जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा पैनल के नोटिस के खिलाफ फेसबुक इंडिया के प्रमुख ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट कल यानि बुधवार को सुनवाई करेगा।
दिल्ली दंगों के मामले में विधानसभा पैनल के नोटिस के खिलाफ फेसबुक इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट अजीत मोहन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस मामले की सुनवाई कोर्ट बुधवार को करेगा। दिल्ली विधानसभा के शांति और सद्भाव पैनल ने अजीत मोहन को नोटिस जारी किया है।
विधानसभा के पैनल ने बीते मंगलवार को फेसबुक पर लगे आरोपों की सुनवाई के दौरान उसका कोई प्रतिनिधि पेश नहीं होने पर उसे अंतिम नोटिस जारी किया था। आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक और पैनल के अध्यक्ष राघव चड्ढा ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान कहा था कि फेसबुक के किसी प्रतिनिधि का समिति के सामने पेश नहीं होना, न केवल विधानसभा की अवमानना है बल्कि दिल्ली के दो करोड़ लोगों का अपमान भी है।
Facebook India Vice President files plea in Supreme Court against a notice issued by Delhi Assembly's Peace & Harmony to appear before it for the social media plateform's alleged role in the Delhi riots in February. The court to consider the matter tomorrow.
— ANI (@ANI) September 22, 2020
पैनल ने फेसबुक इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट तथा प्रबंध निदेशक अजीत मोहन को नोटिस भेजकर देश में कथित रूप से घृणास्पद सामग्री पर रोक लगाने के लिए जानबूझकर कोई कार्रवाई नहीं करने की शिकायतों के संबंध में पेश होने के लिए कहा था।
राघव चड्ढा ने फेसबुक पर साधा था निशाना
फेसबुक के वकील ने पैनल के नोटिस के जवाब में कहा था कि चूंकि, मामला संसद के समक्ष विचाराधीन है। ऐसे में इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है। इस पर राघव चड्ढा ने फेसबुक पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था, ”पैनल के समक्ष पेश होने में फेसबुक की नाकामी दर्शाती है कि वह दिल्ली दंगों में अपनी भूमिका छिपाना चाहता है।” चड्ढा ने पैनल के सदस्यों के साथ विचार-विमर्श के बाद फेसबुक को अंतिम नोटिस जारी करने का फैसला किया था। फेसबुक को ताजा समन प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के अनुरूप जारी किया जाएगा।
अमेरिकी अखबार की खबर के बाद शुरू हुई कार्यवाही
विधानसभा पैनल ने अमेरिकी अखबार ‘वॉल स्ट्रीट जनरल’ की एक खबर के बाद यह कार्यवाही शुरू की थी। इस खबर में दावा किया गया था कि फेसबुक इंडिया के एक वरिष्ठ नीति निर्धारक ने कथित रूप से भड़काऊ पोस्ट साझा करने वाले तेलंगाना के भाजपा विधायक को स्थायी रूप से प्रतिबंधित करने में रुकावटें पैदा की थीं।