बिना मशीन अगले उपभोक्ता को राशन देने की अनुमति नहीं देती है। जबकि पूर्व की व्यवस्था में राशन की दुकान पर एक जगह बॉयोमीट्रिक सत्यापन के बाद पर्ची बनाकर देने और दूसरे स्थान पर राशन तौलकर देने का काम होता रहा है।
अधिकारियों के अनुसार राशन की घटतौली और कालाबाजारी की शिकायतों को समाप्त करने के लिए शासन स्तर से नई व्यवस्था लागू की गई है। इसमें कुछ अधिक समय लगना स्वाभाविक है, लेकिन अब यही विकल्प है। सर्वर ठप होने के बारे में मुख्यालय को अवगत कराया गया है, जहां से समस्या का समाधान कराने के लिए एक-दो दिन का समय लगने की बात कही गई है।