- दुकानों के सामने से हटाया जा रहा अतिक्रमण
- महिला थाने के सामने और एमडीए के सामने होती है अवैध पार्किंग
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शहर में अवैध पार्किंग और सड़कों पर हुए अतिक्रमण को हटाने के निर्देश दिये गये हैं, लेकिन यहां मेरठ के सरकारी विभागों के सामने की बात की जाए तो यहां सरकारी विभागों के सामने ही अवैध कब्जे हुए हैं। यहां ट्रैफिक विभाग और महिला थाने के ठीक सामने फुटपाथ पर ही पार्किंग हो जाती है, लेकिन काई इसे देखने वाला नहीं है। जबकि रोज अभियान चलता है, लेकिन वह सिर्फ व्यापारियों के खिलाफ चलाया जा रहा है।
आम आदमी के खिलाफ तो कार्रवाई कर रहे हैं, लेकिन यहां सरकारी विभागों के खिलाफ अभियान कौन चलाएगा। यहां मेरठ शहर की ही बात करें तो कई विभाग ऐसे हैं जहां इनके कार्यालयों के सामने ही खुले में सड़क पर ही वाहन खड़े किये जाते हैं। फुटपाथ बने हैं जिनपर खूब गाड़ियों खड़ी की जाती हैं, लेकिन इनके खिलाफ कोई अभियान नहीं चलाया जा रहा है।
नगर निगम, ट्रैफिक विभाग शहर में अभियान चलाकर अवैध पार्किंग और अतिक्रमण हटा रहा है, लेकिन इन विभागों की नजर शायद यहां एमडीए के सामने वाले मार्ग पर नहीं पड़ी है। यहां पुलिस लाइन के ठीक सामने एमडीए तक फुटपाथ बना है। यहीं पर प्रतिसार निरीक्षण पुलिस लाइन का आवास भी है।
यहां इस फुटपाथ पर रोजाना सैकड़ों की संख्या में कारों को फुटपाथ पर चढ़ाकर खड़ा किया जाता है, लेकिन इसे कोई देखने वाला नहीं है। यह हाल एमडीए के बराबर से लेकर पुलिस लाइन के मुख्य द्वार तक रहता है। सभी लोग यहां पर वाहन खड़े करते हैं, लेकिन कोई देखने वाला नहीं है। जबकि अभियान चलाने वाले लोग शहर में छोटे व्यापारियों को खूब परेशान कर रहे हैं।
मेरठ कॉलेज के सामने सड़क पर ही खड़े होते हैं वाहन
मेरठ कालेज के सामने और कचहरी की दीवार के पास अवैध रूप से पार्किंग की जाती है। सड़क पर मुख्य मार्ग को आधे से ज्यादा घेर लिया जाता है और अवैध रूप से पार्किंग की जाती है। इसके बावजूद यहां से अभी तक इन वाहनों को सड़क से हटाया नहीं जाता है। जबकि यहां सड़क किनारे निशान तक बने हैं।
बावजूद इसके इन निशानों के ऊपर तक वाहन खड़े किये जाते हैं और कोई देखने वाला नहीं है। यह हाल कमिश्नरी से लेकर कचहरी नाले तक रहता है। जिसके कारण यहां रोजाना जाम लगता है। बावजूद इसके इस समस्या का हल नहीं निकल पाया है। जिस कारण आम जनता को परेशान होना पड़ता है।