- शहर में है कई अवैध कॉलोनी, जिनको लेकर उठ रहे सवाल
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: अवैध कॉलोनी बनाकर बेचने वाले भू-माफिया ने सरकार में भले ही चुनाव लड़कर मजबूरी में हिम्मत जुटाई हो, पर भाजपा प्रत्याशी धर्मेंद्र भारद्वाज के चरणों में नतमस्तक हो कर पहले ही सरेंडर कर देने से ये भू-माफिया अपने सभी अवैध-धंधों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बुलडोजर की कार्रवाई को सेफ बचा ले गया, जिस कारण ये हारकर भी जीत गया है।
सुनील रोहटा की शहर में कई कॉलोनी हैं, जिनको लेकर सवाल उठ रहे थे कि भाजपा के सामने नामांकन दाखिल करने पर उनकी अवैध कॉलोनियों पर बुलडोजर चल सकता हैं। खुद भी सुनील रोहटा भयभीत थे, जिस दिन रालोद के राष्टÑीय अध्यक्ष जयंत चौधरी मेरठ आये, तब उन्होंने मंच से कहा भी था कि सरकार उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकती हैं।
पहले तो सुनील रोहटा ने अपने नामांकन पत्र में ही पिता का नाम गलत लिख दिया था, जिसे डीएम के. बालाजी ने बुलाकर ठीक करा दिया। इसके बाद सुनील रोहटा का चुनाव लड़ना मजबूरी हो गया था, जिसके बाद वह भयभीत भी था, क्योंकि उनकी एक कॉलोनी में तो सरकारी जमीन तक है, जिसकी फाइल भी प्रशासन ने निकाल ली थी। यही नहीं, उनकी तमाम कॉलोनियों में कुछ मानचित्र स्वीकृत कराया जाता हैं, पीछे का हिस्सा अनप्रूड होता हैं।
इस तरह का उनकी ज्यादातर कॉलोनियों में खेल किया गया हैं। खुद सुनील रोहटा भी इस बात को जानता है, जिसके चलते कॉलोनी में बुलडोजर भी नहीं लगे और चुनाव भी हो जाए, ऐसे में चुनाव लड़ने से पहले ही सुनील रोहटा ने भाजपा प्रत्याशी धर्मेंद्र भारद्वाज के सामने सरेंडर कर दिया था। यही वजह है कि सम्मेलन दर सम्मेलन तो बहुत किये, लेकिन बीडीसी सदस्य, जिला पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान और पार्षदों से सीधे संवाद ही नहीं किया गया।
एमएलसी के चुनाव में करीब 900 मत मुस्लिम मतदाताओं के थे, यदि प्रयास किये गए होते तो मुस्लिमों की वोट मिल सकती थी। यही नहीं, 450 वोट जाटों के थे। ये वोट भी मिल सकती थी। हैरान कर देने वाली बात यह है कि सुनील रोहटा को मुस्लिमों ने भी वोट नहीं दिये तथा मुस्लिम वोटर भी भाजपा को वोट दे गए। यही सुनील रोहटा के सरेंडर करने वाले तथ्य को उजागर कर रहा हैं।
जिस जोश के साथ रालोद ने सुनील को चुनाव मैदान में उतारा था, उससे भाजपा पहले घबरा गई थी, लेकिन अवैध कॉलोनियों पर बुलडोजर चले, इससे पहले ही सुनील रोहटा ने भाजपा प्रत्याशी के सामने सरेंडर कर दिया था। यही वजह रही कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बुलडोजर भू-माफिया पर नहीं चला। इस तरह से सुनील रोहटा हार कर भी जीत गया हैं।