- सबकुछ चल रहा कागजों में, धरातल पर कुछ नहीं
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: दो दशक से भैंसाली बस स्टैंड शहर से बाहर शिफ्ट हो रहा हैं। यह सब कागजों में चल रहा हैं, धरातल में नहीं। फाइल तैयार होती हैं। शासन स्तर पर भेजी जाती हैं, लेकिन फिर वहीं ढाक के तीन पात। नतीजा सिफर हैं। सार्थक प्रयास इस दिशा में नहीं होते। यदि होते तो शायद बहुत पहले भैंसाली बस स्टैंड कभी का शहर से बाहर शिफ्ट हो गया होता। इसके लिए पहले बागपत बाइपास स्थित एक बड़ा जमीन का भू-भाग मास्टर प्लान में चिन्हित कर छोड़ा गया था।
वर्तमान में भी यह जमीन खाली पड़ी हैं। जमीन किसान की है, लेकिन इसका अधिग्रहण किया जाना था, जो एमडीए ने नहीं किया। अब वर्तमान में हालात ऐसे है कि इस भूमि पर भी अवैध कॉलोनी कट रही हैं। इस जमीन पर बिल्डिंग बनने लगी हैं। इस तरह से एमडीए ने भी आंखें मूंद रखी हैं। मास्टर प्लान के अनुसार भैंसाली बस स्टैंड बागपत बाइपास पर जाना चाहिए था, लेकिन प्लानिंग के अनुसार काम ही नहीं हुआ, जिसके चलते दो दशक बीत गए।
अब 2031 मास्टर प्लान तैयार हो रहा हैं। इसमें भी फिर से शहर से बाहर डिपो को शिफ्ट करने की प्लानिंग बनेगी, फिर कवायद होगी। इसके बाद नतीजा क्या रहेगा, आप भी जानते है और हम भी। हालांकि वर्तमान में कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह ने भैंसाली बस स्टैंड को शहर से बाहर शिफ्ट करने को लेकर गंभीर हैं। कमिश्नर लगातार मीटिंग में अधिकारियों को नसीहत भी दे रहे हैं।
कह रहे है कि लंबे समय से रोडवेज बस स्टैंड के लिए बाहर जमीन नहीं तलाश पाए हैं, तो फिर क्या करेंगे? कमिश्नर इसको लेकर अधिकारियों पर नाराजगी भी जता चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी भैंसाली बस स्टैंड के लिए बाहरी क्षेत्र में जमीन तक नहीं तलाशी जा सकी हैं।
न्यू टीपी नगर की फाइल भी एमडीए में हुई बंद
ट्रांसपोर्ट नगर भी शहर से बाहर शिफ्ट किया जाना था। इसका प्रस्ताव भी लंबे समय से चल रहा हैं। बागपत रोड स्थित पाचली में न्यू ट्रांसपोर्ट नगर विकसित किया जाना था। इसके लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी एमडीए ने आरंभ कर दी थी। तेजी से इस दिशा में काम चल रहा था, लेकिन अचानक एमडीए ने न्यू ट्रांसपोर्ट नगर विकसित करने से हाथ पीछे खींच लिये।
अब इसकी फाइल भी बंद कर दी गई हैं। कहा जा रहा है कि ट्रांसपोर्टर शहर से बाहर जाने के लिए रजामंद नहीं हैं। फिर शहर से बाहर ट्रांसपोर्ट नगर को कैसे शिफ्ट किया जाएगा? यह बड़ा सवाल हैं। शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने की दिशा में मीटिंग तो खूब हो रही हैं, लेकिन ट्रांसपोर्ट नगर को शिफ्Þट क्यों नहीं किया जा रहा ? शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारना है या फिर इसी तरह से ठंडे बस्ते में फाइल पड़ी रहेगी।