नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। आज ईस्टर संडे है। ईसाई धर्म का एक प्रमुख और पवित्र त्योहार, जो प्रभु यीशु मसीह के पुनरुत्थान की स्मृति में पूरे विश्व में श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। यह पर्व न केवल आध्यात्मिक पुनर्जन्म का प्रतीक है, बल्कि मानवता के लिए आशा, प्रेम और नई शुरुआत का संदेश भी देता है। इस खास अवसर पर चर्चों में विशेष प्रार्थना सभाओं का आयोजन किया जाता है, जहां श्रद्धालु प्रभु यीशु के जीवन, बलिदान और पुनरुत्थान पर ध्यान करते हैं। इसे “पाम संडे” के नाम से भी जाना जाता है। आइए जानते हैं कि ईस्टर संडे की महत्ता क्या है।
कब है ईस्टर संडे?
ईस्टर संडे आज यानी 20 अप्रैल को मनाया जाएगा। इससे दो दिन पहले, 18 अप्रैल को गुड फ्राइडे था, जो प्रभु यीशु के बलिदान की याद दिलाता है।
महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन प्रभु यीशु मृत्यु के तीन दिन बाद पुनः जीवित हुए थे। इसके बाद उन्होंने चालीस दिनों तक अपने शिष्यों के साथ समय बिताया और लोगों को प्रेम, दया और क्षमा का संदेश दिया। फिर वे स्वर्ग की ओर प्रस्थान कर गए। यही वजह है कि इस चमत्कारी घटना की याद में लोग ईस्टर संडे मनाते हैं।
कैसे मनाया जाता है ईस्टर संडे?
इस पावन दिन पर ईसाई समुदाय के लोग चर्च जाकर प्रार्थना करते हैं और मोमबत्तियां जलाते है। इस दिन लोग एक-दूसरे को त्योहार की शुभकामनाएं देते हैं।
ईस्टर की खास परंपरा है कि इस दिन अंडों को रंग-बिरंगे रूप में सजाया जाता है और उपहार के रूप में बांटा जाता है। बाइबल पाठ और आध्यात्मिक गीतों के माध्यम से इस दिन का महत्व और गहराई से महसूस किया जाता है।