नई दिल्ली: आज मंगलवार को दिल्ली एनसीआर, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। कुछ सेकेंड के लिए धरती हिली। घबराए लोग अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए। पंजाब में गुरदासपुर, होशियारपुर, लुधियाना और जालंधर समेत पूरे प्रदेश में लोगों को हल्के झटके लगे। वहीं हरियाणा में फतेहाबाद में हल्की कंपन हुई तो घबराए लोग अपने घरों से बाहर आ गए।
हिमाचल प्रदेश में भी मंगलवार को दोपहर 1:33 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटके लगते ही लोग दहशत में घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए। हालांकि जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है। चंबा जिले के भरमौर, कुल्लू, ऊना, हमीरपुर, मंडी में भूकंप के झटके महसूस किए गए।
राज्य आपदा प्रबंधन के प्रवक्ता के बताया कि प्रदेश के कई जिलों में भूकंप के झटके लगे हैं। फिलहाल कोई नुकसान नहीं हुआ है। वहीं हिमाचल प्रदेश के पड़ोसी राज्य जम्मू-कश्मीर में किश्तवाड़ से 30 किमी दक्षिण पूर्व में रिक्टर पैमाने पर 5.7 तीव्रता का भूकंप आया।
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है।
फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।
भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।