Wednesday, July 23, 2025
- Advertisement -

Dwijapriya Sankashti Chaturthi 2025: द्विजप्रिय संकष्टी व्रत आज, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। आज रविवार को द्विजप्रिय संकष्टी है। यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस व्रत का विशेष महत्व है, ऐसा कहा जाता है कि इस पावन दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सभी बाधाओं से मुक्ति मिलती है और घर में सुख-शांति का वास होता है। दृक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। इस पावन दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सभी बाधाओं से मुक्ति मिलती है और घर में सुख-शांति का वास होता है। तो चलिए जानते है इस दिन का शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि क्या है

द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी तिथि

फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि आरंभ: 15 फरवरी, शनिवार, रात्रि 11: 53 मिनट से फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि समाप्त:17 फरवरी, सोमवार रात्रि 2 :15 मिनट तक ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी का व्रत 16 फरवरी को रखा जाएगा।

द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी 2025 शुभ मुहूर्त

  • ब्रह्म मुहूर्त – प्रातः 05:16 मिनट से प्रातः 06: 07 मिनट तक
  • विजय मुहूर्त – दोपहर 02: 28 मिनट से दोपहर 03:12 मिनट तक
  • गोधूलि मुहूर्त – सायं 06:09 मिनट से सायं 06:35 मिनट तक
  • अमृत काल- रात्रि 09:48 मिनट से रात्रि 11:36 मिनट तक

द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी की पूजा कैसे करें

  • द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें।
  • इसके बाद चौकी पर एक साफ कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश और शिव परिवार की मूर्तियाँ स्थापित करें।
  • फिर उन्हें मोदक, लड्डू, अक्षत और दूर्वा जैसी सामग्री चढ़ाएं।
  • भगवान गणेश के माथे पर तिलक करें और देसी घी का दीप जलाकर उनकी आरती करें।
  • इसके बाद, श्रद्धा पूर्वक व्रत कथा का पाठ करें।
  • कथा समाप्त होने पर गणेश जी को मिठाई, मोदक और फल का भोग अर्पित करें।
  • सुखद जीवन की कामना करते हुए प्रसाद का वितरण करें।

इन मंत्रों का करें जाप

श्री गणेश मंत्र

ऊँ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा ॥

गणेश गायत्री मंत्र

ॐ एकदन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि,
तन्नो दन्ति प्रचोदयात्॥

ऋणहर्ता गणपति मंत्र

ॐ गणेश ऋणं छिन्धि वरेण्यं हुं नमः फट्॥

What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

सावन शिवरात्रि कल: विवाह की बाधाएं दूर करने के लिए करें ये विशेष उपाय

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत...

Weather News: मौसम के बदले तेवर, दिल्ली-गुरुग्राम में हुई जमकर बारिश

नमस्कार दैनिक जनवाणी डॉट कॉम वेबसाइट पर आपका...

Share Market Today: शेयर बाजार में तेजी, सेंसेक्स और निफ्टी नई ऊंचाई पर पहुंचे

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉट कॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक...
spot_imgspot_img