Saturday, April 19, 2025
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कॉरिडोर के बाबरी प्लांट पर किसानों का कब्जा, धरना

  • किसानों की समस्याओं के समाधान को बेमियादी धरना
  • बृहस्पतिवार को धरनास्थल बुटराड़ा से बाबरी प्लांट पर

जनवाणी संवाददाता |

शामली: दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर मामले में किसानों की समस्याओं के समाधान किये बिना कंपनी द्वारा निर्माण कार्य प्रारंभ किए जाने का विरोध करते हुए भाकियू और संघर्ष समिति के आह्वान पर किसानों ने बाबरी स्थित प्लांट पर धावा बोल दिया। प्लांट पर कब्जा कर किसानों ने बुटराड़ा के स्थान पर बृहस्पतिवार को बाबरी प्लांट पर धरना दिया। किसानों ने कहा कि प्रशासन उनको हलके में न ले।

उन्होंने चेताया कि समस्याओं के समाधान किये बिना कार्य करने का सख्त विरोध किया किया जाएगा। उन्होंने पांच सितंबर से पहले कार्य प्रारंभ न किये जाने की चेतावनी दी है।

दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर को लेकर बुटराड़ा के समीप बृहस्पतिवार को 36 वें दिन भी किसानों का अनिश्चिकालीन धरना जारी रहा। इसी दौरान दोपहर करीब 2.30 बजे किसानों को सूचना मिली कि बाबरी एवं गांव ख्यावड़ी के जंगल में कंपनी ने निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया है। इस पर किसान दौड़कर बाबरी स्थित कंपनी के प्लांट पर पहुंचें। उन्होंने समस्याओं के समाधान किये बिना निर्माण कार्य प्रारंभ करने का विरोध करते हुए प्लांट पर धावा बोल प्रदर्शन करते हुए धरना प्रारंभ कर दिया। संघर्ष समिति के महासचिव विदेश मलिक ने कहा कि शासन-प्रशासन हठधर्मिता पर उतारू है।

उसके द्वारा न तो आर्बिटेशन पर सुनवाई की जा रही है, न ही किसानों की अन्य समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। इसलिए जब समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता, तब तक कार्य नहीं करने दिया जाएगा।
बाबरी प्लांट पर धरना-प्रदर्शन को संबोधित करते हुए भाकियू के जिलाध्यक्ष कपिल खाटियान ने कहा कि शासन-प्रशासन किसानों से बातचीत करने को तैयार नहीं है। लेकिन बिना बातचीत किये औरा समस्याओं का समाधान हुए कॉरिडोर का निर्माण कार्य प्रारम्भ नहीं होने दिया जाएगा। प्रशासन किसानों को लेकर किसी गलत फहमी में न रहे। अगर उसको गलत फहमी है तो उसको निकाल दें। कॉरिडोर को लेकर बागपत में भी धरना-प्रदर्शन चल रहा है। किसी भी कीमत पर प्रशासन का तुगलकी फरमान नहीं चलेगा। अगर उसको जोर आजमाइश करनी है तो कर ले।

केंद्र सरकार को भी तीन कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर 13 माह तक चले किसान आंदोलन को लेकर गलत फहमी थी, लेकिन उसको भी किसानों के आगे झुकते हुए कानून वापस लेने पडेÞ थे। इसलिए प्रशासन आगामी पांच सितंबर को कलक्ट्रेट में होने वाली किसान महापंचायत तक दिल्ली-सहारनपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर का निर्माण कार्य बिल्कुल बंद रखे। किसान महापंचायत में भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत के निर्णय के बाद ही आगे का कदम उठाए।
धरने पर किसानों के बीच एसडीएम शामली विशु राजा और सीओ थानाभवन श्रेष्ठा ठाकुर भी पहुंचें। उन्होंने किसानों को मनाने की कोशिश की लेकिन किसान टस से मस नहीं हुए।

उनका साफ कहना था कि पहले कॉरिडोर से संबंधित किसानों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा, उसके बाद ही कॉरिडोर का निर्माण कार्य प्रारंभ करने दिया जाएगा। इसके बाद एसडीएम और सीओ वापस लौट गए। धरनास्थल पर बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।

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