जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कहावत है, कड़वी और ऊपर से नीम पर चढ़ी, मतलब क्रांतिधरा पर मल्टीलेवल पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में वाहन चालकों की मनमानी जहां चाहे वहां वाहन पार्क कर देते हैं। उनके लिए सब जायज है। शहर में नो-पार्किंग जोन में वाहन खड़ा करना लोगों की आदत में शुमार हो गया है। यातायात विभाग भी लाचार नजर आ रहा है। विभाग हर महीने सैकड़ों वाहनों का नो-पार्किंग में चालान काट रहा है। यह जानकारी यातायात विभाग ने सूचना के अधिकार के तहत दी है। चालान काटे जाने के बावजूद मार्गों पर वाहन आसानी से दिखाई दे जाते हैं।
शहर में ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने समेत गलत पार्किंग पर नकेल डालने के लिए कई स्थानों पर नो पार्किंग जोन बनाए गए हैं। इसके बावजूद न तो चार पहिया वाहन चालकों को यातायात नियमों की परवाह है और न ही कार्रवाई का डर। उनकी मनमानी और पुलिस विभाग की अनदेखी का खामियाजा आमजन भुगत रहे हैं। बता दें कि शहर में नो पार्किंग जोन में भी धड़ल्ले से वाहन खड़े होते हैं। शहर की सड़कों से लेकर नेशनल हाईवे पर यातायात के नियमों की धज्जियां उड़ रही है। हालांकि, यातायात व्यवस्था बनाए रखने के लिए चौकों पर पुलिस कर्मचारी तैनात हैं। मगर, ये सिर्फ दोपहिया वाहन चालकों के चालान करके सरकार के खजाने को भरने में जुटे रहते हैं। उधर, सड़कों पर मनमर्जी से खड़ा करने वाले चार पहिया वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई से गुरेज किया जा रहा है।
गाड़ी या बाइक से घूमने का अपना अलग ही मजा है, आपको ना ही किसी स्टॉपेज पर उतरना है और ना ही किसी भी तरह की टिकट वगैरा लेनी है। बस वाहन में बैठने के बाद आपको सीधा अपनी मंजिल तक चलते जाना है, लेकिन कई लोग ऐसे होते हैं, जो अपनी मंजिल पर पहुंचने के बाद बिना देखे वाहन को कहीं भी खड़ी करके चले जाते हैं। फिर ऐसे में आती है क्रेन और लादकर लेकर जाती है आपकी गाड़ी या बाइक को। बता दें कि सड़क पर ऐसा करने से आपका भारी भरकर चालान कट सकता है, अगर किसी ने सड़क या किसी मार्केट में ऐसे ही गाड़ी खड़ी कर दी तो उसे ट्रैफिक पुलिस कर्मी टोट्रक के जरिए लेकर चले जाते हैं। ऐसे में जब वाहन उठ जाता है, तो लोगों को समझ नहीं आता कि अब क्या किया जाए और कैसे उन्हें अपनी गाड़ी वापस मिलेगी।
दो पहिया वाहनों का हुजूम पर पार्किंग नहीं
नगर में वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन नगर में खासकर दोपहिया वाहनों की पार्किंग के लिए जगह नहीं है। लोग दोपहिया वाहनों को सड़कों के किनारे बेतरतीब खड़े करने को मजबूर हैं। कई स्थानों पर फुटपाथ पर भी काफी संख्या में वाहन खड़े रहते हैं। दूसरी तरफ नगर निगम नए पार्किंग स्थल विकसित नहीं कर पा रही है। अक्सर सार्वजनिक शौचालयों के पास भी चालक अपने दो पहिया वाहनों को खड़ा कर देते हैं, जिससे लोगों को शौचालय जाने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इधर लोगों ने बताया कि वाहनों की पार्किंग की समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है।
मामूली है जुर्माना
चौपहिया के साथ-साथ नगर में दो पहिया वाहन भी तेजी से बढ़े हैं। पार्किंग नहीं होने से दो पहिया वाहन चालक अपने वाहनों को या तो सड़क किनारे फुटपाथ पर या फिर सड़क के दोनों छोर में कहीं भी खड़ा कर देते हैं। फुटपाथ पर वाहन खड़ा होने से पैदल चलने वालों को भी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इससे वाहन चालक भुगतान कर आसानी से बच निकलते हैं।