Friday, May 16, 2025
- Advertisement -

रोक के बाद भी जेल में आ रहीं बाहरी दवाएं

कोरोना के चलते फिलहाल मिलाई है बंद, लेकिन खर्चे के लिए भेजे जा सकते हैं पैसे

गिनती कटने से लेकर बाहर का सामान भीतर भेजने तक का है इंतजाम

जनवाणी ब्यूरो |

मेरठ: सेटिंग है तो जेल में तमाम सहूलियतें हासिल की जा सकती हैं। चौधरी चरण सिंह जिला कारागर में बंद विचाराधीन कैदियों को पैसे भेजने से लेकर खाने पीने का तमाम बाहरी सामान दवाएं आदि चीजें भेजी जा रही हैं। अगर आपकी सेटिंग है तो आप आसानी से इनको भेज सकते हैं।

गेट पर मेले सरीखा माहौल

बुधवार की सुबह चौधरी चरण सिंह कारागार के गेट के बाहर मेले सरीखा माहौल था। हालांकि जितनी भीड़ मिलाई के दिनों में रहती है उतनी भीड़ तो नहीं थी, फिर भी पर्याप्त संख्या में लोग वहां मौजूद थे। यहां मौजूद महिला व पुरूषों के हाथों में एक पर्ची थमाई गई थी, इस पर्ची पर नंबर दिया गया था। कारागार के मेनगेट के सामने बैठे दो कर्मचारी जिस नंबर की आवाज लगाते उसी नंबर वाला सामान उठाकर भीतर दाखिल हो जाता।

सामान की पूरी खेप भीतर

कारागार में बंद कैदियों के लिए जो लोग सामान लेकर पहुंचे थे वो कोई थोड़ा बहुत सामान नहीं था। बल्कि सामान के नाम पर प्लास्टिक के भरे हुए थैले थे। हालांकि इनमें था सामान ही, लेकिन जिस तरह से सामान लेकर पहुंच रहे थे उसे देखकर ऐसा लगता था मानों महीने भर का रसोई का सामान लेकर पहुंचे हैं। जितने भी लोग वहां पहुंचे थे, सभी के साथ सामान के बडे थैले थे।

MRT3mrt13 2.JPG c scaled

सामान के साथ नकदी भी जरूरी

जेल में बंद अपने करीबियों के लिए जो लोग सामान लेकर पहुंचे थे, उन्होंने अपनी पहचान ना जाहिर करते हुए बताया कि केवल सामान से ही काम नहीं चलता। सामान उन्हीं का भीतर कैदियों तक भेजा जाता है, जो नकदी भी थमाते हैं।

जेल में अस्पताल, फिर भी बाहर से दवाएं

यूं कहने को जेल में विचाराधीन कैदियों के बीमार होने पर उनके लिए सरकार की ओर से जेल परिसर के भीतर ही अस्पताल खोला हुआ है। बीमार होने पर बेड की भी व्यवस्था है। नियमित रूप से वहां डाक्टर भी रहते हैं। इसके बाद भी कई लोग ऐसे थे जो सामान के साथ दवाएं आदि भी लेकर पहुंचे थे। बाहरी दवाओं को यूं पहुंचाना खतरे से खाली नहीं माना जाता।

सुरक्षा में गंभीर चूक

जिला कारागार में बड़ी संख्या में कैदी बंद हैं। इनमें से कई खुंखार कैदी भी हैं। जिला कारागार की पहचान यूं तो आतंकवादियों को रखे जाने के लिए भी है। लेकिन बुधवार जेल के मुख्य भवन तक पहुंचने वाले रास्ते पर जितने भी चैक पोस्ट और मेडिकल थाना की चौकी बनी हुई थी उनमें से किसी पर भी एक भी सुरक्षा कर्मी मौजूद नहीं था। तमाम चैक पाइंट खाली थे।

वरिष्ठ जेल अधीक्षक जेल विद्युदत्त पांडे ने बताया कि कोरोना संक्रमण शुरू होने के बाद से मिलाई कराने पर सरकार से रोक लगी है। अस्थायी जेल में फिलहाल करीब सौ कैदी रखे गए हैं, जबकि स्थायी जेल में 26 सौ कैदी रखे गए हैं। तमाम कायदे कानूनों का पालन सख्ती से कराया जाता है।

spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

Nirjala Ekadashi 2025: निर्जला एकादशी व्रत कब? जानें तिथि और नियम

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत...

Dipika Kakar: खतरनाक बीमारी की चपेट में आईं दीपिका कक्कड़, शोएब ने जताई चिंता

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत...
spot_imgspot_img